- कानपुर से प्रयागराज के बीच निर्माणाधीन ऑटोमैटिक सिग्नलिंग का काम लगभग पूरा

- गाजियाबाद से पं। दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन तक ऑटोमैटिक सिग्नल पर दौड़ेंगी ट्रेन

- 76 किमी ट्रैक कानपुर से प्रयागराज के बीच में लगभग को ऑटोमैटिक सिग्नल से लैस करने का वर्क चल रहा है

- 500 मीटर की दूरी में दूसरी ट्रेन चल रही या अभी खड़ी है ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली से पता चल सकेगा

KANPUR। कानपुर से पूर्वाचल रूट का सफर सुपरफास्ट होगा। रेल जर्नी मई से अभी के मुकाबले और ज्यादा आरामदायक होने वाली है। इसे पूरा करने में तकरीबन दो घंटे की बचत भी होगी। एक मई के लास्ट वीक तक इस रूट के पैसेंजर्स को ट्रेनों की लेटलतीफी का सामना नहीं करना पड़ेगा। कानपुर से प्रयागराज के बीच में चल रहे ऑटोमैटिक सिग्नलिंग का वर्क है जो मई मंथ के लास्ट वीक तक पूरा हो जाएगा। गाजियाबाद से पं। दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन तक रेलवे ट्रैक फुली ऑटोमैटिक सिग्नलिंग हो जाएगा।

गाजियाबाद तक ऑटोमैटिक सिग्नल

रेलवे आफिसर्स के मुताबिक एनसीआर रीजन के अंतर्गत गाजियाबाद से लेकर पं। दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन तक ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली लागू करनी थी। इसमें गाजियाबाद से कानपुर तक रेलवे ट्रैक को 2019 में ही ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली से लैस कर दिया गया था। वहीं प्रयागराज से पं। दीनदयाल उपाध्याय तक ट्रैक में ऑटोमैटिक सिग्नल हो गया था। कानपुर से प्रयागराज के बीच में लगभग 76 किमी ट्रैक को ऑटोमैटिक सिग्नल से लैस करने का वर्क चल रहा है। जो पूरा होने की कगार में हैं।

160 किमी होगी अधिकतम स्पीड

दिल्ली से पं.दीनदयाल उपाध्याय के बीच रेलवे ट्रैक फुली ऑटोमैटिक सिग्नल होने से ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी। इस रूट की ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 160 किमी प्रति घंटे होगी। अभी 120 से 130 किमी प्रति घंटा है। रेलवे अधिकारी के मुताबिक कानपुर से बिंदकी रोड स्टेशन के आगे तक ऑटोमैटिक सिग्नल का काम अगले सप्ताह ही पूरा हो चुका है।

कैसे काम करता है ऑटोमैटिक सिग्नल

रेलवे ट्रैक को ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली से लैस करने से दो स्टेशनों के बीच में पांच से छह ट्रेनों का संचालन एक ही ट्रैक में आगे-पीछे किया जा सकता है। ट्रैक में चल रही ट्रेन के तीन सिग्नल पोल पार करते ही पीछे निकल चुका पहला सिग्नल ऑटोमैटिक ग्रीन हो जाएगा। इसके बाद दूसरा यलो और तीसरा रेड रहेगा। इससे उसी ट्रैक में पीछे आ रही ट्रेन को ग्रीन के बाद यलो सिग्नल देखते ही पता चल जाएगा कि आगे से 500 मीटर की दूरी में दूसरी ट्रेन चल रही या अभी खड़ी है।

लाखों पैसेंजर्स को मिलेगी राहत

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली से हावड़ा रूट में गाजियाबाद से पं। दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन तक ट्रैक ऑटोमैटिक सिग्नल से लैस होने पर लाखों पैसेंजर्स को काफी राहत मिलगी। इस रूट के डेली दर्जनों ट्रेनों का संचालन होता है। जिसमें लगभग एक दर्जन ट्रेनें वीआईपी है। रूट में डेली लाखों पैसेंजर्स का आवागमन है। जिनको काफी रिलीफ मिलेगी।

फैक्ट फाइल

- गाजियाबाद से कानपुर 414 किमी काम हो चुका पहले ही

- कानपुर से प्रयागराज 200 किमी में काम चल रहा है

- कानपुर से प्रयागराज के बीच 139 किमी का काम लगभग पूरा हो चुका

- प्रयागराज से पं.दीनदयाल स्टेशन तक 135 किमी का काम पहले पूरा हो चुका

ऑटोमैटिक सिग्नलिंग का काम तेजी से चल रहा है। कानपुर से प्रयागराज के बीच में निर्माणाधीन वर्क मई तक पूरा होने की संभावना है। दिल्ली से पं.दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन तक ट्रैक ऑटोमैटिक होने से लाखों पैसेंजर्स को काफी रिलीफ मिलेगी।

अमित मालवीय, पीआरओ, प्रयागराज डिवीजन