- 166 करोड़ की लागत से तैयार किया गया आधुनिक प्लांट

- शासन से डिसीजन होना है कि प्लांट को कौन ऑपरेट करेगा

KANPUR : निरालानगर में पराग डेयरी प्लांट पिछले आठ महीने से बन कर तैयार हो चुका है, लेकिन शासन से इसे ऑपरेट करने का डिसीजन न हो पाने से प्लांट में लगीं मशीनों बर्बाद हो रही रही है। जबकि इस प्लांट के चालू होने से आसपास जिलों के लोगों को रोजगार के मौके मिलेंगे। 166 करोड़ रुपए की लागत से कानपुर दुग्ध संघ द्वारा तैयार किए चार लाख लीटर की क्षमता वाले आधुनिक पराग डेयरी प्लांट में लाखों रुपये की कीमत जापान से मंगाई गई मशीनें लगी हुई हैं। इस प्लांट के संचालन का जिम्मा शासन से प्राइवेट सेक्टर को दिया जाना है, लेकिन आज तक यह प्लांट चालू नहीं हो सकता है। ट्रयल के लिए एक बार प्लांट में पानी चलाकर मशीनों को चलाया जा चुका है। दोबारा ट्रायल के लिए शासन से दो करोड़ रुपये भी कानपुर दुग्ध संघ को दिया जा चुका है। अब शासन से टेंडर प्रॉसेस पूरी होने पर दुग्ध संघ प्लांट चला कर कंपनी को हैंडओवर करेगा।

बोर्ड कर रहा निजीकरण का विरोध

पराग डेयरी के चेयरमैन सतपाल सिंह की अध्यक्षता में पराग डेयरी कार्यालय में हुई मीटिंग में प्लांट के निजीकरण का विरोध किया था। सतपाल ने कहा कि निजीकरण से पराग दूध का नुकसान होगा।

फ्लेवर्ड मिल्क की सप्लाई बंद

लखनऊ स्थित पराग डेयरी से शहर आने वाला पराग के फ्लेवरड मिल्क की सप्लाई पिछले 20 दिन से बंद है। पराग के किसी भी आउटलेट में यह व्यवस्था नहीं मिलने से लोगों में नाराजगी है, लोग शिकायत कर रहें हैं।

-----

'' पराग डेयरी प्लांट का निजीकरण होना है। शासन से निर्णय होने के बाद ही प्लांट चल पाएगा। अब तो प्लांट में लगी मशीनों में जंग लगना शुरू हो गई है.''

-डा। राजीव वाष्र्णे, महाप्रबंधक, पराग डेयरी