लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में दौड़ रहीं एंबुलेंस को जाम से निजात दिलाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने एक नया ब्लूप्रिंट तैयार किया है। इसके तहत ट्रैफिक पुलिस अब शहर की सभी प्राइवेट और सरकारी एंबुलेंस को चिन्हित कर उनपर कंट्रोल रूम का नंबर चस्पा करने जा रही है। साथ ही एंबुलेंस को ट्रैफिक कंट्रोल रूम का नंबर भी प्रोवाइड कराएगी, ताकि एंबुलेंस ड्राइवर मरीज ले जाने के दौरान पहले ही ट्रैफिक पुलिस को इसकी सूचना दे सके और फिर पुलिस रूट को एंबुलेंस के लिए क्लीयर करा करेगी। जिससे मरीजों और तीमारदारों को काफी राहत मिलेगी।

केस-1

अगस्त 2023 में सरोजनीनगर के बेहसा गांव के रहने वाले वेद प्रकाश (75) ने इंदिरा गांधी नेत्र चिकित्सालय में आंख का ऑपरेशन कराया था। वह जांच के लिए बेटी संग अस्पताल आए थे। वेद प्रकाश कुर्सी पर बैठे-बैठे अचानक गश खाकर गिर गए। एंबुलेंस से मरीज को बलरामपुर अस्पताल भेजा गया। गंभीर मरीज को लेकर निकली एंबुलेंस को महज एक किलोमीटर की दूरी तय करने में आधे घंटे से भी ज्यादा का समय लग गया। जगह-जगह जाम और अस्पतालों के बाहर अतिक्रमण से एंबुलेंस फंसी रही, जिससे मरीज को जान गंवानी पड़ी।

केस-2

मार्च 2019 में माल निवासी हरिपाल के आठ माह के बेटे आयुष को निमोनिया हो गया था। बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने पर डॉक्टर ने हालत गंभीर होने की बात कहते हुए उसे बलरामपुर अस्पताल रेफर किया। परिजन निजी एंबुलेंस से उसे बलरामपुर अस्पताल ले जाने को निकले, माल से बलरामपुर अस्पताल तक सफर तय करने में एंबुलेंस को दो घंटे लग गए। कई जगह जाम में फंसकर एंबुलेंस रेंगती रही और फिर अस्पताल के कचहरी गेट पर जाम में फंसी रही। काफी समय बाद रेंग-रेंगकर एंबुलेंस निकल पाई आगे बढ़ते ही सुपर स्पेशलियटी वार्ड का मेन गेट बंद होने से एंबुलेंस अंदर नहीं घुस पाई। इस दौरान बच्चे की मौत हो गई थी।

केस-3

अगस्त 2023 को परिवर्तन चौक से लेकर कैसरबाग चौराहा, शहीद स्मारक, डालीबाग के रास्ते कनवेंशन सेंटर तक जाम लगा रहा। इसमें पांच एंबुलेंस फंस गईं, जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह जाम को खुलवाया गया, जिसके बाद मरीजों और तीमारदारों ने राहत की सांस ली। गनीमत रही कि इसमें किसी मरीज की जाम में फंसने की वजह से जान नहीं गई।

इसलिए लिया गया फैसला

ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, शहर में आए दिन एंबुलेंस के जाम में फंसने की शिकायतें आती थीं। जाम में फंसकर कई मरीजों की मौत भी हुई है। साथ ही कईयों के इलाज में भी देरी हुई। ऐसी घटनाओं से ट्रैफिक पुलिस ने सबक लेते हुए एंबुलेंस को जाम से निजात दिलाने के लिए यह फैसला लिया है। अधिकारियों का कहना है कि यह सेवा शुरू होने पर अगर कहीं कोई एंबुलेंस जाम में फंसती है तो फौरन उसे ट्रैफिक जाम से बाहर निकाला जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में यह सेवा सभी एंबुलेंस के लिए लागू कर दी जाएगी।

ऐसे होगा काम

अधिकारियों ने बताया कि इस व्यवस्था को शुरू करने से पहले सभी एंबुलेंस को चिन्हित किया जा रहा है। इसमें प्राइवेट से लेकर सरकारी एंबुलेंस तक शामिल हैं। इस काम के पूरा होने के बाद हर एंबुलेंस पर ट्रैफिक पुलिस का कंट्रोल रूम नंबर 9454405155 चस्पा किया किया जाएगा। इसके अलावा एंबुलेंस चालक को भी यह नंबर दिया जाएगा। जब किसी एंबुलेंस चालक को लगेगा कि उसकी एंबुलेंस में गंभीर मरीज है और जाम की वजह से हॉस्पिटल पहुंचने में उसे देरी न हो तो वह फौरन ट्रैफिक पुलिस को इसकी सूचना देकर पहले से ही सूचित करेगा। इसके अलावा रास्ते में भी कोई ट्रैफिक पुलिस कंट्रोल रूम नंबर पर एंबुलेंस के जाम में फंसे होने की सूचना दे सकता है।

ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया जाएगा

अक्सर देखा गया है कि इमरजेंसी केसेज में एंबुलेंस जाम में फंस जाती है, पर ट्रैफिक पुलिस को अगर एंबुलेंस का रूट पहले से ही पता चल जाएगा तो इन रूटों पर यातायात सुगम बनाने के लिए ट्रैफिक को क्लीयर कर दिया जाएगा। इसके लिए इन रूटों में आने वाले सभी ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को अलर्ट किया जाएगा। जितने भी एंबुलेंस के रास्तों पर चौराहे या मार्ग आएंगे ट्रैफिक पुलिस की एक्स्ट्रा फोर्स लगी रहेगी। साथ ही इमरजेंसी वाले एंबुलेंस के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने का भी इंतजाम किया जाएगा। इस सिस्टम को शुरू करने का मकसद है कि कोई भी एंबुलेंस जाम में न फंसे।

फैक्ट फाइल

1250 के करीब एंबुलेंस

ट्रैफिक पुलिस कंट्रोल नंबर

9454405155

अक्सर एंबुलेंस जाम में फंस जाती हैं, जिसे देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने एंबुलेंस पर कंट्रोल रूम का नंबर चस्पा करने का फैसला किया है। इसके लिए शहर के एंबुलेंस को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है।

-आशीष श्रीवास्तव, डीसीपी ट्रैफिक, लखनऊ