150 फ्रेंचाइजी प्ले ग्रुप स्कूलों की

500 गैर फ्रेंचाइजी प्ले ग्रुप स्कूल

1.80 लाख एडमिशन हर साल

25 हजार एडमिशन हर साल प्ले ग्रुप में

- कोरोना के चलते प्ले ग्रुप, केजी आदि में 70 फीसद स्कूलों ने नहीं लिया एडमिशन

LUCKNOW:

कोरोना के इस दौर में एजुकेशन सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है और इसमें अगर किसी पर सर्वाधिक असर पड़ा है तो वह हैं वे बच्चे जिन्हें प्ले ग्रुप या केजी में एडमिशन लेना था। इन क्लासों में कोरोना के कारण पिछले वर्ष करीब 70 से 80 फीसद तक एडमिशन कम हुए और इस बार भी काफी संख्या में पेरेंट्स कोरोना के डर के कारण बच्चों को स्कूल भेजने का अभी पूरी तरह मन नहीं बना सके हैं। राजधानी में करीब 1.5 लाख ऐसे स्टूडेंट्स हैं, जो स्कूल पहुंचने में करीब दो साल लेट हो चुके हैं। हालांकि अब इन क्लासों में एडमिशन के लिए पेरेंट्स का रुझान बढ़ा है। आइए जानते हैं इस बारे में पेरेंट्स का क्या कहना है

फिलहाल तो ऑनलाइन ही सेफ है

पिछले साल कोरोना के डर के कारण मैंने अपनी बेटी आंशी का एडमिशन नहीं कराया था। मैं बच्ची की हेल्थ को लेकर रिस्क नहीं ले सकता हूं। इस बार बच्ची का एडमिशन एक स्कूल में करा दिया है। क्लास ऑनलाइन चल रही है। टीचर भी ठीक से पढ़ा रही हैं। स्कूल का कहना है कि जब हालात ठीक होंगे तो ऑफलाइन क्लास शुरू की जाएगी। फिलहाल बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास ही बेहतर है।

डॉ। आशीष बर्नवाल, रुचि बर्नवाल

काफी सोचना पड़ रहा है

बेटी के एडमिशन के लिए हमें काफी सोचना पड़ा है। उसकी हेल्थ को लेकर हम कोई समझौता नहीं कर सकते हैं। पिछले साल बहुत से लोगों ने अपने बच्चों का एडमिशन नहीं कराया और इस बार भी काफी लोग कोरोना के चलते बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं। कोरोना के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा सके जबकि उनकी उम्र दो साल बढ़ गई है।

कपिल मसंद, कोमल मसंद

प्ले ग्रुप के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने में पहले काफी दिक्कतें आई लेकिन अब टीचर्स इसके लिए स्किल्ड हो गए हैं। इतने छोटे बच्चे जब ऑनलाइन पढ़ते हैं तो उनके साथ परिवार के लोगों को भी बैठना पड़ता है। शुरुआत में पेरेंट्स को भी इसमें दिक्कत आई है।

डॉ। तुषार चेटवानी, सेक्रेटरी, लखनऊ प्री स्कूल एसोसिएशन

बच्चों का जो विकास क्लास में होता है, वह ऑनलाइन पढ़ाई में नहीं हो सकता है। स्कूल न आने के कारण बच्चे जिद्दी और एग्रेसिव भी हो रहे हैं। क्लास में पढ़ाई से बच्चे सहनशील और फ्रेंडली बनते हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा बच्चों का एडमिशन हो रहा है।

फ्लाइट लेफ्टिनेंट अनुराग त्रिपाठी, वाइस प्रेसिडेंट, लखनऊ प्री स्कूल एसोसिएशन

ऑनलाइन में आने वाली दिक्कतें

- छोटे बच्चे घर में फ्री महसूस करते हैं

- उनके लिए एक घंटे तक बैठना भी मुश्किल है

- बच्चे बीच-बीच में मोबाइल बंद कर देते हैं

- कई पेरेंट्स के पास स्मार्ट फोन ही नहीं हैं

इस साल ज्यादा एडमिशन

अधिकतर स्कूल संचालकों का कहना है कि इस साल पिछले साल की तुलना में अधिक एडमिशन हुए हैं। पेरेंट्स अब नहीं चाहते हैं कि उनका बच्चा स्कूल जाने में और लेट हों। पिछले एक साल में पेरेंट्स इसके लिए तैयार हो गए हैं और स्कूलों ने भी कोरोना को देखते हुए खुद को अपग्रेड कर लिया है।

प्ले ग्रुप के फायदे

- बच्चों का कॉन्फिडेंस बढ़ता है

- बच्चों की फिजिकल ग्रोथ होती है

- बच्चा इंडिपेंडेंट बनता है

- बच्चा चीजें शेयर करना सीखता है