कानपुर(ब्यूरो)। इनकम टैक्स विभाग की बेनामी संपत्ति विंग ने सिटी में पहली बार कार्रवाई करते हुए रियल एस्टेट कारोबारी की करोड़ों रुपए कीमत की दो संपत्तियों को सीज कर दिया है। मंधना से बिठूर जाने वाली रोड पर समीर अग्रवाल और प्रीति अग्रवाल की ये संपत्तियां हैं। जो कि उनके नौकर के नाम पर खरीदी गई थीं। 2014 में इन संपत्तियों को 70 और 80 लाख रुपए में खरीदा गया था।

ढोल बजवाकर की गई कार्रवाई

समीर अग्रवाल और उनकी पत्नी रीयल एस्टेट का कारोबार करते हैं। 2014 में इन्होंने अपने नौकर के नाम बरहट बांगर में दो संपत्तियों को खरीदा था। इस जमीन पर वर्तमान में प्लाङ्क्षटग हो रही थी और एक जमीन पर समीर ने अपना आफिस बना रखा था। कुछ महीने पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को शिकायत की गई कि समीर ने अपने नौकर के नाम से ये दोनों संपत्तियां खरीदीं और उन पर प्लाङ्क्षटग कर बेचा जा रहा है। इनकम टैक्स की टीम ने दोनों संपत्तियों की डीड चेक की तो पाया गया कि संपत्तियां खरीदने में जो धन दिया गया, वह समीर अग्रवाल की तरफ से गया। इसके बाद आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति ङ्क्षवग ने कार्रवाई शुरू की। वेडनसडे दोपहर अधिकारियों ने इन संपत्तियों के पास पहुंच कर बैनर लगवाए और ढोल बजाकर संपत्तियों को सीज करने की सार्वजनिक घोषणा की। अब इन संपत्तियों की कोई खरीद बिक्री भी नहीं हो सकेगी।

रजिस्ट्रार को भी दी जानकारी

इंकम टैक्स विभाग ने इस संबंध में निबंधन विभाग में रजिस्ट्रार को भी लिखित रूप से जानकारी दे दी है। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि इस संपत्ति को ना तो बेचा जाए ना किसी के नाम पर किया जाए। अधिकारियों के मुताबिक यह अनंतिम कुर्की है। इसकी अपील दिल्ली में एडजुडीकेङ्क्षटग अथारिटी में हो सकती है। वहीं से अंतिम कुर्की (फाइनल अटैचमेंट) का आदेश होगा।

बेनामी विंग ने की चर्चित मामलों की जांच

इंकम टैक्स विभाग की बेनामी विंग इससे पहले वाणिज्य कर विभाग के अपर आयुक्त केशव लाल और आरटीओ प्रवर्तन सुनीता वर्मा पर कार्रवाई की थी। आयकर विभाग को केशव लाल के यहां 11 करोड़ नकद, आठ किलो सोने के जेवर, दो किलो बुलियन और संपत्तियों के कागजात मिले थे। ये संपत्तियां नोएडा व दिल्ली में थीं। यह छापा अप्रैल 2017 में पड़ा था जबकि आठ नवंबर 2016 को ही नोट बंदी हुई थी। इसके बाद भी उनके पास इतना कैश मिला था। वही आरटीओ प्रवर्तन सुनीता वर्मा के घर छापे में आयकर विभाग को 1.25 करोड़ रुपये की नकदी मिली थी। दोनों की जांच बेनामी ङ्क्षवग ने की थी।