लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां पेट ओनर्स अपने डॉग्स का समय से वैक्सीनेशन नहीं कराते, वहीं दूसरी तरफ उनके द्वारा अपने पेट डॉग का नगर निगम से लाइसेंस तक नहीं बनवाया जाता है। करीब 40 फीसदी ऐसे पेट ओनर्स हैैं, जो निगम प्रशासन द्वारा बार-बार अपील किए जाने के बाद भी डॉग का लाइसेंस नहीं बनवाते हैैं। अब नगर निगम की ओर से जरूर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है, जिनके पेट डॉग का लाइसेंस या तो बना नहीं है या रिन्यू नहीं कराया गया है।

530 डॉग के ही लाइसेंस रिन्यू

राजधानी में करीब 7800 विदेशी डॉग्स पले हुए हैैं। इसमें से सिर्फ 550 डॉग्स के ही लाइसेंस रिन्यू कराए गए हैैं। इस आंकड़े से खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि पेट ओनर्स की ओर से लाइसेंस रिन्यू को लेकर जागरूकता कितनी कम है। निगम की ओर से अभियान चलाए जाने के बाद भी लाइसेंस बनवाने और रिन्यू कराने को लेकर कोई तेजी आती हुई नजर नहीं आ रही है।

7845 विदेशी ब्रीड के डॉग्स

राजधानी में करीब 7845 विदेशी ब्रीड के डॉग्स पले हुए हैैं। इनमें से 3525 डॉग्स विदेशी बड़ी ब्रीड के हैैं, जबकि 2560 डॉग्स विदेशी छोटी ब्रीड के हैैं। इसके साथ ही घरों में 1760 देसी नस्ल के डॉग्स भी पले हैैं। पिछले साल उक्त संख्या के लाइसेंस नगर निगम से बनवाए गए थे।

हर साल होते हैैं रिन्यू

हर साल नगर निगम की ओर से डॉग लाइसेंस को रिन्यू किया जाता है। वर्ष 2023 में भी अप्रैल और मई माह में उक्त लाइसेंस रिन्यूवल व्यवस्था को शुरू किया जा चुका है। जो भी पेट ओनर्स अपने डॉग का नगर निगम से लाइसेंस नहीं बनवाते हैैं, उसके बाद उन पर पांच हजार जुर्माना की कार्रवाई नगर निगम की ओर से की जाएगी।

आंकड़ा तो और भी ज्यादा है

राजधानी में सिर्फ 7845 नहीं, बल्कि इससे कहीं ज्यादा डॉग्स घरों में पले हुए हैैं और उनकी ओर से नगर निगम को कोई जानकारी नहीं दी गई है। गोमतीनगर, इंदिरानगर, अलीगंज, आलमबाग समेत कई पॉश एरियाज ऐसे हैैं, जहां एक-एक घर में दो से तीन विदेशी ब्रीड के डॉग्स पले हुए हैैं, जो दूसरों के लिए खतरा साबित हो सकते हैैं। नगर निगम द्वारा बार-बार अपील किए जाने के बाद भी पेट ओनर्स की ओर से अपने डॉग्स के लाइसेंस नहीं बनवाए जा रहे हैैं और न ही रिन्यू कराए जा रहे हैैं।

लाइसेंस एक नजर में

7845 कुल डॉग लाइसेंस बने हैैं

3525 विदेशी बड़ी ब्रीड के डॉग

2560 विदेशी छोटी ब्रीड के डॉग

1760 देशी ब्रीड के डॉग हैैं

ये भी जानें

910 लैब्राडोर पले हुए घरों में

965 गोल्डन रिट्रीवर पले हैं

987 जर्मन शेफर्ड पले हैं

370 रॉटवीलर पले हुए हैैं

293 अन्य प्रजाति के डॉग्स

470 लासा एप्सो प्रजाति के डॉग्स

670 स्पिट्स प्रजाति के डॉग्स

240 पग भी पले हुए हैैं

लाइसेंस इसलिए जरूरी

सभी पेट ओनर्स को इस बात को समझना होगा कि अगर उनके घर में कोई डॉग पला है तो उसका लाइसेंस जरूर बनवाएं। इसकी वजह यह है कि अगर डॉग द्वारा किसी को काट लिया जाता है और उसका लाइसेंस नहीं बना होता है तो पेट ओनर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने का प्राविधान है। राजधानी में ऐसे मामले सामने भी आ चुके हैैं।

पेट ओनर्स को समय से अपने डॉग का लाइसेंस बनवाना चाहिए साथ ही रिन्यू भी कराना चाहिए। अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ जुर्माना संबंधी कार्रवाई की जाती है। सभी पेट ओनर्स से अपील है कि अपने डॉग का लाइसेंस जरूर बनवाएं या रिन्यू कराएं। जिससे उन्हें जुर्माना संबंधी कार्रवाई का सामना न करना पड़े।

-डॉ। अभिनव वर्मा, एनिमल वेलफेयर ऑफिसर, नगर निगम