- महिला दरोगा ने लगाया एडीजी वूमेन पॉवर लाइन पर लगाए गंभीर आरोप

- मारपीट की शिकायत करने पर महिला दरोगा को ही कर दिया सस्पेंड

LUCKNOW : सूबे में महिलाओं को न्याय दिलाने वाली वूमेन पॉवर लाइन 1090 में तैनात एक महिला दारोगा ने एडीजी पर मारपीट का आरोप गया है। घायल दारोगा को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। वहीं महिला दारोगा ने जब इस मामले की शिकायत डीजीपी से की तो उसे ही सस्पेंड कर दिया गया। वहीं इस मामले में पॉवर लाइन का कोई भी जिम्मेदार बोलने को तैयार नही है।

नौ माह से मेडिकल पर थी

इंदिरानगर के खुर्रमनगर में रहने वाली शोभा तिवारी 1090 में ही तैनात हैं। वह 9 महीने से मेडिकल पर थी। दिसंबर में वह वापस काम पर लौटी तो उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच (पी)) बैठा दी गई थी। इसकी जांच सीओ मोनिका यादव को दी गई थी। पीडि़ता ने बताया कि वह सुबह इसी मामले में बयान दर्ज कराने के लिए 11 बजे कार्यालय पहुंचीं। जहां उन्हें बाद में आने के लिए कहा गया। जब वह दोबारा 1.20 बजे के आस-पास गई तो सीओ मोनिका यादव ने अनुपस्थित रहने की वजह एक कागज पर लिखकर देने के लिए कहा।

महिला दरोगा को मारा थप्पड़

जब शोभा वहीं बैठकर प्रार्थना पत्र लिख रहीं थीं, तभी एडीजी अंजू गुप्ता आ गई। उन्होंने सीओ को केबिन के बाहर बुलाया। उनसे कुछ बात की और फिर अंदर आ गई। उनकी नजर शोभा पर पड़ी तो वो आगबबूला हो गई। बोलीं तुम कैसे आई। आरोप है कि पीडि़ता ने बयान देने की बात कहीं तो महिला अफसर उससे अभद्रता करने लगी। प्रार्थना पत्र छीनकर फाइल ले ली और थप्पड़ जड़ दिए। यहीं नहीं उसे धक्का मारकर गिरा दिया। जिससे पीडि़ता को चोटें आई।

शिकायत करने पर किया सस्पेंड

अफसर के गलत व्यवहार से आहत महिला दारोगा ने इसकी शिकायत ई-मेल के जरिए तत्काल डीजीपी को दी। इसकी जानकारी अफसर को हुई तो उसने शोभा तिवारी को सस्पेंड करने के निर्देश दिया। यहीं नहीं इंस्पेक्टर गौतमपल्ली को बुलाकर जेल भेजने तक की धमकी दे डाली। इसके साथ ही वूमेन पॉवर लाइन के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर सस्पेंशन की जानकारी भी दी गई कि महिला दरोगा ऑफिस रिकॉ‌र्ड्स की मोबाइल फोटो खींच रही थी। आला अफसरों से घोर अभद्रता करने के कारण उसे सस्पेंड किया गया। वह पांच माह से गैरहाजिर थी। जिसके चलते इनके खिलाफ पहले की अनुशासनहीनता की जांच चल रही थी।

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पुराना है वूमेन पॉवर लाइन में विवादों से नाता

वूमेन पॉवर लाइन में विवादों से नाता पुराना है। इससे पहले भी एक महिला सिपाही ने 1090 के आला अफसरों के खिलाफ शिकायत की थी। हालांकि उसे भी विभागीय कार्रवाई का खामियाजा भुगतना पड़ा था। वहीं वूमेन पॉवर लाइन की महिला कर्मचारियों के बच्चों के लिए बनाए गए क्रैच को भी हटा दिया गया था।