कानपुर (ब्यूरो) कानपुर से हर साल हजारों करोड़ का लेदर व लेदर गुड्स एक्सपोर्ट होता है। जाजमऊ में 400 से अधिक टेनरियां मौजूद हैं। इसके अलावा शहर के अलग-अलग हिस्से पनकी दादा नगर, फजलगंज, सिंहपुर में लेदर फुटवियर का काम होता है। ऐसे में यहां के लेदर की पूरी दुनिया में डिमांड रहती है। काउंसिल फॉर लेदर स्पोट्र्स के ऑफिसर्स के मुताबिक, इन दिनों कानपुर से अमेरिका, इटली, यूके, रूस, मलेशिया, तुर्की और बांग्लादेश में सबसे ज्यादा लेदर फुटवियर का एक्सपोर्ट हो रहा है। लेदर फुटवियर की कैटेगरी में जूता, चप्पल, सैंडल, बूट और अन्य किस्म के प्रोडक्ट्स हैं।

39 परसेंट की ग्रोथ
कोरोना की वजह से वर्ष-2020 व 2021 में लेदर फुटवियर एक्सपोर्ट को लेकर थोड़ी गिरावट जरूर दर्ज की गई। लेदर का एक्सपोर्ट प्रभावित रहा। इसके अलावा वॉटर पॉल्यूशन और अन्य समस्याओं से भी लेदर इंडस्ट्री अपने बुरे दौर से गुजरी। कोरोना के बाद से भी फिर मांग ने रफ्तार पकड़ी है। इसमें सबसे ज्यादा लेदर फुटवियर की डिमांड बढ़ी है। आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2021 में लेदर फुटवियर का एक्सपोर्ट 1233 करोड़ रुपए का था। वहीं 2022 में यह बढ़कर 1723 करोड़ रुपए पहुंच गया। यानि 2022 में सिर्फ लेदर फुटवियर एक्सपोर्ट में लगभग 39 परसेंट की ग्रोथ देखी गई। वहीं, सिर्फ यूएसए में ही लगभग पांच सौ करोड़ रुपए के लेदर फुटवियर को एक्सपोर्ट किया गया है।

एक्सपोर्ट करने वाले प्रमुख शहर
टेनरी संचालकों के मुताबिक, लेदर फुटवियर की डिमांड पूरी दुनिया में रहती है, लेकिन कानपुर की क्वालिटी अलग होने की वजह से सबसे ज्यादा यहीं से लेदर फुटवियर को एक्सपोर्ट किया जा रहा है। इसके अलावा सैडलरी, फुटवियर कम्पोनेंट, गारमेंट्स, गलव्स, लेदर गुड्स, नॉन लेदर फुटवियर का भी एक्सपोर्ट किया जाता है। वहीं, कानपुर के अलावा आगरा, कोलकाता, चेन्नई, जालंधर आदि शहरों से भी लेदर प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट किया जाता है।

चीन सबसे बड़ा खरीददार
वहीं, डीजीसीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के अलग-अलग शहरों से दुनिया में लेदर फुटवियर सबसे ज्यादा चीन, वियतनाम, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, स्पेन, यूके, स्विट्जरलैंड में एक्सपोर्ट होता है। इनमें अप्रैल-नवंबर 2022 तक सिर्फ छह महीने में ही चीन में लगभग आठ सौ करोड़ रुपए का लेदर फुटवियर एक्सपोर्ट किया गया है।

6 हजार से लेदर कलस्टर
लेदर इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों की मांग पर रमईपुर में लगभग छह हजार करोड़ रुपए की लागत से लेदर क्लस्टर बनाया जा रहा है। इसके बनने से कई लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही इसमें 350 से अधिक लेदर फैक्ट्रियों की स्थापना की जाएगी। इसके बनने से टेनरियों में होने वाले सभी काम एक ही जगह पर होंगे। मेगा क्लस्टर के बनने के बाद से लेदर इंडस्ट्री बड़ी ग्रोथ देखने को मिलेगी।

यह भी जाने
400 से अधिक टेनरियां जाजमऊ में
250 टेनरियां हो रही हैं संचालित
2021 के मुकाबले 30 परसेंट ग्रोथ
1723 करोड़ पहुुंचा फुटवियर एक्सपोर्ट
92 परसेंट पूरे देश में फुटवियर सप्लाई

लेदर फुटवियर एक्सपोर्ट
साल-----रुपए
2022----1723
2021----1233
2020----1264
2019----1368
2018----1270
(नोट आंकड़े करोड़ में)

कानपुर लेदर गुड्स प्रोडक्शन का हब है, लेकिन आए दिन किसी न किसी कारण से टेनरियां बंद करवा दी जाती हैं। जिससे कारोबार प्रभावित होता है। टाइम पर ऑर्डर तैयार नहीं हो पाते हैं। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारियों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
डॉ। फिरोज आलम, मेरिट लेदर फिनिशिंग, प्रोपाइटर

लेदर फुटवियर में सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट अमेरिका, इटली, रूस को हो रहा है। मामूली ग्रोथ भी आई है, लेकिन अगर टेनरियों को आए दिन बंद न करवाया जाए तो नतीजे और बेहतर हो सकते हैं। सरकार को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए।
जावेद इकबाल, चेयरमैन, सीएलई