लंबे अर्से से मांग, केंद्र का इंकार

गौरतलब है कि लंबे अर्से से आए दिन नेताजी से जुड़ी हुई सूचनाओं को सार्वजनिक करने की मांग की जाती रही है। लेकिन, प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने नेताजी से जुड़ी हुई किसी भी तरह की जानकारी को अब तक सार्वजनिक नहीं किया। माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा फाइलों को सार्वजनिक करने से उनके रहस्यमय तरीके से लापता होने की कहानी पर कुछ प्रकाश पड़ सकता है। वहीं राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद  केंद्र और राज्य के बीच तनाव बढ़ने की कयासबाजी भी लगाई जा रही है।

पब्लिक को सच जानने का अधिकार

राज्य सचिवालय से ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि सभी फाइलों और दस्तावेजों को लोगों के सामने लाया जाएगा। पूरी दुनिया नेताजी की जन्म तिथि तो जानती है, लेकिन उनकी मौत अब भी रहस्य बनी हुई है। ऐसे में जनता को उनके आखिरी दिनों के बारे में जानने का हक है। हमलोग पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

रहस्य आ सकता है सामने

गौरतलब है कि 1945 में 18 अगस्त को आजाद हिंद फौज का नेतृत्व करने वाले सुभाष चंद्र बोस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। बीच-बीच में यह बात उठती रही है कि इस दुर्घटना में उनकी मौत नहीं हुई थी। क्योंकि उनका शव बरादम नहीं हुआ था। बीजेपी ने 2014 के आम चुनावों में केंद्र में सरकार बनने पर इन फाइलों को सार्वजनिक करने का वादा किया था। बाद में बीजेपी ने इस मामले में यूटर्न ले लिया था।

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