-पिछले दिनों हुई कई वारदातों में अपने ही निकले दुश्मन, मानसिकता दूषित होने से रिश्तों का कत्ल हो रहा है

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बदलते समय के साथ सबकुछ बदल चुका है। बाकी सब तो ठीक है, लेकिन रिश्तों की पवित्रता के मायने बदलने से पूरा समाज दूषित हो रहा है। जिसका असर नई पीढ़ी के दिल-दिमाग पर भी पड़ने लगा है। हाल ये है कि सिर्फ कानपुर की ही बात करें तो यहां रोज रिश्तों का कत्ल हो रहा है। अचानक रिश्तों की पवित्रता क्यों खोने लगी है? इसके पीछे की क्या है वजह? आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में

बाबूपुरवा में अधेड़ ने बाप और बेटी के पवित्र रिश्ते को कलंकित कर दिया। उस पर तेरह वर्षीय बेटी ने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। इस बात का खुलासा भी तब हुआ, जब लड़की गर्भवती हो गई। वहीं, तीन दिन पहले एक किशोर ने ताई और बहन का कत्ल कर दिया। ये दो ज्वलंत मामले तो सिर्फ बानगी भर हैं। पिछले दो महीने में शहर में रिश्तों को शर्मसार और खून बहाने के दर्जनों मामलों ने अपराध जगत के अलावा सामाजिक ताने बाने को भी हिला कर रख दिया है और अपने पीछे कई सवाल भी छोड़ दिए हैं। बड़े सवाल ये कि क्या इस आधुनिक युग में अपने ही पराये हो गए हैं? क्या उनके लिए रिश्तों का कोई महत्व नहीं है? वे अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए रिश्तों की बलि चढ़ाने में भी चूक नहीं रहे हैं।

डेढ़ महीने की गर्भवती हो गई किशोरी

बाबूपुरवा में मुर्गा मार्केट के पास रहने वाले रिक्शा चालक पर रेप का आरोप लगा है। रिक्शा चालक के परिवार में पत्नी, चार बेटे और दो बेटियां है। जिसमें दूसरे नम्बर की बेटी के गुरुवार को पेट में दर्द होने लगा। मां उसे डॉक्टर के पास ले गई तो पता चला कि उसके डेढ़ महीने का गर्भ है। जिसे सुनते ही मां के होश उड़ गए। मां के पूछने पर उसने पिता पर दुष्कर्म करने का आरोप लगा दिया। उसके मुताबिक पिता छह महीने से दुष्कर्म कर रहा है। हालांकि इस मामले में थाने में कोई तहरीर नहीं दी गई है।

रईस बनने के लिए अपनों का किया कत्ल

नौबस्ता में तीन दिन पहले दीपेश ने रोज-रोज की कहासुनी से तंग आकर और रईस बनने के लिए अपनी ताई और चचेरी बहन का कत्ल कर दिया। दीपेश अभी 18 साल का ही है। वो कहता है कि रईस और बड़ा आदमी बनने के लिए कोई न कोई क्राइम करना पड़ता है। इसलिए उसने ताई और बहन को मार दिया। वो उनकी प्रॉपर्टी को हड़प कर रईस बनना चाहता था। इस कत्ल में दीपेश के नाम का खुलासा हुआ तो एक बार फिर लोग सोचने पर मजबूर हो गए कि क्या उनको बाहरी से ज्यादा अपनों से खतरा है।

माशूका के लिए पत्नी का कत्ल कराया

रिश्तों का कत्ल सिर्फ मिडिल और लोअर क्लास फैमिली में नहीं हो रहा है, बल्कि रईस फैमिली में भी रिश्तों का कत्ल आम बात हो गई है। पिछले दिनों बिगड़ैल रईसजादे पीयूष ने माशूका मनीषा से शादी करने के लिए सुपारी देकर पत्नी ज्योति की हत्या करवा दी थी। इसमें पीयूष समेत अन्य आरोपी जेल में हैं, जबकि मनीषा कुछ दिनों पहले ही जमानत पर छूट गई है। इस केस से सबसे पाक रिश्ता कहा जाने वाला पति और पत्नी का रिश्ता ही कलंकित कर दिया गया।

बीबी की हत्या के इरादे से अगवा किया

शहर की रईस फैमिली में शुमार शिवराज टुबैको के बिगडै़ल मालिक संदीप शुक्ला ने भी पति और पत्नी के रिश्ते को कलंकित कर दिया। उसने पत्नी ऋचा को अगवा कर हत्या करने की कोशिश की। ऋचा उस पर शराब छोड़ने का दबाव बना रही थी। इसीलिए वो ऋचा का कत्ल करना चाहता था। इस केस से भी अपनों के दुश्मन बनने की कहानी बयां हुई।

मोबाइल, इंटरनेट और टीवी से बढ़ रही है दूषित मानकिसता

दूषित मानसिकता के बढ़ने से रिश्तों का कत्ल हो रहा है। मोबाइल, इंटरनेट और टीवी से दूषित मानसिकता बढ़ रही है। इंटरनेट में तो सारी दुनिया सिमट गई है। गूगल के जरिए आप किसी के बारे में कुछ भी जानकारी हासिल कर सकते हैं तो उसमें तमाम बुराइयां भी हैं। उसमें अश्लीलता भी है। अमेरिकन सर्वे के मुताबिक नेट में सबसे ज्यादा पॉर्न साइट सर्च की जाती हैं। इससे साफ है कि इंटरनेट का यूज बुराइयों मे ज्यादा हो रहा है। जिससे जाहिर तौर पर दूषित मानसिकता बढ़ रही है। रिश्तों के कत्ल को रोकने के लिए इस पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी है। पेरेंट्स को ये देखना चाहिए कि उनका बच्चा नेट का यूज किस लिए कर रहा है?

न्यूक्लियर फैमिली भी बनी वजह

सोशलॉलिस्ट डॉ। विक्रम मल्होत्रा बताते हैं कि ज्वाइंट फैमिली में बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी रहते हैं। घर के बुजुर्ग अपने बच्चों को संस्कार देते हैं। वे पिता और मां के बिजी होने पर बच्चे का ध्यान रखते हैं। वे उनको गलत और सही के बारे में बताते हैं। जिससे बच्चे गलत रास्ते में नहीं जा पाते हैं, लेकिन इस समय न्यूक्लियर फैमिली का कल्चर चल रहा है। दूसरे शहर में नौकरी समेत अन्य रीजन से ज्यादातर लोग परिजनों से अलग रहते हैं। वे धीरे-धीरे परिजनों की अनदेखी करने लगते हैं। जिसे देख उनके बच्चों के लिए भी रिश्तों का महत्व खत्म हो जाता है। वे रुपए कमाने की होड़ में बच्चों का ध्यान नहीं रख पाते हैं। जिससे वे गलत संगत में पड़कर बिगड़ जाते हैं। वे दोस्तों के कहने पर सिगरेट, शराब समेत अन्य नशा करने लगते हैं और वे धीरे-धीरे गलत रास्ते पर चलने लगते हैं। वे अपने शौक पूरे करने के लिए क्राइम करने से भी नहीं चूकते हैं।