- शेखों के चंगुल से महिलाओं को आजाद कराने की गुहार, क्राइम ब्रांच डीसीपी की अपील के बाद सामने आए लोग

- हो रही अमानवीय हरकतें, कुछ लोगों ने रुपए भेजे लेकिन फिर भी नहीं आजाद हो सकीं शेखों के चंगुल से महिलाएं

-03 और शिकायतें खाड़ी देशों में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार की पुलिस से की गई

-18 घंटे तक मजदूरी करके लोग महिलाओं को छुड़ाने के लिए रकम एकत्र कर रहे हैं

kanpur : विदेशों में मानव तस्करी के मामले खुल रहे हैं। डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल की अपील के बाद घनी आबादी वाली गलियों से निकलकर तीन मामले सामने आए हैं। जिनमें परिवार की महिलाओं को खाड़ी देश में शेखों के चंगुल से आजाद कराने की गुहार लगाई गई है। इन महिलाओं के परिजनों ने बताया कि खाड़ी देशों में उनके परिवार की महिलाओं पर तरह-तरह के जुल्म हो रहे हैं। उन्हें एजेंटों के माध्यम से भेजा था चार पैसे कमाने के लिए, लेकिन अब उल्टा उन्हें रुपए भेजने पड़ रहे हैं। 18-18 घंटे तक उनसे मजदूरी करके लोग अपने घरों की महिलाओं को छुड़ाने के लिए रकम एकत्र कर रहे हैं।

पहला मामला : टॉयलेट धुलवाते और कर रहे अमानवीय हरकतें

जाजमऊ के नई चुंगी निवासी जमाल ने बताया कि उनके पिता की मृत्यु 2019 में हो गई थी। घर के हालात ठीक नहीं थे। इसी बीच पड़ोस में रहने वाले अब्बास ने मां को विदेश जाकर रुपए कमाने की सलाह दी। पांच लोगों के परिवार का खर्च चल नहीं पा रहा था। मां के राजी होने पर अब्बास ने मां को मुंबई भेज दिया। जहां से महिला को सऊदी के जद्दा में भेज दिया गया। परिजनों की शिकायत के मुताबिक महिला को पहले जद्दा में शेख के घर काम करने के लिए भेजा गया। जहां महिला से टॉयलेट धुलवाया जाता था। इसके बाद शेख ने उसे शहर से 200 किलोमीटर दूर रियाद में भेज दिया। जहां उसके साथ अमानवीय हरकतें की जा रही हैं।

दूसरा मामला : घर से रुपए मंगवाओं तो ही जाने देंगे

दूसरा मामला जाजमऊ नई बस्ती का है। जहां रहने वाली महिला को दो साल पहले दिल्ली से ओमान भेजा गया था। इस मामले में पकड़ा गया मुजम्मिल बीच में पड़ा था। पीडि़ता के परिजनों के मुताबिक शेख की बात न मानने पर उसके परिवार की महिला की पिटाई की गई। भारत वापस जाने के लिए कहने पर कहा गया कि दो साल में कमा कर रुपए इकट्ठा करो या घर से रुपये मंगाओ तो भारत जाने दिया जाएगा। परिजनों के मुताबिक वे लगभग 70 हजार रुपए भेज भी चुके हैं। इसके बाद भी उसके परिवार की महिलाओं को नहीं भेजा गया।

तीसरा मामला : कुवैत में ढहाए जा रहे जुल्म, रुपए मंगाने पर कही छोड़ने की बात

तीसरा मामला नौबस्ता इलाके के मछरिया का है। इस मामले में पीडि़ता के परिवार वालों ने थाने में प्रार्थना पत्र दिया है। जिसमें बताया गया है कि सितंबर 2020 में उनके परिवार की महिला को कुवैत भेजा गया है। उन्हें जिस काम से भेजा गया था, वह काम नहीं दिया गया। अब शेख के जुल्म महिला के बर्दाश्त से बाहर हो गए हैं। परिजनों ने कहा कि जब उनकी महिला से बात हुई तो उन्होंने रुपए इकट्ठा कर बुलाने के लिए कहा था, लिहाजा पूरा परिवार मेहनत मजदूरी कर रुपए इकट्ठा कर रहा है

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फ्राइडे को ही निकाला जाता बाहर

परिजनों को महिलाओं ने जानकारी दी कि उनके साथ जानवरों जैसा सुलूक किया जाता है। एयरपोर्ट से रूम पर पहुंचते ही उनका पासपोर्ट और वीजा ले लिया गया। लोकल आईडी शेख बनाकर देता है जिसे एकामा कहा जाता है। लेकिन शेख ने लोकल आईडी बनाकर नहीं दी। जिसकी वजह से वे घर के बाहर भी नहीं निकल पाती हैं। केवल फ्राइडे को उन्हें बाजार जाने दिया जाता है।

जो भी शिकायतें आएंगी, उनका निस्तारण किया जाएगा। क्राइम ब्रांच मानव तस्करी के मामलों में गंभीरता से जांच कर रही है।

सलमान ताज पाटिल, डीसीपी क्राइम