लखनऊ (ब्यूरो)। स्कूलों की ओर से जो जियो लोकेशन अपलोड की गई है, उसमें कई कमियां सामने आ रही हैं। कई स्कूलों ने जो लोकेशन अपलोड की है, उसमें आसपास के स्कूलों की दूरी दोगुनी तक दिखाई गई है। यह खामियां राजधानी के करीब 40 फीसद स्कूलों की जियो लोकेशन में आई है।
रिपोर्ट के आधार पर नंबर
अधिकारियों के अनुसार स्कूल में मौजूद सुविधाओं और टीम की रिपोर्ट के बेस पर स्कूलों को नंबर दिए जाएंगे। अच्छे नंबर पाने वाले स्कूलों को सेंटर्स बनाने में वरीयता दी जाएगी। रैंकिंग के आधार पर सेंटर्स बनाने की प्रक्रिया बीते दो साल से चल रही है।
किस पैमाने पर कितने नंबर
- इंटर तक का स्कूल होने पर 20 नंबर
- हाईस्कूल तक स्कूल होने पर 10 नंबर
- राजकीय माध्यमिक स्कूल को 50 नंबर
- सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूल को 30 नंबर
- वित्त विहीन स्कूल को 10 नंबर
- सीसीटीवी होने पर 10 नंबर
- 2020 में सेंटर बनने वाले स्कूलों को 20 नंबर
- 90 फीसद से अधिक माक्र्स लाने वाले स्कूलों को 10 नंबर
महत्वपूर्ण डेट
- 22 दिसंबर- परीक्षार्थी संख्या सहित केंद्रों की सूची जारी
- 3 जनवरी- इस डेट तक आपत्तियों का निस्तारण
- 9 जनवरी- फाइनल सूची जारी की जाएगी
- 15 जनवरी- आवंटन में गलतियों का सुधार
- 24 जनवरी- सेंटर्स की फाइनल सूची जारी होगीबोर्ड के दिशा निर्देशों के आधार पर सेंटर्स बनाने का काम तेजी से चल रहा है। स्कूलों की आधारभूत सूचनाएं पोर्टल पर अपलोड कर दी गई हैं, जिसकी जांच कराई जा रही है। अधिक माक्र्स प्राप्त करने वाले स्कूलों को ही सेंटर बनाया जाएगा।
डॉ अमरकांत सिंह, डीआईओएस