- व्यवसायी और पुलिस परिवार के लोगों ने चिड़याघर के 23 पशु-पक्षियों को लिया गोद

- कोई छह माह तो कोई एक साल तक उनके खाने और रखरखाव का खर्च वहन करेगा

LUCKNOW:

अपनों को खोने का गम दिल में दबाए बैठे थे। कभी सिसकियां लेते तो कभी उनके साथ बिताए पलों को याद कर आंखों में आंसू भर लेते थे, लेकिन बुधवार को प्राणी उद्यान में ऐसे लोगों के चेहरे खिले हुए थे। वह मुस्कुरा रहे थे, जब उन्होंने अपने दिवंगत स्वजन की याद में पशु-पक्षियों को गोद लिया। इस कड़ी में चार साल पहले सड़क हादसे में भाई शिशलेष को खो चुकीं पावनी सिन्हा ने लायन टेल मंकी और लहर ने बीमारी के चलते दिवंगत हुई नानी उमा की याद में हाग डियर को गोद लिया।

23 लोगों ने पशु पक्षियों को लिया गोद

इसके अलावा शहर में पुलिस और व्यवसायी परिवार के कुल 23 लोगों ने नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान के 23 पशु-पक्षियों को गोद लिया। किसी ने छह माह तो किसी ने एक साल के लिए उनके भोजन, दवाई और अन्य खर्च के लिए चिडि़याघर प्रशासन को चेक दिया। इस कार्यक्रम के सूत्रधार एडीसीपी मध्य जोन चिरंजीव नाथ सिन्हा हैं। उन्हें पशु-पक्षियों से अगाध प्रेम है। उन्होंने अपने साथ ही इन लोगों को भी पशु-पक्षियों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया था। कार्यक्रम के दौरान पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा कि उन्हें एडीसीपी मध्य की इस कार्यशैली पर गर्व है। पशु-पक्षी बेजुबान हैं। उनकी सेवा करना मानव का कर्तव्य और धर्म है। इन बेजुबानों की सेवा से बड़ा कोई पुण्य नहीं है। प्राणी उद्यान के निदेशक ने कहा कि चिडि़याघर के इतिहास में पहली बार एक साथ इतने पशु-पक्षियों को गोद लिया जा रहा है। इस दौरान डीसीपी मध्य जोन सोमेन वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक भर्ती बोर्ड रश्मि, एसीपी हजरतगंज राघवेंद्र मिश्रा एवं व्यापारी व अन्य लोग मौजूद रहे। एडीसीपी मध्य ने कहा कि पशु-पक्षियों से उनकी पत्नी रश्मि को भी बहुत लगाव है। रश्मि की प्रेरणा से ही वह पशु-पक्षियों की इतनी सेवा कर पाते हैं।

अब मोर हो गया मेरा, खिलाएंगे खाना, गाएंगे गाना

अब मोर तो मेरा हो गया। उसे खूब खाना खिलाएंगे और हम भी उसके साथ कूंह-कूंह कहकर गाना गाएंगे। तीन वर्षीय सिया के मुंह से तोतली आवाज में यह सुनकर आसपास खड़े लोग भी ठहाके लगाने लगे। सिया ने मोर पर कविता सुनाई। एक जानवर ऐसा देखा, जिसकी दुम पर पैसा देखा, रिमझिम-रिमझिम बादल आए, मोर छमा-छम नाच दिखाए। तीन वर्षीय सिया ने मोर को गोद लिया है। वह यहां अपनी मां रोली और भाई के साथ पहुंचीं थीं। सिया के पापा सुनील व्यवसायी हैं। रोली ने बताया कि सिया को मोर बहुत पसंद है। वह अक्सर कहती है कि मां मोर घर में रखो तो बारिश आपने आप होती है। रोली ने कहा कि दैनिक जागरण में छपी खबर पढ़कर उन्होंने एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा से संपर्क किया। इसके बाद मोर को गोद लिया। सिया कहती हैं कि अब मोर मेरा हो गया है। वह उसे खाना खिलाने जू आया करेंगी।

भाई को पशुओं से था बहुत लगाव

पावनी बताती हैं कि उनके भाई शिशलेष का वर्ष 2017 में नोएडा में एक्सीडेंट हो गया था। जिसमें उनकी जान चली गई थी। भाई से उनकी बहुत पटती थी। भाई शिशलेष को पशुओं से बहुत लगाव था। वह सुबह और शाम उन्हें खाना दिए बिना खुद खाना नहीं खाता था। लायन टेल मंकी उसे बहुत पसंद था। इसलिए उसे गोद लिया।

पशुओं की करेंगे सेवा तो नानी की आत्मा को मिलेगी शांति

लहर कहती हैं कि पशुओं से उनकी नानी उमा को बहुत स्नेह था। इस कारण उन्होंने हाग डियर को गोद लिया है। नानी की वर्ष 2017 में लिवर की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी। नानी ने ही बचपन में मुझे खिलाया और बहुत चाहती थी। नानी के जाने के बाद कुछ अच्छा नहीं लगता था। अक्सर उनकी याद आती रहती थी।

इन्होंने भी लिया गोद

बेबी अनविता वर्मा, बैंक आफ बड़ौदा ने दो पशुओं को इसके अलावा अमल शर्मा, अद्वत शर्मा, प्रांचल सिंह, सैयद अहमद, सैयद अहमद, देवाग्य दीक्षित, विभोर ¨सगल, मिकैले फराज, जगमोहन सिंह सेठी, विजय यादव, मो। खालिद, प्रभात चंद्र त्रिवेदी, गुंजन एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड, प्रीत टायर्स होटल वॉक इन, रोली पाल, विनोद कुमार शर्मा, हारुन मो। खान, इब्राहिम अहमद हैं।