लखनऊ (ब्यूरो)। डीजीपी मुकल गोयल के निर्देश पर साइबर क्राइम से निपटने के लिए सभी जिलों में 15 सितंबर से 30 सितंबर तक पुलिस कर्मियों का ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है। साथ ही यूपी में बढ़ते मोबाइल और कंप्यूटर के उपयोग में बरती जा रही लापरवाही का साइबर अपराधी फायदा न उठा सकें, इसके लिए जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है।

यहां हुई रिकवरी
- लखनऊ में संजीव शुक्ला के 1.60 लाख, राम सिंह के 3.46 लाख, कैलाशचन्द उपाध्याय के 2.18 लाख, प्रदीप यादव के 2.46 और अरविन्द द्विवेदी के 2.20 लाख रुपये वापस हुये।
- लामार्ट की छात्रा से जिन्नतों का डर दिखाकर 8.80 लाख की ठगी की थी। मामले में महानगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने रकम वापस कराई। - बरेली में होरीलाल के ठगी के 2.76 लाख रुपये वापस हुए
- चित्रकूट धाम में अब्दुल हकीम अंसारी के 10.27 लाख में से 7.39 लाख की वापसी।
- सहारनपुर में सचिन कुमार के चार लाख रुपये वापस हुए
- अलीगढ़ में अनुपमा तिवारी के 1.63 लाख में से 90 हजार रुपये मिले
- प्रयागराज में अखिलेश मिश्रा के 1.24 लाख में से 94 हजार रुपये, गौरव सिंह के 3.15 लाख और डॉ। आनंद कुमार के 1.25 लाख वापस हुए
- मुरादाबाद में मयंक अग्रवाल के 1.10 लाख वापस हुए
- वाराणसी में अजय श्रवण तिवारी के करीब दस हजार, सुजीत कुमार राय के 72 हजार और सुनील कुमार गुप्ता के 56 हजार रुपये वापस हुए
- गौतमबुद्धनगर में रिटायर्ड कर्नल रणवीर सिंह 1.40 लाख, सुमित अग्रवाल के 95 हजार, गोपाल शर्मा के 80 हजार दीपक सक्सेना के 1.14 लाख, संदीप कुमार के 1.02 लाख, मंजू सिंह के 57 हजार और अभिषेक सिंह के करीब पचास हजार वापस कराये

साइबर ठगी पर इन नंबर पर करें शिकायत
हेल्पलाइन नंबर 155260/112 पर शिकायत करें। साथ ही एनसीआरपी पोर्टल की वेबसाइट 222.ष्4ड्ढद्गह्म्ष्ह्म्द्बद्वद्ग।द्दश1.द्बठ्ठ पर दर्ज करें।

इन बातों का रखें ध्यान
- बैंक से खाते की केवाईसी अपडेट कराने के लिए कभी भी किसी से व्यक्तिगत जानकारी/ओटीपी/सीवीवी/पिन नंबर नहीं मांगा जाता।- किसी के कहने से कोई भी ऐप डाउनलोड न करें।- किसी भी बेवसाइट पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले अच्छी तरह जांच लें।
- ऑनलाइन सेवाएं देने वाली कंपनियों व सरकारी विभाग के कस्टमर केयर का नंबर आधिकारिक वेबसाइट से ही लें।
- अज्ञात व्यक्ति/अज्ञात मोबाइल नंबर से भेजी गई लिंक को क्लिक न करें।
- सरकारी उपक्रम, वेबसाइट या फंड की आधिकारिक वेबसाइट से ही ट्रांजेक्शन करें। वॉलेट और केवाईसी का अपडेट ऑथराइज्ड सेंटर पर जाकर ही कराएं।
- सोशल अकाउंट व बैंक खातों का पासवर्ड स्ट्रांग बनायें, जिसमे नंबर अक्षर और चिन्ह तीनो हों, साथ ही टू-स्टेप-वेरीफिकेशन लगाये रखें।


साइबर क्राइम की वारदात को पब्लिक के अवेयर रहने पर ही रोका जा सकता है। पब्लिक को समय समय पर हर माध्यम से जानकारी दी जा रही है कि वह साइबर फ्राड या साइबर क्रिमिनल्स से कैसे बचें। सावधानी रखने और फ्राड होने पर तत्काल हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने से मदद मिलेंगी।
विवेक रंजन राय, एसीपी साइबर क्राइम सेल