-लंबी दूर से आने वाली ट्रेनों में टप्पेबाजों का गैंग सक्रिय
-पेंट्रीकार कर्मी बन खाना बुक करने के नाम पर यात्रियों से लेते हैं पैसे
KANPUR। ट्रेनों में चलने वाले यात्री ध्यान दें, कहीं आप भी टप्पेबाज गैंग के सदस्यों के चक्कर में पड़ कर उनका शिकार न बन जाएं। इस दौरान टप्पेबाजों ने यात्रियों को शिकार बनाने का नया ट्रेंड निकाला है। जिसमें टप्पेबाज गैंग के सदस्य लम्बी दूरी की ट्रेनों में चढ़कर ट्रेन में चलने वाले पेंट्रीकार के फर्जी वर्कर बन कर स्लीपर कोच के यात्रियों से खाना बुक करने के नाम पर पैसे वसूल लेते हैं। यात्रियों से ठगी करने के बाद यह टप्पेबाज आगे चलकर ट्रेन से नीचे उतर जाते हैं।
आउटर से चढ़ते ट्रेन पर
सूत्रों की मानें तो टप्पेबाज गैंग के सदस्य आउटर पर ट्रेन रुकने पर उस पर चढ़ जाते हैं, जिसके बाद वह यात्रियों को चिन्हित कर उनको खाने की थाली सस्ते दाम में देने का झांसा देकर अपना शिकार बनाते हैं। यात्री से पैसा लेने के बाद वह आधा घंटे के अंदर खाने की डिलेवरी देने की बात कह कर वहां से रफूचक्कर हो जाते हैं।
जीआरपी थाने में आ चुके कई मामले
जीआरपी थाने में कई बार टप्पेबाजी का शिकार हुए यात्रियों ने शिकायत की, जिसके बाद जीआरपी ने ट्रेन में चलने वाले पेंट्रीकार के मैनेजर से बात की तो पूरा मामला समझ में आ गया। सेंट्रल स्टेशन में अभी तक ऐसे तीन चार मामले आ चुके हैं। जिसको लेकर जीआरपी चिन्तित है। वहीं विभागीय सूत्रों की मानें तो यह गैंग दिल्ली हावड़ा रूट की लम्बी दूर से आने वाली ट्रेनों में अपना जाल फैला रखा है। क्योंकि इन ट्रेनों के हावड़ा की तरफ से बड़ी संख्या में मजदूर दिल्ली काम की तलाश में जाते हैं। जोकि आसानी से इनके शिकार बन जाते हैं।
यात्री
ट्रेनों में खाने के नाम पर टप्पेबाजी की घटना मैंने अभी तक नहीं सुनी है। अगर ऐसा है तो ट्रेन में सफर के दौरान हम लोगों को सर्तक रहने की बहुत जरूरत है।
रवि, मधुबनी बिहार
ट्रेनों में विभिन्न प्रकार की लूट व जालसाजी यात्रियों के साथ होती रहती है। इसमें आरपीएफ को कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
संतोष, बिहार
ट्रेनों में सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए। जिससे यात्रियों संग लूट व चोरी जैसे घटनाएं न हो सके।
संदीप यादव, पटना
पेंट्रीकार वर्कर से खाना मंगाने पर खाने का पैसा पहले नहीं लिया जाता है। सही पेंट्रीकार वर्कर खाने की थाली देने के बाद ही पैसा लेता है।
अभिजीत सिंह, मुगलसराय
कोट
ऐसी घटनाओं पर शिकंजा कसने व गैंग को पकड़ने के लिए जीआरपी अपनी तरफ से अहम सुराग जुटाने में लगा हुआ है। साथ ही यात्रियों को सर्तक रहने ही जरूरत है। पेंट्रीकार में चलने वाले वर्कर को आई कार्ड मिलता है। यात्री वर्कर की पूरी तरह जांच पड़ताल करके ही उनको खाने का ऑर्डर व पैसा दें।
-आरके भारद्वाज, एसपी, रेलवे एनसीआर
फोटो कुलदीप फोल्डर में पड़ी है
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आई नेक्स्ट की मुहिम यात्रिगण ध्यान दें से लगातार लोग जुड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि रेलवे पैसेंजर्स को सुविधाओं के नाम पर ठगा जाता है। रेलवे पैसेंजर्स मानते हैं कि रेलवे अपने पैसेंजर्स की सुविधाओं में इजाफा नहीं कर रहा है। आई नेक्स्ट के पास सैकड़ों लोगों के व्यूज आए उनमें से कुछ चुनिंदा हम पब्लिश कर रहे हैं।
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रेलवे पैसेंजर्स को सुविधाओं के नाम पर ठगा जाता है। जितना किराया लिया जाता है। उसके अनुपात में सुविधाएं नहीं मिलती हैं।
-अनुराधा शुक्ला, किदवई नगर
मुझको लगता है कि रेलवे को सिर्फ पैसेंजर्स के किराए से मतलब है। फिर चाहें लोगों को सुविधाएं मिलें या फिर न मिले।
-अनुराग मित्तल, यशोदा नगर
ट्रेनों में जबरदस्त गंदगी रहती है। शिकायत करने के बाद भी रेलवे अधिकारी कोई एक्शन नहीं लेते हैं, जबकि उनको एक्शन लेना चाहिए।
विनोद मेहता, गोविंद नगर
रेलवे के टोल फ्री नंबर भी किसी काम के नहीं हैं। कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
राकेश गुप्ता, साकेत नगर