- एलयू में दो पालियों में 1,314 परीक्षार्थी रहे उपस्थित

रुष्टयहृह्रङ्ख : लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) में शनिवार से पीएचडी में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा शुरू हो गई। कोविड-19 के प्रोटोकाल के अनुसार गेट नंबर दो और चार पर परीक्षाíथयों के प्रवेश पत्र, मास्क देखकर उन्हें अंदर जाने दिया गया। दो पालियों की प्रवेश परीक्षा में करीब दो हजार परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इनके लिए परिसर में दो केंद्र बनाए गए।

कोविड प्रोटोकॉल हुआ फॉलो

एलयू एवं सम्बद्ध कॉलेजों को मिलाकर 439 रेगुलर सीटों पर पीएचडी दाखिले होने हैं। पहले दिन शनिवार को सुबह 11 से 12.30 बजे प्रथम पाली की परीक्षा में परीक्षार्थी सुबह 10 बजे से पहले ही परिसर के गेट पर पहुंच गए। यहां प्राक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों और कर्मचारियों ने उनका प्रवेश पत्र देखा। फोटो मिलान कर मास्क के साथ उन्हें अंदर जाने दिया गया। परीक्षा के लिए डॉ। केके सक्सेना ब्लाक (न्यू कॉमर्स) और पीजी ब्लाक को केंद्र बनाया गया। प्रो.आलोक कुमार राय ने सुबह की पाली में परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। परीक्षा समन्वयक प्रो। पंकज माथुर ने बताया की प्रवेश परीक्षा की पहली पाली में 665 शामिल हुए, जबकि 262 अनुपस्थित रहे। वहीं, शाम की पाली में 649 अभ्यर्थी उपस्थित रहे और 290 परीक्षाíथयों ने परीक्षा छोड़ दी।

90 मिनट में हल किए 70 प्रश्न

सुबह की पाली में कामर्स, पॉलिटिकल साइंस, फिलॉसफी, बाटनी, साइकोलाजी, सोशल वर्क और दोपहर की पाली में तीन से शाम 4.30 बजे तक लॉ, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, जियोलाजी, वेस्टर्न हिस्ट्री, एनसिएंट इंडियन हिस्ट्री, ओरियंटल संस्कृत, फ्रेंच, लिंगविस्टिक और सोशियोलाजी विषय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा हुई। पेपर बहुविकल्पीय पैटर्न पर था, जिसमें 35 प्रश्न संबंधित विषय और 35 प्रश्न रिसर्च मेथोडोलाजी के शामिल रहे। प्रवेश परीक्षा में बैग लाने के लिए सख्त मना किया गया था। फिर भी बड़ी संख्या में परीक्षार्थी बैग लेकर पहुंचे। लिहाजा, गेट के पास चेकिंग कर उनके बैग कमरे के बाहर रखवा दिए गए।

बोले, स्टूडेंट्स

सोशल वर्क विषय से पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा दी है। बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे गए थे। 35 विषय के और 35 रिसर्च मेथोडोलाजी के। विषय आधारित सोशल वेलफेयर एडमिनिस्ट्रेशन, पुस्तकों के लेखकों के नाम, केस वर्क, ग्रुप वर्क पर से जुड़े प्रश्न आए थे।

- आकाश त्रिपाठी

कामर्स विषय में सांख्यिकी के ज्यादा प्रश्न थे। मिनि एंड माइक्रो फाइनेंस से जुड़ा प्रश्न भी था। रिसर्च मैथेडोलाजी का पार्ट मेरे लिए सामान्य रहा। ओवरआल 60 फीसद पेपर आसान रहा।

- अंकिता तिवारी

कामर्स का पेपर मॉडरेट था। प्रश्नों को सीधे-सीधे पूछा गया था, इससे हल करने में दिक्कत नहीं हुई। इनकम टैक्स से तीन-चार प्रश्न आए थे। सांख्यिकी का पार्ट आसान रहा।

- रुपेश कुमार

लॉ में रिसर्च मेथोडोलाजी थोड़ी कठिन रही। केस लॉ, थ्योरी पार्ट और इंटरनेशनल लॉ से भी प्रश्न आए थे। ओवरआल पेपर आसान रहा।

- नरेंद्र कुमार