-यात्री ढाबे की शर्तो में हुआ बदलाव

-अब 80 किमी। दूरी के बजाय 50 किमी। पर रहेगा ढाबा

300 से अधिक बसों का संचालन होने पर दो-दो यात्री प्लाजा खोले जाएंगे

LUCKNOW: लंबी दूरी की यात्रा के दौरान यात्री ढाबे पर खानपान सुविधा को परिवहन निगम प्रबंधन और बेहतर करने जा रहा है। यात्री ढाबे पर 50 रुपये में पांच पूड़ी व एक सूखी सब्जी और अचार उपलब्ध कराएगा। वहीं अगर यात्री भोजन करना चाहता है तो उसे 60 रुपया खर्च करना होगा। यही नहीं 50 रुपये में पैक्ड दो स्लाइस की वेज सैंडविच या एक कटलेट पैक्ड पै¨कग का नाश्ता भी मिलेगा।

परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक धीरज साहू ने यात्रियों के लिए बनाए गए यात्री प्लाजा योजना में बदलाव किया है। इस आशय के आदेश सभी अफसरों को जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत अब यात्रियों को यात्री प्लाजा बस अड्डे से 80 किलोमीटर के बजाए 50 किलोमीटर पर उपलब्ध कराए जाएंगे। जिस मार्ग पर 300 से अधिक बसों का संचालन होता है उन पर दो-दो यात्री प्लाजा खोले जाएंगे।

मील-ऑन-रोड एप से होगी खाने की बु¨कग

परिवहन निगम प्रशासन यात्रियों को मील-ऑन-रोड एप के जरिए बस में बैठे-बैठे ही यात्री प्लाजा सर्च कर खाने की बु¨कग कराने की सुविधा शुरू कर रहा है। इससे बस के ढाबे पर पहुंचने से पहले ही मुसाफिर गरमा गरम खाना बुक करा सकेगा। खाना बस के भीतर पहुंच जाएगा। वहीं पर वह अपने मीनू के पैसे का भुगतान कर सकेगा।

बनने वाले यात्री प्लाजा में अब देनी होंगी ये सुविधाएं

-एक साथ 40 यात्रियों के बैठने के लिए कुर्सी-मेज

- प्यूरीफाइड पेयजल मुफ्त

-चार महिला और चार पुरुष शौचालय यात्री प्लाजा में होंगे।

-एक यात्री प्लाजा में यात्रियों के यूरिनल के लिए पांच सीट आवश्यक होंगी।

-सी¨लग फैन, स्वच्छ वाशबेसिन व साबुन की व्यवस्था करनी होगी।

संगीत प्रवाह में गूंजे सितार और सारंगी

- भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय द्वारा मासिक संध्या संगीत प्रवाह का ऑनलाइन आयोजन

सितार की मधुर धुन और उस पर सारंगी का साथ श्रोताओं के मंत्रमुग्ध होने के लिए और क्या चाहिए। वाद्ययंत्रों की जुगलबंदी के बहते सुरों में श्रोता डूबते-उतराते रहे। भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय द्वारा मासिक संगीत संध्या संगीत प्रवाह का ऑनलाइन आयोजन किया गया। मासिक संगीत श्रंखला-तीन में सितार और सारंगी जैसे तंत्र वाद्यों की अद्भुत प्रस्तुति ने आयोजन को यादगार बनाया। विद्वान कलाकारों ने व्याख्यान के जरिए संगीत की गूढ़ बातों को भी समझाया।

पदम भूषण पंडित देबू चौधरी की अध्यक्षता में हुए इस ऑनलाइन संगीत अनुष्ठान में ग्वालियर स्थित राजा मान सिंह तोमर, संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कुलपति पंडित साहित्य कुमार नाहर मुख्य अतिथि रहे। वहीं, पद्मश्री पंडित मणिलाल नाग और पद्मश्री उस्ताद मोइनुद्दीन खान विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद थे। इसमें देश-विदेश के सितार वादक कलाकार जुड़े, जिसमें उस्ताद शुजात खां, पार्थो बोस, प्रो। सतीश चन्द्र श्रीवास्तव, प्रो.वीरेन्द्र मिश्रा, मीता नाग, उस्ताद सईद जफर, ध्रुव मिश्रा शामिल थे। वहीं, सारंगी के उस्तादों ने भी खूब समा बांधा। सारंगी कलाकारों में अल्ला रख्खा कलावंत, उस्ताद दिलशाद खान, उस्ताद सरवर हुसैन, उस्ताद मुराद अली, उस्ताद फारुक लतीफ, हर्ष नारायण, पंकज मिश्रा, अनीश मिश्रा, जीशान अब्बास ने व्याख्यान एवं प्रदर्शन प्रस्तुत किए। ऑनलाइन संगीत संध्या की संयोजिका डॉ। सीमा भारद्वाज, अभिनव सिन्हा और सह-संयोजक पार्थो बोस रहे। भातखंडे के शिक्षक और विद्यार्थी भी इस ऑनलाइन आयोजन से जुड़े रहे।