कानपुर (ब्यूरो)। जो पहले कभी ऊद बिलाव का घर था, आज वहां पर 1497 का &परिवार&य है। यहां हम बात कर रहे हैं अपने कानपुर जू की, जो प्रदेश ही नहीं देश में भी शुमार है। यूपी के प्रमुख पर्यटन स्थल की टॉप टेन की लिस्ट में कानपुर जू भी शामिल है। अपने पचास साल पूरा करने वाले कानपुर प्राणि उद्यान 4 फरवरी को अपना गोल्डन जुबली स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। इसके लिए जू प्रशासन ने खास तैयारी की है। 4 फरवरी 1974 के दिन कानपुर प्राणि उद्यान की स्थापना हुई थी और जू का पहला सदस्य था ऊदबिलाव। जिसे देखने के लिए लोग पचास पैसे का टिकट लेकर जू घूमने आते थे। आज यहां पर 1497 जानवर हैं। वहीं, इन्हें देखने के लिए 70 रुपये का टिकट लगता है।

कभी पचास पैसे थी फीस
कानपुर प्राणि उद्यान 4 फरवरी 1974 में पचास पैसे का टिकट था। समय के साथ टिकट का रेट भी बढ़ता रहा और पचास साल बाद अब 70 रुपये व्यस्क और 35 रुपये अल्प व्यस्क के टिकट की फीस है। प्राणि उद्यान के कर्मचारी बताते है कि जिस वर्ष जू दर्शकों के लिए चालू हुआ था उस साल 7 हजार लोग ही घूमने आते थे। हालांकि वर्तमान में कानपुर प्राणि उद्यान में हर साल 7 लाख से ज्यादा लोग हर वर्ष घूमने आते है।

बाघों के प्रजनन के लिए
कानपुर प्राणी उद्यान बाघों को लेकर देश भर में जाना जाता है। यहां पर कई बाघों के बच्चों ने जन्म भी लिया है। कानपुर प्राणी उद्यान हमेशा बाघों के लिए एक बड़ा प्रजनन केंद्र रहा है। 2017 में भी यहां बच्चों ने जन्म लिया था। कानपुर प्राणी उद्यान के बाघ प्रशांत और त्रुषा ने चार शावकों को जन्म दिया था। वहीं कानपुर प्राणी उद्यान के बाघ प्रशांत की भी कहानी बेहद दिलचस्प है कि कैसे एक आदमखोर बाघ एक पिता बना।

आरिफ का दोस्त भी यहां पर
अमेठी के आरिफ और उसके दोस्त सारस की दोस्ती के किस्से सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रहे। यह सारस अपने दोस्त आरिफ से जुदा होकर कानपुर प्राणी उद्यान में ही रह रहा है।

काटा जाएगा केक
कानपुर प्राणि उद्यान के पचास वर्ष पूरे होने (गोल्डन जुबली) के अवसर 4 फरवरी को एक बड़े प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है। जू डायरेक्टर केके सिंह के अनुसार 4 फरवरी 1974 में कानपुर प्राणि उद्यान की सौंगात मिली थी। उत्तर प्रदेश में पहले स्थान पर कानपुर जू ने अपने पचास साल पूरे किए है। इस मौके पर 4 फरवरी को पांच केजी का केक भी काटा जाएगा। साथ ही 1974 से लेकर अब तक जितने भी डायरेक्टर तैनात रह चुके है उन्हें भी मेहमान के तौर पर बुलावा भेजा गया है।

पांच मंथ में ज्यादा फुटपॉल
कानपुर जू में पांच मंथ में सबसे ज्यादा दर्शक घूमने के लिए आते है। एक अक्टूबर से 28 फरवरी तक पीक सीजन बना जाता है। जिसमें जानवर भी बाड़े से बाहर आकर दर्शकों के लिए मनोरंजन के लिए आकर्षण का केंद्र बनते है। एक मार्च से सितंबर तक दर्शकों की संख्या घट जाती है।