लखनऊ (ब्यूरो)। बच्चों को आजकल पहले स्कूल, फिर ट्यूशन और फिर घर लौटकर पढ़ाई करती पड़ती है। ऐसे में, पैरेंट्स के लिए जरूरी हो जाता है कि वे बच्चों पर पढ़ाई का पे्रशर बढ़ने न दें। अधिक दबाव से बच्चे के बिहेवियर में काफी बदलाव होनेे लगता है, जिसके चलते कई बच्चे सुसाइड जैसा गलत कदम उठा लेते हैं। मंगलवार को पारा थाना क्षेत्र के सागर विहार कॉलोनी स्थित सेंट मैरी स्कूल की 10वीं की छात्रा जोयस अंगिस्टन (15) ने सुसाइड कर लिया। जोयस अपने ही स्कूल की प्रिंसिपल की बेटी थी।

तैयार होने के लिए कमरे में गई

जोयस के पिता जॉन अंगस्टिन ने बताया कि वह सागर विहार कॉलोनी में पत्नी स्वापना अंगस्टिन, बेटी शायरा और छोटी बेटी जोयस के साथ रहते हैं। उनकी पत्नी सेंट मैरी स्कूल में प्रिंसिपल हैं। उनका परिवार स्कूल परिसर में ही रहता है। मंगलवार सुबह बेटी जोयस ऊपर अपने कमरे में यह कहकर गई कि वह तैयार होने जा रही है, लेकिन काफी टाइम बाद भी वह नीचे नहीं आई। इसके बाद नौकरानी ऊपर के कमरे से बेटी को बुलाने गई तो अंदर लोहे की ग्रिल पर जोयस फंदे से लटकी हुई थी। शोर मचाने पर परिवार इकट्ठा हो गया। इसके बाद उसे तुरंत फंदे से उतारकर अस्पताल पहुंचाया गया।

आज इंग्लिश का एग्जाम था

पिता जॉन के मुताबिक, बेटी जोयस पढ़ने-लिखने में बहुत अच्छी थी। वह आईसीएसई बोर्ड से पढ़ाई कर रही थी। स्कूल में हमेशा ही टॉपर रहती थी। बुधवार को उसका इंग्लिश का एग्जाम था। न जाने क्यों इसे लेकर वह काफी टेंशन में रहने लगी। शायद इसी वजह से उसने सुसाइड करने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि हाल ही में मसूरी में हुए तैराकी कंपीटीशन में उनकी बेटी ने टॉप किया था। वह बहुत अच्छी तैराक थी। बेटी के इस कदम से पूरा परिवार आहत है।

पुलिस ऑफिसर बनाना चाहती थी बेटी

घटना के बाद परिवार में मां बहन और पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। किसी को यकीन ही नहीं हो रहा है कि उनकी बेटी अब उनके पास नहीं रही। पिता के मुताबिक, बेटी हमेशा से पुलिस ऑफिसर बनकर अपने देश का नाम रोशन करना चाहती थी। वह आगे चलकर यूपीएससी की तैयारी करने की सोच रही थी। वहीं, मंगलवार को उसका पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया।

कैसे किया जा सकता है कंट्रोल

एमएस कैंसर संस्थान के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ। देवाशीष शुक्ला बताते हैं कि अधिक दबाव से बच्चे के बिहेवियर में काफी बदलाव होने लगता है, जो आगे चलकर बच्चे की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है, लेकिन कुछ बातों का ख्याल रखकर इसपर कंट्रोल किया जा सकता है। उन्होंने कुछ लक्षणों के बारे में भी बताया

- हमेशा थका-थका रहना, किसी से कुछ भी बात न करना।

- खुद की पढ़ाई पर मंथन न कर पाना, हमेशा ही सोचते रहना।

- बच्चा परिवार से दूरी बनाने लगेगा, दोस्तों को भी समय नहीं देगा।

- चिड़चिड़ापन, बात-बात पर गुस्सा आना, खुद को अकेला रखना।

- खेलकूद का शौक खत्म होना, सिर्फ पढ़ाई की बातें करना।

- स्कूल, घर और फिर ट्यूशन पढ़ने के बाद भी हमेशा पढ़ते ही रहना।

ऐसे करें बचाव

- चिड़चिड़ापन और बात-बात पर गुस्सा आए तो डॉक्टर से मिलें।

- बच्चों पर एक्स्ट्रा बर्डन न डालें, इससे बच्चे टेंशन में आ जाते हैं।

- बच्चों को उतना ही पढ़ने के लिए बोलें, जितना उसे पसंद हैं।

- अगर उसका पढ़ाई में मन नहीं है तो उससे उसकी रुचि पूछें।

- बच्चों को ग्राउंड में खेलने को जाने दें, मना न करें।

आठवीं के छात्र अंशु ने लगाया फंदा

वहीं दूसरी तरफ, इंटौजा थाना क्षेत्र के सहादतनगर में आठवीं के छात्र अंशु (14) का शव घर में फंदे से लटकता मिला। इटौंजा प्रभारी मार्केंडेय पांडेय के मुताबिक, सहादतनगर निवासी सुनील का छोटा बेटा अंशु आठवीं का छात्र था। अंशु चचेरी बहन की चौथी लेकर ससुराल जाने की जिद कर रहा था, इस मां गुडिया ने उसे मना करते हुए डांट दिया था। इसके बाद अंशु भाई हिमांशु के संग चाचा के घर से अपने घर आ गया। जिसके बाद उसने कमरा बंद कर पंखे के हुक में दुपट्टे से सुसाइड कर लिया। शुरुआती जांच में समाने आया कि मां की डांट से नाराज होकर छात्र ने आत्महत्या की है।

आलमबाग और चिनहट में भी सुसाइड

इसके अलावा आलमबाग के बड़ा बरहा में काम छूटने से परेशान टैक्सी ड्राइवर राजेंद्र लोधी (45) ने भी घर पर फंदा लगाकर आत्मघाती कदम उठा लिया। पुलिस जांच में सामने आया कि आलमबाग के बड़ा बरहा निवासी टैक्सी ड्राइवर राजेंद्र लोधी काफी दिनों से वह काम पर नहीं जा रहे थे। इसके चलते काफी परेशान थे। बेटी रेनू ने बताया कि सोमवार देर रात पिता का शव फंदे से लटका मिला। वहीं, दूसरी तरफ चिनहट डूडा कॉलोनी में कारपेंटर की पत्नी निधि शर्मा (32) ने साड़ी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। पड़ोसियों ने दरवाजा तोड़ा तब निधि शर्मा का शव पंखे के हुक में लटका था। पति हरिओम के मुताबिक, पिछले दिनों से निधि के मोबाइल पर अन्जान नंबर से कॉल आ रही थी। इसको लेकर वह काफी परेशान थी।