- आईसीयू की कमी सबसे ज्यादा

- होम आइसोलेशन में भी हो रही तबियत खराब

LUCKNOW: राजधानी में कोरोना की दूसरी लहर लगातार खतरनाक बनी हुई है। संक्रमण पहले के मुकाबले बड़ी तेजी के साथ फैल रहा है। राजधानी में रोजाना पांच हजार से अधिक लोगों में रोजाना संक्रमण की पुष्टि हो रही है, जिसको देखते हुए तेजी से अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इस समय राजधानी में 47 सरकारी और निजी कोविड अस्पतालों में मरीजों की भर्ती हो रही है, लेकिन इसके बावजूद लोगों को बेड नसीब नहीं हो रहा है जबकि राजधानी में 47,700 एक्टिव केसेस हैं। ऐसे में हजारों मरीजों को बेडों के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

हजारों मरीज वेटिंग में

सीएमओ डॉ। संजय भटनागर के मुताबिक राजधानी में 47 कोविड अस्पतालों में कुल 4,931 बेड है। इसमें आईसीयू के 974, एचडीयू के 1,654 और 2,303 आइसोलेशन बेड हैं जबकि कोविड अस्पतालों में 3,653 मरीज ही भर्ती हैं। इसके अलावा बेडों की संख्या और बढ़ाई जा रही है, लेकिन राजधानी में करीब 47 हजार से अधिक एक्टिव केसेस हैं। इसमें करीब 31,000 होम आइसोलेशन में हैं। ऐसे में करीब 13 हजार के आसपास मरीजों का कोई पुरसाहाल नहीं है। इसमें कई मरीज दूसरे जनपदों के भी शामिल रहते हैं, लेकिन इसके बावजूद हजारों मरीजों को भर्ती होने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा मारामारी आईसीयू बेडों को लेकर है, जिसकी कमी की वजह से कई मरीजों की जान चली जा रही है।

समय लग रहा ठीक होने में

आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों को ठीक होने में ज्यादा समय लग रहा है। लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ। श्रीकेश सिंह के मुताबिक इसबार ज्यादा गंभीर मरीज आ रहे हैं, जिनको ऑक्सीजन के अलावा वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही है। वेंटिलेटर वाले मरीजों को ठीक होने में भी समय लगता हैं। ऐसे में आईसीयू की डिमांड ज्यादा हो गई है और लंबी वेटिंग चल रही है। करीब 15 से 20 फीसद तक मरीजों की हालत गंभीर है जबकि होम आइसोलेशन में रह रहे कई मरीजों की हालत नाजुक होने पर आईसीयू में भर्ती कराया जा रहा है, लेकिन लंबी वेटिंग के चलते उनकी भर्ती मुश्किल हो गई है।

कोट

राजधानी में लगातार बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही है। मरीजों की संख्या अधिक होने की वजह से थोड़ा टाइम लग रहा है, लेकिन मरीजों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

डॉ। संजय भटनागर, सीएमओ