- सभी कर्मचारियों का एंटीबॉडी टाइटर टेस्ट कराया जाएगा

LUCKNOW : राजधानी में एक तरफ जहां काफी तेजी से वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल रहा है और बड़ी संख्या में लोग वैक्सीन लगवा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई ऐसे मामले मामले भी सामने आ रहे हैं, जिसमें वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे मामले सामने आने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग इन लोगों के सैंपल लेकर जीन सिक्वेंसिंग करा रहा है। वैक्सीनेशन के बाद भी संक्रमित होने वालों का एंटीबॉडी टाइटर टेस्ट भी कराया जा रहा है, जिससे पता चले, इन लोगों के संक्रमित होने की वजह क्या है।

दो डोज लगने पर भी संक्रमित

राजधानी में वैक्सीनेशन के नोडल इंचार्ज डॉ। एमके सिंह ने बताया कि राजधानी के अवंतीबाई अस्पताल के 11 कर्मचारियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इन सभी को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थीं। यह मामला सामने आने के बाद निर्णय लिया गया है कि इन सभी लोगों की जीन सिक्वेंसिंग कराई जाएगी और एंटीबॉडी टायटर टेस्ट भी कराया जाएगा। इन सभी के सैंपल लेकर जांच के लिए केजीएमयू भेज दिए गए हैं।

मिलेगी स्ट्रेन की जानकारी

केजीएमयू की माइक्रोबॉयोलॉजी डिपार्टमेंट की एचओडी प्रो। अमिता जैन ने बताया कि जीन सिक्वेंसिंग से यह पता चलेगा कि इन लोगों में कोरोना वायरस का कौन सा स्ट्रेन है। जीन सिक्वेंसिंग से वायरस के आरएनए को जाना जाता है और इससे यह पता चल जाता है कि मरीज के शरीर में जो वायरस है, वह कहां का है।

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क्या है एंटीबॉडी टाइटर टेस्ट

केजीएमयू की माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट डॉ। शीतल वर्मा ने बताया कि एंटीबॉडी टाइटर टेस्ट से हमें यह पता चलेगा कि मरीज के शरीर में कितनी मात्रा में प्रोटेक्टिव एंटीबॉडी बनी है। हर व्यक्ति के शरीर में अलग-अलग मात्रा में एंटीबॉडी बनती है।

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11 लोगों के सैंपल जांच के लिए केजीएमयू भेज गए हैं, जिनकी जीन सिक्वेंसिंग और एंटीबॉडी टाइटर टेस्ट कराया जाएगा।

डॉ। एमके सिंह, नोडल इंचार्ज

जीन सिक्वेंसिंग से कोरोना वायरस का स्ट्रेन पूरी तरह पता चल जाएगा। इसमें समय लगता है।

प्रो। अमिता जैन, एचओडी, माइक्रोबॉयोलॉजी डिपार्टमेंट, केजीएमयू

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पहले भी मिले हैं ऐसे मामले

राजधानी में पहले भी ऐसे मामले मिल चुके हैं, जिसमें वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद भी लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हुए हैं। इससे पहले पीजीआई के डायरेक्टर प्रो। आरके धीमन और उनकी पत्‍‌नी, सिविल अस्पताल में डॉक्टर नितिन मिश्रा और ऐरा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। एमएमए फरीदी वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद संक्रमण का शिकार हुए हैं।