लखनऊ (ब्यूरो)। आलमबाग, लालकुआं इत्यादि एरिया में जीका केस सामने आने के बाद यहां पर तो दिन में दो बार फॉगिंग कराई जा रही है साथ ही एंटी लार्वा का भी छिड़काव कराया जा रहा है लेकिन अन्य इलाकों में स्थिति चिंताजनक है।

घनी आबादी वाले एरियाज पर फोकस
निगम प्रशासन की ओर से इस समय घनी आबादी वाले एरियाज पर विशेष फोकस करना होगा। घनी आबादी वाले एरियाज में भी नियमित फॉगिंग के साथ ही एंटी लार्वा का छिड़काव शुरू कराया जाना चाहिए, जिससे लोग खुद को संक्रामक बीमारियों से सेफ महसूस कर सकें।

यह है स्थिति
घनी आबादी वाले इलाकों जैसे इस्माइलगंज सेकंड की बात की जाए तो यहां पर सप्ताह में एक बार फॉगिंग कराई जा रही है वो भी 40 से 45 मिनट। ऐसे में एक या दो मोहल्ले ही कवर हो पा रहे हैैं। लोगों की माने तो इस वार्ड में 65 मोहल्ले हैैं, ऐसे में सप्ताह में तीन से चार या पांच बार फॉगिंग कराई जानी चाहिए। जिससे सभी मोहल्ले कवर हो सकें।

यहां भी देना होगा ध्यान
एक अन्य घनी आबादी वाले वार्ड जगदीश चंद्र बोस वार्ड की बात की जाए तो यहां भी फॉगिंग कराई जा रही है लेकिन सप्ताह में एक या दो बार ही और वो भी मुख्य मार्गों पर। जिसकी वजह से सकरी गलियों में रहने वाले लोगों को फॉगिंग की सुविधा नहीं मिल रही है।

ये करनी होगी व्यवस्था
1-सकरी गलियों में हाथ या साइकिल माउंटेड मशीनों से फॉगिंग
2-रोस्टर में परिवर्तन की जरूरत
3-सभी वार्डों में कम से कम सप्ताह में दो से तीन बार फॉगिंग
4-सभी वार्डों में एंटी लार्वा का छिड़काव
5-सफाई के प्रति पब्लिक को जागरुक करना

यहां स्थिति बेहतर
इस समय आलमबाग, लालकुआं, मालवीय नगर इत्यादि इलाकों में बेहतर फॉगिंग कराई जा रही है। यहां पर सकरी गलियों में फॉगिंग के लिए साइकिल माउंटेड मशीनों की मदद ली जा रही है। यही व्यवस्था अन्य वार्डों में अपनाए जाने की जरूरत है।


सप्ताह में एक बार ही फॉगिंग होती है। जिसकी वजह से पूरे मोहल्ले कवर नहीं हो पा रहे हैैं। घनी आबादी वाले मोहल्ले होने के कारण हर दूसरे दिन फॉगिंग की जरूरत है।
समीर पाल सोनू, पार्षद, इस्माइलगंज सेकंड वार्ड


मेरे वार्ड में प्रमुख मार्गों पर तो सप्ताह में एक या दो बार फॉगिंग हो जाती है लेकिन सकरी गलियों में फिलहाल ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। इस तरफ तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।
सै यावर हुसैन रेशू, पार्षद, जगदीश चंद्र बोस वार्ड