- व्यापारी नेता कंछल की पिटाई के विरोध में थोक बाजार बंद, 500 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने का दावा

- बंदी के विरोध में वकीलों ने कंछल का पुतला फूंका, घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग

- एक दिन की बंदी से बैंकिंग कारोबार पर भी असर, 300 करोड़ का बिजनेस हुआ प्रभावित

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KANPUR : व्यापारी नेता बनवारी लाल कंछल की पिटाई के विरोध में थर्सडे को हुई बाजार बंदी का आंशिक असर दिखा। कई थोक बाजारें दोपहर बाद खुली मिलीं। समर्थन के नाम पर व्यापारियों ने अपनी दुकानों के शटर आधे ही गिराए। उधर, वकीलों ने कंछल का पुतला फूंककर बाजार बंदी का विरोध किया। व्यापारियों के एक गुट ने करीब पांच सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित होने का दावा किया है। हालांकि, आंशिक बंदी की वजह से बैंक्स में करीब फ्00 करोड़ के बिजनेस पर असर पड़ा।

बंदी का दिखा आंशिक असर

पिछले दिनों लखनऊ में एक वकील द्वारा व्यापारी नेता को पीटे जाने के विरोध में कानपुर उद्योग व्यापार मंडल ने क्क् दिसंबर को बाजार बंदी का आह्वान किया था, लेकिन बंदी का आंशिक असर दिखा। व्यापारियों के गुट भी बंटे हुए नजर आए। बंदी के नाम पर नयागंज, चौक बाजार दोपहर बाद पूरी तरह से खुल गईं। हालांकि, समर्थन में उतरी सर्राफा मार्केट की अपील के बावजूद कानपुर उद्योग व्यापार मंडल ने बंदी से दूरी बनाए रखी। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्रा के मुताबिक बंदी सफल रही। वहीं कानपुर व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष सुनील बजाज ने कहा कि व्यापारियों की मांग है कि इंक्वॉयरी या कार्यवाही के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। कोई भी आदमी व्यापारियों को हथियार नहीं बना सकता।

वकीलों ने फूंका पुतला

पिटाई के विरोध में व्यापारियों ने बाजार बंद रखी। वहीं वकीलों ने इस बाजार बंदी पर विरोध जताया। यंग लायर्स एसोसिएशन व कानपुर के सभी वकीलों ने घटना की निंदा करते हुए व्यापारी नेता कंछल का पुतला फूंककर नारेबाजी की। अध्यक्ष सुरेश गौड़ व महामंत्री रतन अग्रवाल समेत सभी वकीलों ने घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच कर किसी की गिरफ्तारी नहीं किए जाने की मांग की है। वहीं, अन्यथा की स्थिति में हड़ताल की चेतावनी भी दी।

फ्00 करोड़ का बैंकिंग लेनदेन प्रभावित

बंदी की वजह से बैंकिंग कारोबार भी प्रभावित रहा। यूपी बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल सोनकर ने बताया कि एक दिन की बंदी की वजह से करीब फ्00 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। इनमें करीब 90 करोड़ की क्लियरिंग, ब्0 करोड़ का नकद जमा, ब्भ् करोड़ का भुगतान, 80 करोड़ का आरटीजीएस व फ्भ् करोड़ के अन्य लेनदेन प्रभावित रहे।

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