- केंद्र सरकार का फैसला हूबहू लागू, 14 जनवरी से प्रभावी

- सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश में मिलेगा लाभ

- अब मंत्री एक करोड़ रुपये तक के काम की दे सकेंगे मंजूरी

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LUCKNOW : हाल ही में संसद द्वारा पास किये गए आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लिये सरकारी नौकरी व शैक्षिक संस्थाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण को प्रदेश कैबिनेट ने शुक्रवार को सैद्धांतिक सहमति दे दी। इसके साथ ही कुल 14 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई है। अब मंत्री अपने विभागों में एक करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को खुद मंजूरी दे सकेंगे। इसके लिये कैबिनेट के अनुमोदन की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं, वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट विपणन प्रोत्साहन योजना शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है।

आरक्षण 14 जनवरी से प्रभावी
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री पं। श्रीकांत शर्मा ने बताया कि कैबिनेट ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की 12 जनवरी को जारी अधिसूचना के जरिए 103वें संविधान संशोधन के द्वारा सरकारी सेवाओं की सभी श्रेणियों और शैक्षिक संस्थाओं में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को प्रदेश में प्रभावी किये जाने को लेकर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। नई आरक्षण व्यवस्था 14 जनवरी से प्रभावी मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक फैसले से कमजोर आर्थिक स्थिति वाले सामान्य वर्ग के लोगों को राहत मिल सकेगी। उल्लेखनीय है कि कमजोर सामान्य वर्ग के लिये आरक्षण व्यवस्था लागू करने वाला उत्तर प्रदेश तीसरा राज्य है। इससे पहले गुजरात और झारखंड में आरक्षण की यह व्यवस्था लागू हो चुकी है। सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के लिए केंद्र सरकार ने मानक तय किया है। इसके तहत सालाना आठ लाख रुपये तक की कमाई वाले परिवार को लाभ मिलेगा। यह सिर्फ केंद्र सरकार से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों और केंद्रीय नौकरी में ही अनिवार्य रूप से लागू होगा। राज्यों को इससे छूट दी गई है। उन्हें अपनी जरूरत व स्थिति के हिसाब से इसे कम-ज्यादा करने का अधिकार दिया गया है। हालांकि योगी सरकार ने केंद्र के ही फैसले को हूबहू लागू करने का निर्णय लिया है।

एक करोड़ तक के कामों को मंजूरी दे सकेंगे मंत्री
मंत्री शर्मा ने बताया कि अब तक प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अपने मंत्रालयों में 25 लाख तक की परियोजनाओं को ही मंजूरी दे सकते थे। जबकि, इससे अधिक धनराशि की परियोजना को संस्तुति के लिये कैबिनेट के समक्ष भेजना पड़ता था। पर, कैबिनेट ने शुक्रवार को यह सीमा बढ़ाते हुए एक करोड़ रुपये कर दी। अब मंत्री एक करोड़ रुपये तक के कामों को मंजूरी दे सकेंगे, जिससे परियोजनाओं को मंजूरी मिलने के लिये इंतजार नहीं करना होगा।

वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट प्रोत्साहन योजना
प्रदेश सरकार की वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना के लिये विपणन प्रोत्साहन योजना को भी कैबिनेट ने शुक्रवार को मंजूरी दी है। इसके तहत अब शिल्पियों को अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करने के लिये आने वाले खर्च का 75 प्रतिशत सरकार वहन करेगी। मंत्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश में आयोजित होने वाले मेला-प्रदर्शनियों में प्रतिभाग करने के लिये स्टाल चार्जेज का 75 प्रतिशत अधिकतम 50 हजार रुपये, उत्पादन स्थल से मेला स्थल तक विक्रय के लिये सामान की ढुलाई पर आने वाले खर्च का 75 प्रतिशत अधिकतम 7500 रुपये व मेले में आने-जाने के लिये एक व्यक्ति का थर्ड एसी का किराया दिया जाएगा। प्रदेश के बाहर स्टाल चार्जेज पर अधिकतम 50 हजार रुपये, ढुलाई के लिये 15 हजार व आने-जाने के लिये थर्ड ऐसी का किराया। वहीं, विदेश में आयोजित व्यापार मेला-प्रदर्शनी में प्रतिभाग करने पर स्टाल चार्जेज का अधिकतम दो लाख रुपया, माल ढुलाई के लिये 25 हजार रुपये और इकोनॉमी क्लास का एयर टिकट अधिकतम 75 हजार रुपये तक की मदद की जाएगी।

अन्य महत्वपूर्ण फैसले

-सेतु निगम के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ

-चित्रकूट में लगने वाले रामायण मेला का प्रांतीयकरण, अब पूरा खर्च शासन करेगा

-विभिन्न बॉटलिंग प्लांट में विदेशी शराब की बोतल पर तीन रुपये व बीयर की बोतल की बॉटलिंग पर एक रुपये, होटल व बार में विदेशी शराब के उपभोग पर 10 रुपये व बीयर पर 5 रुपये की स्पेशल फीस का निर्धारण। इससे अर्जित 165 करोड़ रुपये गोवंश आश्रय स्थल में निराश्रित गोवंश के भरण-पोषण पर व्यय की जाएगी।

-चंदौली स्थित तहसील मुगलसराय का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर किया गया।

-1.00 क्यूसेक के दो हजार नए नलकूप बनाने का निर्णय, 57,552 लाख व नियमानुसार जीएसटी की मंजूरी

-प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 1,101 फेल नलकूपों के पुनर्निमाण व आधुनिकीकरण परियोजना को मंजूरी

-नागरिक उड्डयन निदेशालय के पायलटों को 5000 रुपये प्रति घंटा उड़ान भत्ता, राजधानी में टाइप-4 व 5 का सरकारी आवास और 60 लाख रुपये का पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस को मंजूरी।

-लखनऊ के कनौसी गांव में सिंचाई विभाग की 600 वर्गमीटर जमीन रोड निर्माण के लिये पीडब्लूडी को ट्रांसफर करने की मंजूरी।

-महराजगंज में सिंचाई विभाग की 1.01 हेक्टेयर जमीन सशस्त्र सीमा बल को देने की मंजूरी

-केंद्र के सहायोग से स्वशासी (सेल्फ फाइनेंस) राज्य चिकित्सा विश्वविद्यालय से संबद्ध कई जिलों के जिला अस्पतालों या रेफरल अस्पतालों की संपत्ति को चिकित्सा शिक्षा विभाग को सौंपने की मंजूरी।

-पीपी मॉडल पर बन रहे मुजफ्फरनगर-सहारनपुर मार्ग को एनएच-58 से लिंक करने के लिये रामपुर बाइपास मार्ग 1.20 किलोमीटर को हस्तांतरित करने की मंजूरी।