- महीने भर की सर्राफा बंदी ने तोड़ दी हजारों दिहाड़ी मजदूरों और कामगारों की कमर
- नयागंज, धोबी मोहाल, नीलवाली गली, चौक सर्राफा की छोटी छोटी निर्माण इकाईयों में तालाबंदी के हालात
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KANPUR: सोने और हीरे के जेवरों पर एक फीसदी एक्साइज टैक्स की बढ़ोतरी के बाद एक मार्च से जारी सर्राफा कारोबारियों की तालाबंदी ने हजारों कामगारों की होली बेरंग कर दी है। बंदी की वजह से गहने बनाने वाली छोटी छोटी इकाइयों में काम करने वाले हजारों कामगार और दैनिक मजदूर अब एक महीने खाली ही बैठेंगे। क्योंकि सर्राफा व्यापारियों ने 10 अप्रैल तक बंदी की घोषणा कर दी है।
अब छटनी की तलवार
सर्राफा कारोबारियों की बंदी से कामगारों की होली तो खराब हो ही गई अब मैन्यूफैक्चरिंग इकाईयों में छंटनी भी तलवार लटक रही है। बंदी की वजह से कई शोरूम संचालक अपना खर्च कम करने के लिए दैनिक मजदूरों की छटनी भी कर रहे हैं। सर्राफा कारोबारियों के इस कदम से छोटे कारीगरों के पेट पर लात पड़ गई है। शोरूमों में काम करने वाली सैकड़ों सेल्स गर्ल्स की सैलरी भी लटक गई है और बंदी तक उन्हें शोरूम न आने के लिए कह दिया गया है।
क्या कहते हैं कारीगर
हड़ताल की वजह से 23 दिनों में 23 रुपए भी नहीं कमा पाए हैं ऐसी होली तो पहले कभी नहीं गई। अगर हड़ताल नहीं खत्म होती है तो हम बर्बाद हो जाएंगे।
- अरनब
इस महीने बिल्कुल भी काम नहीं मिला। इस वजह से रोज काम पर तो आते हैं लेकिन खाली ही बैठे रहते हैं। ऐसी होली तो कभी नहीं गुजरी पहले।
- सचिन
एक महीना होने को आया है कोई काम नहीं मिला। नहीं तो इस सीजन में सहालग की वजह से अच्छी आमदनी होती थी।
- अतुल मिश्रा
मार्च तो सहालग का सीजन होता है। इस सीजन में ज्यादा काम होता है। जिससे इंकम भी अच्छी होती है। इससे होली के दौरान गंगामेला तक की बंदी भी अच्छे से गुजरती थी लेकिन इस बार सब बदल गया है।
- कल्लू
ऐसी हालत रही तो कोई दूसरा काम देखना पड़ेगा। त्योहार तो पूरा चौपट हो गया है। त्योहार मनाना तो क्या घर चलाना मुश्किल हाे गया है।
- संदीप
ऐसे हालात तो कभी नहीं हुए इतने दिनों की बंदी तो पहले कभी नहीं रही। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। उसके हठ की वजह से हम जैसे कारीगर कंगाली की कगार पर आ गए हैं।
- अमन
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रोलबैक से कम कुछ भी नहीं
सोने और हीरे के गहनों पर एक फीसदी एक्साइज डयूटी की बढ़ोतरी को लेकर बुधवार को भी दो प्रमुख सर्राफा संगठन एक्साइज डिपार्टमेंट के अधिकारियों से मिले। यूपी सर्राफा और कानपुर महानगर सर्राफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार की तरफ से आए नए सर्कुलर को लेकर अधिकारियों से चर्चा की। केएमएसए के प्रवक्ता पुष्पेंद्र जायसवाल ने बताया कि सर्कुलर में ऐसा कुछ नहीं है। हम अभी भी पूरी तरह से एक्साइज ड्यूटी के रोलबैक की मांग पर अड़े हैं और इससे कम पर बात नहीं होगी। अधिकारियों के साथ बैठक में यूपी सर्राफा एसोसिएशन के राम किशोर मिश्रा, कानपुर सर्राफा के महांमत्री पंकज अरोरा, अजीत तोमर समेत कई सर्राफा कारोबारी मौजूद रहे।