- बेटा मोबाइल पर ज्यादा बिजी तो हो जाएं अलर्ट

- 'मटका', 'महालक्ष्मी' और 'तीन पत्ती एप' से मोबाइल फोन पर ऑनलाइन जुआ खेल रहे हैं युवा

- पहले खुद की पॉकेट मनी और बाद में परिजनों का एकाउंट खाली कर रहे, क्राइम ब्रांच पहुंची शिकायतें

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KANPUR : अगर आपका लाडला ऑनलाइन क्लास के बाद भी मोबाइल पर ज्यादा समय दे रहा है तो सावधान हो जाइए। अपने एकाउंट का ट्रांजेक्शन चेक कीजिए। कहीं अंजान खातों में उससे रकम तो ट्रांसफर नहीं हो रही है। हो सकता है कि आपका लाडला ऑनलाइन गैंबलिंग नेटवर्क का शिकार तो नहीं हो गया है। क्योंकि ऐसी तमाम शिकायतें क्राइम ब्रांच में आ रही हैं। मोबाइल पर कई एप के जरिए ऑनलाइन जुआ खेला जा रहा है। ऑनलाइन इस गेम के हाईटेक ट्रेंड ने युवाओं के बीच तेजी से पकड़ बना ली है। चंद रुपयों के लालच में युवा इसके लती हो रहे हैं। कुछ खुलेआम तो कई बड़ों से नजर बचा कर मोबाइल पर ऑनलाइन दांव लगा रहे हैं। क्राइम ब्रांच ने इन एप पर शिकंजा कसना शुरू कर ि1दया है।

पॉकेट मनी से पापा के बटुए तक

एंड्रायड फोन से ऑनलाइन जुआ खेलने वाले युवा और बच्चे अपनी पॉकेट मनी के साथ ही पापा और मम्मी का एटीएम चुराकर दांव लगा रहे हैं। इसकी जानकारी परिवार वालों को तब होती है, जब छोटे दांव बड़े हो जाते हैं और खाते खाली होने लगते हैं। खाते खाली होने की कई शिकायतें जब क्राइम ब्रांच को मिलीं तो पुलिस ने इस पर जांच शुरू की। जानकारी हुई कि पहले छोटे रकम यानी 50 से 100 रुपये तक का ट्रांजेक्शन किया गया। बाद में यही रकम 500 से 1000 रुपये में पहुंच गई। घर में रखे एटीएम से रुपये निकलने के बाद जानकारी परिजनों को हुई तो मामला परत दर परत खुलने लगा।

कारोबारी का बेटा हुआ शिकार

1: साउथ सिटी के आनंदपुरी निवासी साड़ी कारोबारी की वाइफ के एटीएम से लगातार रुपये कम हो रहे थे। इस बात की जानकारी वाइफ ने कारोबारी को दी तो बैंक में जानकारी की गई। पता चला कि एक एजेंसी को रुपये ट्रांसफर हो रहे हैं। पहले छोटी रकम थी लेकिन बाद में रकम बढ़ने लगी। पुलिस को जानकारी दी गई तो उस एजेंसी का पता लगाया गया। जानकारी हुई कि एजेंसी दिल्ली की है और युवाओं में जुए की लत डाल रही है। इसी लत का शिकार कारोबारी का बेटा भी हो गया था। लाठी मोहाल में इस एजेंसी का ऑि1फस भी है।

मां के एटीएम से लगा रहा था दांव

2: ठीक इससे मिलती जुलती ही खाते से रुपये गायब होने की घटना नयागंज निवासी मसाला कारोबारी के परिवार के साथ हुई। इनके भी खाते से लगातार रुपये गायब हो रहे थे। जबकि खाते से कारोबारी ये ट्रांजेक्शन नहीं कर रहे थे। उन्होंने बैंक में शिकायत की फिर पुलिस को भी जानकारी दी। पड़ताल में यहां भी ऑनलाइन गैंबलिंग का मामला सामने आया। कारोबारी का बेटा ही मां का एटीएम कार्ड चोरी कर रुपये जुए के दांव पर लगा रहा था। जीतने की आस में वह लगातार दांव लगा रहा था।

जानिए क्या है पूरा सिस्टम

- यह जुआ मोबाइल फोन पर 'भाग्य लक्ष्मी' और 'मटका' नाम के एप के जरिए खिलवाया जाता है।

- इस एप पर हर पांच मिनट पर एक नंबर निकाले जाते हैं, नंबर पर ही रुपये दांव पर लगाते हैं।

- जिसका नंबर खुल जाता है, संचालक उसे लगाए गए दांव के अनुरूप जीत में मिले रुपये देता है

- एक-एक नंबर पर कई लोग दांव लगाते हैं, नंबर न खुलने पर जुआ में लगाया गया रुपया खिलाड़ी हार जाते है।

-जानकारी के बाद पुलिस ने ऑनलाइन गेम के पूरे सिस्टम का खुलासा करते हुए लोगों को अलटर्1 किया।

एक बार की जीत बन जाती है लत

पुलिस अफसर कहते हैं कि इस दौर में हर युवा के हाथ में हाईटेक मोबाइल है। इस मोबाइल पर ऑनलाइन खेलवाए जा रहे जुआ की लत में वह फंसते जा रहे हैं। अभिभावकों को चाहिए कि वे लाडलों पर पैनी नजर रखें। ज्यादा देर तक मोबाइल पर लगे रहने वाले युवाओं की एक्टिविटी पर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि ऑनलाइन इस जुआ में एक बार रुपये जीतने वाले युवा में लालच आ जाती है। फिर वह किसी भी तरह से रुपयों का प्रबंध करके दांव लगाने लगते हैं। यहीं से युवाओं की बर्बादी का दौर शुरू हो जाता है।

क्या क्या करें सावधानी

- समय समय पर बच्चे की मोबाइल वर्किग चेक करते रहें।

- देखें कहीं बच्चा ऑनलाइन क्लास के अलावा तो मोबाइल पर ज्यादा समय नहीं दे रहा

- खाली समय में बच्चे के हाथ में मोबाइल न रहने दें।

- अगर रुपये खाते निकले हैं तो वह नंबर जरूर नोट कर लें, जिससे फोन आया है।

- बच्चों के हाथ में पर्स और एटीएम न लगने दें।

शहर में ऑनलाइन गैंबलिंग की जानकारी मिली है। इसे लेकर कुछ गिरोह पुलिस के राडार पर हैं। जल्द ही बड़ा वर्कआउट होगा।

सलमान ताज पाटिल, डीसीपी क्राइम