कानपुर (ब्यूरो)। नौबस्ता के राजेश पुणे जाने के लिए विशेष व नियमित चलने वाली ट्रेनों में कई दिन तक वातानुकूलित श्रेणी में टिकट के लिए प्रयासरत रहे। नहीं मिलने पर हवाई जहाज से अधिक रुपये खर्च कर गर्मी की छुट्टी मनाने के लिए गए। इसी तरह गोङ्क्षवदनगर के रत्नेश गोवा जाने के लिए बीते 15 दिन से ट्रेन में टिकट बुङ्क्षकग को परेशान रहे। कामयाबी नहीं मिलने पर लखनऊ से हवाई यात्रा करके जाना पड़ा। ट्रेनों में जून आखिर तक टिकट बुङ्क्षकग को लेकर ऐसी ही मारामारी दिख रही है, जबकि रेलवे ने कई ग्रीष्मकालीन विशेष ट्रेनों का भी संचालन किया है। उधर, सोमवार को सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेनों में मारामारी नजर आई। साधारण व स्लीपर श्रेणी के कोच में लोग शौचालय, फर्श तक बैठे नजर आए। कई ने तो धोती व चद्दर को एक से दूसरे छोर पर बांधकर सीट बनाकर जुगाड़ से यात्रा आसान बनाई।

रेलवे ने तीन मई के बाद से कानपुर सेंट्रल, गोरखपुर, अनवरगंज, वाराणसी समेत दूसरे शहरों से वाया कानपुर विशेष ग्रीष्मकालीन ट्रेनें चलाई हैं। 20 से अधिक ट्रेनों के संचालन के बावजूद यात्री कन्फर्म टिकट पाने के लिए परेशान हैं। 30 से 110 तक की प्रतीक्षा सूची उन्हें टिकट लेने पर मिल रहे है। जून आखिर तक प्रमुख ट्रेनों में ऐसी स्थिति आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर आनलाइन बुङ्क्षकग के दौरान दिख रही है।