- ब्लैक फंगस के इलाज के लिए भर्ती हुए 65 फीसदी मरीज डायबिटिक, भर्ती होते वक्त अनकंट्रोल्ड थी शुगर

- डॉक्टर्स का कहना, ब्लैक फंगस के ज्यादातर पेशेंट्स का शुगर लेवल चेक करने पर 350 से ज्यादा आ रहा

KANPUR: सिटी में ब्लैक फंगस के केसेस लगातार मिल रहे हैं। कई पेशेंट्स की जान बचाने के लिए डॉक्टर्स को उनकी आंख और साइनस तक निकालनी पड़ रही है। कुछ पेशेंट्स की इस वजह से मौत भी हो गई। ब्लैक फंगस होने कारणों में डायबिटीज भी प्रमुख है। वहीं अगर हैलट में भर्ती ब्लैक फंगस के पेशेंट्स की हिस्ट्री की बात करें तो 65 फीसदी पेशेंट्स को डायबिटीज है। एक खास बात यह भी है कि जब यह पेशेंट्स भर्ती हुए थे तब भी उनका शुगर लेवल अनकंट्रोल्ड था। डायबिटीज की वजह से इनमें फंगस और तेजी से फैला। जिसका उन्हें पता भी नहीं चला। जब प्रॉब्लम बढ़ी तब वह अस्पताल में भतर्1ी हुए।

देनी पड़ती इंसुलिन की डोज

एलएलआर हॉस्पिटल में सैटरडे तक 30 से ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज चल रहा था। इसके अलावा 5 मरीजों की ब्लैक फंगस की बायोप्सी रिपोर्ट आना बाकी है। जिन पेशेंट्स का इलाज चल रहा है। उन्हें लेकर डॉक्टर्स का कहना है कि पेशेंट्स की शुगर चेक कराने पर उसका शुगर 350 से ज्यादा आ रहा है। बायोप्सी रिपोर्ट आने के बाद उनकी सर्जरी करनी होती है, लेकिन शुगर अनकंट्रोल्ड होने की वजह से पहले उन्हें इंसुलिन की डोज देकर शुगर कंट्रोल में लानी पड़ती है। इस दौरान फंगस के और ज्यादा फैलने का खतरा रहता है।

सबसे बड़ी वजह डायबिटीज

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन की हेड प्रो.रिचा गिरि बताती हैं कि ब्लैक फंगस डेवलप होने के कई कारण हैं। कोरोना के इलाज के दौरान स्टेरॉयड का प्रयोग होना और ठीक होने के बाद अचानक दवा बंद कर देना। या फिर ज्यादा वक्त तक ऑक्सीजन लगे रहने से भी इसका खतरा हेाता है,लेकिन जो पेशेंट्स भर्ती हो रहे हैं उनमें 65 फीसदी तक मरीजों में डायबिटीज अनकंट्रोल्ड मिली है। जिसमें से कई को इंसुलिन देनी पड़ रही है। इसमें काफी यंग पेशेंट्स भी शामिल हैं। डायबिटीज के साथ ब्लैक फंगस की वजह से इन पेशेंट्स को ठीक कर पाने में भी काफी परेशानी होती है। क्योंकि शुगर कंट्रोल में आने तक उनकी सर्जरी नहीं की जा सकती।

किन लोगों पर इसका खतरा ज्यादा-

-कमजोर इम्यूनिटी वाले कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोग

- पुराने डायबिटीज पेशेंट्स और किडनी ट्रांसप्लांट वाले पेशेंट्स

- कोरोना ट्रीटमेंट के दौरान ज्यादा वक्त तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहे लोग।

क्या है लक्षण-

जुकाम, आंखों में लालपन, आंख औन नाक में सूजन, तेज सरदर्द।

कैसे करें बचाव-

- कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद ओरल हाईजीन का ध्यान रखें, मुंह के अंदर कोई परत जैसी चीज तो नहीं जम रही इस पर नजर रखें।

- कोरोना से ठीक होने के बाद भी स्टेरायड वाली दवाओं को अचानक न बंद करें। इन्हें डॉक्टर की सलाह पर धीरे धीरे कम करके बंद करें।

- लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखा कर पुष्टि के लिए जरूरी जांचें कराएं।

ब्लैक फंगस फैक्टफाइल-

35- पेशेंट्स ब्लैक फंगस के पेशेंट हैलट में भर्ती

27- पेशेंट्स डायबिटीज से पीडि़त

4- पेशेंट्स की निकालनी पड़ी आंख

5- पेशेंट्स की हुई मौत

8- पेशेंट्स न्यूरो कोविड आईसीयू में भर्ती