- डीजे आई नेक्स्ट के वेबिनार में सामने आए सुझाव, ट्रैफिक विभाग बोला-हम साथ

- नगर निगम को भी निभानी होगी जिम्मेदारी, ऑटो-टैंपो पर कसेगा शिकंजा

- डीजे आई नेक्स्ट ने हमारी सड़क खाली करो अभियान में उठाया था पार्किंग और जाम का मुद्दा

LUCKNOW: राजधानी की विकराल समस्या बन चुके जाम और पार्किंग की प्रॉब्लम को खत्म करने के लिए आखिरकार 5 कदमों की संजीवनी मिल गई है। यह संजीवनी है ऑटो-टैंपो पर लगाम, प्रॉपर पार्किग की व्यवस्था, चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस ड्यूटी, नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस का आपसी कम्युनिकेशन एवं जनता का साथ। व्यापारियों से लेकर ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों ने भी माना कि अगर उक्त कदम इंप्लीमेंट हो जाएं तो निश्चित रूप से शहर स्मार्ट बन जाएगा। मौका था, दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से बुधवार को आयोजित वेबिनार का, जिसमें व्यापारियों ने कई अहम सुझाव दिए और ट्रैफिक विभाग की ओर से उक्त सुझावों को जल्द से जल्द इंप्लीमेंट करने का आश्वासन दिया गया।

हमारी सड़क खाली करो अभियान

शहर की ट्रैफिक समस्या को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने अपनी मुहिम 'हमारी सड़क खाली करो' के जरिये प्रमुखता से उठाया था। 8 दिसंबर से लगातार शहर के प्रमुख मार्केट, इलाकों में डीजे आईनेक्स्ट की टीम ने ग्राउंड रिपोर्टिग कर वहां की समस्या और उससे निजात मिलने वाले पहलू को सामने लाने का प्रयास किया। वेबिनार के माध्यम से बुधवार को ट्रैफिक की समस्या और पार्किंग पर चर्चा की गई, जिसमें शहर के अलग-अगल इलाके से शामिल हुए व्यापारियों ने अपनी समस्या बताने के साथ-साथ ट्रैफिक डिपार्टमेंट को अपने सुझाव भी दिये।

एक साथ मिलकर करना होगा काम

वेबिनार में शहर के अलग-अलग इलाके के व्यापारियों का कहना है कि शहर की ट्रैफिक समस्या का तभी निदान हो सकता है जब नगर निगम, एलडीए, ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय पुलिस एक साथ काम करें। हालांकि जाम से निजात दिलाने के लिए सबसे अहम भूमिका नगर निगम और ट्रैफिक विभाग की है। दोनों डिपार्टमेंट एक साथ अभियान चलाएं तो शहर की कई प्रमुख रोड न केवल जाम से मुक्त हो जाएंगी बल्कि गाडि़यों को चलने के लिए काफी खुली रोड मिल सकती है। नगर निगम के पास अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी है तो रोड पर अवैध ऑटो, टैंपो व ई रिक्शा को हटाने की जिम्मेदारी ट्रैफिक डिपार्टमेंट की है। जाम की असल जड़ यहीं दोनों मुद्दे हैं।

पार्किग दें फिर करें नो पार्किग में चालान

व्यापारियों का कहना है कि नगर निगम, एलडीए व अन्य जिम्मेदार डिपार्टमेंट पहले बाजारों में पार्किग दें। पार्किग देने के बाद भी अगर लोग बाजारों में या फिर रोड पर गाड़ी पार्क करते हैं तब उनके खिलाफ चालान और कानूनी कार्रवाई करें। ट्रैफिक डिपार्टमेंट मार्केट में आने वाले ग्राहक और दुकानदारों की गाड़ी पार्क करने में चालान कर देती है। ऐसे में उनकी क्या गलती है, जब मार्केट में पार्किंग दी नहीं गई है तो लोग आखिर गाड़ी कहां पार्क करें।

पार्किग दर एक होनी चाहिए

व्यापारियों का कहना है कि शहर के सभी पार्किग स्टैंड की दर फिक्स होनी चाहिए और उनका एक ही रेट होना चाहिए। मॉल्स में पार्किग करने पर 50 रुपये तक वसूला जाता है। इसके चलते लोग पैसा बचाने के लिए अपनी गाड़ी रोड पर पार्क कर देते हैं। वहीं रोड पर उसी गाड़ी का पार्किग चार्ज बीस रुपये तक भी है। पार्किग कल्चर को बढ़ावा देना है तो पार्किग दर एक ही चाहिए और शुरुआती 30 मिनट में इसको फ्री करना चाहिए ताकि लोग अपनी गाड़ी रोड पर न खड़ी कर पार्किग में पार्क करें।

