लखनऊ (ब्यूरो)। बीते कुछ दिनों में कई स्कूली बच्चे कोरोना वायरस की चपेट में आये हैं, जो स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। बच्चों का वैक्सीनेशन भी जारी है, पर इसकी रफ्तार बेहद धीमी है। खासतौर पर वैक्सीन की सेकेंड डोज लगवाने में राजधानी के बच्चे काफी पीछे चल रहे हैं। राजधानी में अबतक महज 4.24 फीसदी बच्चों ने ही दूसरी डोज लगवाई है, जबकि नोएडा, शाहजहांपुर, गाजियाबाद व बलिया जैसे जनपद काफी आगे चल रहे हैं।

अंतर अधिक तो असर कम

डॉक्टर्स का भी मानना है कि वैक्सीन की दोनों डोज के बीच अंतर अधिक होने पर इसका असर कम हो जाता है। दोनों डोज समय पर लगवाने से ही कोरोना के खिलाफ सुरक्षा मिल सकेगी। ऐसे में, पेरेंट्स को चाहिए कि वे समय पर अपने बच्चों को वैक्सीन की दोनों डोज लगवाएं। वैक्सीन बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है।

मार्च से शुरू हो गया था वैक्सीनेशन

राजधानी में 12 से 14 वर्ष के बच्चों का कोविड वैक्सीनेशन मार्च में शुरू हो गया था। 28 दिनों के बाद उन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई जानी थी। स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी में 3 मई तक कुल लक्ष्य के 42.85 फीसदी को पहली और महज 4.24 फीसदी बच्चों को ही वैक्सीन की दूसरी डोज लग पाई है। जबकि शाहजहांपुर में सर्वाधिक 30.15 और बलिया में 30.15 फीसदी बच्चों को दूसरी डोज लगी है।

पेरेंट्स को लेनी होगी जिम्मेदारी

इम्यूनाइजेशन के नोडल इंचार्ज डॉ। एमके सिंह के मुताबिक, जिस रफ्तार से बच्चों में पहली डोज लगी थी, उस तादाद में बच्चे दूसरी डोज लगवाने नहीं आ रहे हैं। पेरेंट्स को भी समझना चाहिए कि बच्चों को समय पर वैक्सीन की दोनों डोज लगवानी चाहिए, ताकि उन्हें उनको कोरोना के खिलाफ सुरक्षा मिल सके।

कम वैक्सीनेशन के कारण

- कई स्कूल गर्मी और संक्रमित मिलने के कारण बंद हो गए हैं

- स्कूल खुलने के साथ ही कई स्कूलों में एग्जाम शुरू हो गए

- कुछ बच्चों को बुखार आया तो बाकी बच्चों ने नहीं लगवाई वैक्सीन

इतने फीसद बच्चों को लगी वैक्सीन की दूसरी डोज

जनपद फीसद

शाहजहांपुर 30.15

बलिया 24.62

मुजफ्फरनगर 19.65

सुल्तानपुर 18.91

गाजियाबाद 16.92

नोट - सभी आंकड़ें 3 मई तक के हैं।