लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के छह लाख से अधिक भवन स्वामियों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार नगर निगम प्रशासन की ओर से 3+3+2 का कांसेप्ट लागू किया जा रहा है। जिसके बाद सभी आठ जोन में व्यवस्था बेहतर होगी और इसका सीधा लाभ पब्लिक को मिलेगा। नगर निगम प्रशासन की ओर से जो कांसेप्ट लागू किया जा रहा है, उससे साफ है कि एक कंपनी को 3 जोन, एक कंपनी को 3 जोन और एक कंपनी को 2 जोन की वेस्ट कलेक्शन की जिम्मेदारी दी जाएगी। एक कंपनी को 2 या 3 जोन की जिम्मेदारी दिए जाने से यह फायदा होगा कि हर घर तक डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन की सुविधा पहुंचेगी और लोगों को इधर-उधर वेस्ट फेंकने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।

ईकोग्रीन की सेवा समाप्त

नगर निगम की ओर से ईकोग्रीन कंपनी की सेवा पहले ही समाप्त की जा चुकी है। इसके बाद से नगर निगम की ओर से अपने कर्मचारियों के माध्यम से ही वेस्ट कलेक्शन का काम कराया जा रहा है। जिसके चलते अक्सर ये शिकायतें सामने आती रहती हैैं कि नियमित रूप से घरों से वेस्ट नहीं उठता है। घरों से नियमित रूप से वेस्ट न उठने की वजह से लोगों को खाली प्लॉट्स या रोड साइड वेस्ट फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

अब यह उठाया गया कदम

निगम प्रशासन की ओर से सभी आठ जोन के लिए अलग-अलग व्यवस्था कर दी गई है। कंपनियों के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। निगम प्रशासन की माने तो इस साल के आखिरी तक या एक जनवरी नई व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। खास बात यह है कि नई कंपनियों के आने से निगम में जुड़े नए इलाकों में भी वेस्ट कलेक्शन की सुविधा पहुंच सकेगी।

ये होगा फायदा

1-सभी वार्ड होंगे स्वच्छ

2-100 प्रतिशत वेस्ट कलेक्शन

3-रोड साइड नहीं दिखेगा वेस्ट

4-खाली प्लॉट्स नहीं बनेंगे कूड़ाघर

5-ओपन डंपिंग प्वाइंट्स से राहत

6-स्वच्छता सर्वेक्षण में होगा फायदा

लंबे समय से जरूरत

लंबे समय से ऐसी किसी ठोस व्यवस्था की जरूरत महसूस की जा रही थी, जिससे शहर की स्वच्छता में इजाफा हो सके। हर साल होने वाली स्वच्छता सर्वेक्षण की परीक्षा में भी नगर निगम को इस बिंदु पर अंकों का नुकसान उठाना पड़ता था लेकिन जब व्यवस्था बेहतर होगी तो रैैंकिंग में सुधार होगा।

डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन व्यवस्था बेहतर करने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैैं। 15 से 20 दिन के अंदर जोनवार नई कंपनियां जिम्मेदारी संभाल लेंगी। जिसका सीधा फायदा भवन स्वामियों को मिलेगा।

इंद्रजीत सिंह, नगर आयुक्त