ई रिक्शा, टैंपो व ऑटो पर करना होगा कंट्रोल

व्यापारियों का कहना है कि चौक समेत शहर के कई इलाकों में ई रिक्शा, टैंपो और ऑटो की अराजकता फैली हुई है। बीच चौराहों पर यह गाडि़यां खड़ी कर सवारी भरते हैं। चौक चौराहों पर एक ही टाइम पर सौ से ज्यादा ई रिक्शा व टैंपो कब्जा जमाए रहती हैं। लोगों का बाइक से निकलना तक मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ट्रैफिक और अन्य जिम्मेदार डिपार्टमेंट को पहले यह अराजकता खत्म करनी होगी। उन्हें भी प्रॉपर स्टैंड में खड़े होने और सवारी भरने की व्यवस्था करनी होगी। तभी पश्चिमी इलाके में जाम से मुक्ति मिल सकेगी।

इन मुद्दों पर हुई गहन चर्चा

- शहर के बाजारों में ट्रैफिक कंट्रोलर की ड्यूटी लगाने पर

- नो पार्किग में क्रेन से गाड़ी टोचिंग करने का टारगेट पूरा करने की जगह, जाम वाली स्पॉट पर टोचिंग करने की पहल

- चौक के सुभाष पार्क में पटरी किनारे अस्थाई पार्किग बनाने का प्रस्ताव

- पश्चिमी इलाके में ट्रैफिक फोर्स के सप्लीमेंट देने का आश्वासन

- गोमतीनगर और पत्रकारपुरम में रॉन्ग साइड चलने वालों के खिलाफ अभियान

- पार्किग की दर एक तरह होने का सुझाव और आश्वासन

कोट-

चौक और पश्चिम इलाके में ट्रैफिक डिपार्टमेंट पूरी तरह अनदेखी कर रहा है। पश्चिम इलाके को छोड़ शहर के अन्य इलाके में ट्रैफिक ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन वहां न तो ट्रैफिक ड्यूटी लगाई जाती है और न ही पार्किग की कोई सुविधा दी गई है। यहीं नहीं जाम से लोगों को मुक्ति दिलानी है और रोड को खाली करना है तो ट्रैफिक डिपार्टमेंट को नगर निगम के एक साथ मिलकर काम करना होगा। अलग-अलग काम करने से कोई हल नहीं निकल सकता हैै।

-अमरनाथ मिश्रा, वरिष्ठ महामंत्री लखनऊ व्यापार मंडल

गोमतीनगर और पत्रकारपुरम में अक्सर लोग रॉग साइट से आते हैं। इसके चलते अक्सर जाम लगता है। मार्केट में कोई भी ट्रैफिक कर्मचारी की ड्यूटी नहीं लगती है। अगर रॉग साइट चलने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जाए और मार्केट में ट्रैफिक सिपाही की ड्यूटी लगाई जाए तो शायद जाम और अतिक्रमण दोनों से मुक्ति मिल सकती है। इसके लिए स्थानीय पुलिस से भी मदद लेनी होगी।

-राजेंद्र प्रसाद दुबे, उपाध्यक्ष लखनऊ व्यापार मंडल, अध्यक्ष गोमती नगर व्यापार मंडल

ट्रैफिक सिपाही की ड्यूटी चौराहों पर तो लगती है, लेकिन बाजार में ट्रैफिक कंट्रोलर की सबसे ज्यादा जरूरत है। अगर शहर के प्रमुख बाजारों में ट्रैफिक ड्यूटी लगाई जाए तो न केवल जाम की समस्या से निजात मिल सकता है बल्कि बाजारों में रोड पर गाड़ी पार्क करने वालों के खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकेगा ताकि व्यवस्था सुधर सके।

- देवेंद्र गुप्ता, कोषाध्यक्ष लखनऊ व्यापार मंडल, अध्यक्ष भूतनाथ व्यापार मंडल

पार्किग कल्चर को लाने के लिए सबसे पहले पार्किग दर एक करनी होगी। मॉल व अन्य जगहों पर पार्किग के रेट काफी महंगे हैं। इसके चलते लोग पैसा बचाने के लिए रोड पर गाड़ी पार्क कर देते हैं। इसके अलावा प्रमुख बाजारों में बोल्ट पार्किग बनाई जाए ताकि व्यापारियों व ग्राहकों के साथ होने वाली टप्पेबाजी, लूट की घटना न हो सके।

- अभिषेक खरे, लखनऊ महानगर अध्यक्ष बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ

रोड के दोनों तरफ अवैध रूप से गाड़ी खड़ी करने वाले और ई रिक्शा वालों के खिलाफ ट्रैफिक डिपार्टमेंट को सख्ती से कार्रवाई करने की जरूरत है। तभी हालात में सुधार हो सकेगा। इसके अलावा बाजारों में पार्किग की सुविधा देनी होगी। भले ही हर एक आधा किमी पर छोटी-छोटी पार्किग दें ताकि ग्राहक अपनी गाड़ी पार्क कर बाजार में घूम सकें।

- मंजर अली, दवा कारोबारी, लाटूश रोड

अलग-अलग व्यापारी संगठन ने अपनी-अपनी समस्या रखी और कई अच्छे सुझाव भी दिये। गोमती नगर में रॉग साइड चलने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा चौक में ट्रैफिक फोर्स का सप्लीमेंट देने की भी तैयारी है। जहां तक पार्किग के सुझाव की बात है, इस संदर्भ में अधिकारियों को अवगत कराके जल्द ही प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

- सैफउद्दीन बेग, एसीपी ट्रैफिक