लखनऊ (ब्यूरो)। डीसीपी ट्रैफिक सुभाष शाक्य के अनुसार बड़ी संख्या में राजधानी की सड़कों पर दौड़ रहे लाखों वाहन ऐसे हैं जो मानकों के आधार पर सस्पेंड हो चुके हैं। जून 2020 में जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन खत्म हो चुका है उन्हें 6 माह की टाइम लाइन एक्ट्रा दी गई थी। तय समय पर री-रजिट्रेक्शन नहीं किया तो उनकी मान्यता रोड पर चलने के लिए खत्म हो जाती है। ऐसे करीब 4 लाख वाहन हैं। जिनका रजिस्ट्रेशन खत्म हो चुका है।
प्रदूषण भी फैला रहे ऐसे वाहन
राजधानी की सड़कों पर दौड़ रहे ऐसे वाहनों के कारण एयर पॉल्यूशन भी फैल रहा है। इसका अंदाजा इसकी बात से लगाया जा सकता है कि आरटीओ मेंं जितने वाहन रजिस्र्ड हैं उसमें अभी 4 लाख वाहनों ने प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं बनवाया है। ट्रैफिक पुलिस जितने चालान करती है, उसमें 20 प्रतिशत चालान प्रदूषण को लेकर किए जाते हैं। महीने में करीब 150 से भी ज्यादा ऐसे चालान किए जाते हैं। प्रदूषण पर चार पहिया वाहन का चालान जुर्माना दस हजार रुपये तक हैै।

2 माह में पुन रजिस्ट्रेशन वाहनों की संख्या
ग्रुप संख्या
टू-व्हीलर 20000
फोर-व्हीलर 15000

राजधानी में लाखों वाहन नियम विरुद्ध चल रहे हैं जो न केवल ट्रैफिक प्रेशर बढ़ा रहे हैं बल्कि प्रदूषण भी फैला रहे हैं। ऐसे वाहनों के खिलाफ संबंधित विभागों के सहयोग से अभियान चलाकर उन्हें रोड्स से बाहर किया जाएगा।
सुभाष शाक्य, डीसीपी ट्रैफिक