- गोमतीनगर विस्तार थाने के लॉकअप में लगाई युवक ने फांसी

- पूर्व डीआईजी के आवास में चोरी करते पकड़ा गया था आरोपी युवक

- लॉकअप में मौत के बाद में इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिस कर्मी सस्पेंड

LUCKNOW: गोमतीनगर विस्तार थाने के लॉकअप में एक युवक का शव फांसी के फंदे से लटकता मिला। इससे थाने में अफरा तफरी मच गई। घटना की जानकारी पाकर पुलिस के आला अफसर मौके पर पहुंचे। युवक को कुछ घंटे पहले रिटायर्ड डीआईजी के आवास में चोरी करते रंगेहाथ पकड़ा गया था। हिरासत में लेकर उसे लॉकअप में डाल दिया गया था। घटना पर थाने के एडिशनल एसएचओ समेत पांच पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ उसी थाने में रिपोर्ट दर्ज कर एसीपी कैंट को जांच सौंप दी गई है।

रिटायर्ड डीआईजी के घर से पकड़ा गया था

डीसीपी पूर्वी सोमेन वर्मा ने बताया कि गोमती नगर विस्तार थाने के लॉकअप में जिस युवक का फंदे से लटकता शव मिला वह मूलरूप से सीतापुर के महोली के मुरनिया गांव निवासी उमेश था। उसे पूर्व डीआईजी उदयशंकर जायसवाल के घर में चोरी करने के आरोप में शुक्रवार सुबह 6.30 बजे थाने लाया गया था। उसकी पिटाई भी की गई थी। उधर, थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों का कहना था कि चोरी में पकड़े जाने पर उमेश ने अपना सिर वहीं दीवार में लड़ा दिया था, जिससे उसे गंभीर चोट आई। 8.30 बजे उसने थाने के लॉकअप में फांसी लगा ली। उसे पुलिस कर्मी लोहिया अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

लॉकअप के गेट से बेल्ट के फंदे से लटकता मिला

गोमतीनगर विस्तार के लॉकअप गेट से उमेश का शव उसकी बेल्ट के फंदे से लटकता मिला। उसकी संदिग्ध मौत कई सवाल खड़े कर रही है। कहीं उसने पिटाई के डर से खुद फांसी लगाई या उसे पुलिस ने मारकर फांसी पर लटका दिया। ऐसे ही तमाम सवाल हैं, जिनके जवाब शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद सामने आएंगे।

मेडिकल न कराने पर उठ रहे सवाल

चोरी के आरोप में पकड़े गए आरोपी उमेश के शरीर पर चोटें थीं तो उसे मेडिकल केलिए क्यों नहीं ले जाया गया? लॉकअप में क्यों डाला गया? लॉकअप में रखने से पहले आरोपी की तलाशी ली जाती है और बेल्ट व पर्स के अलावा कोई संदिग्ध चीज मिलने पर उसे बाहर रखवा दिया जाता है, लेकिन उमेश ने बेल्ट लगाई थी उसे उतरवाया क्यों नहीं गया? लॉकअप में बेल्ट पहने हुए आरोपी को क्यों बंद किया गया। ऐसे ही तमाम सवाल हैं, जिनके जवाब युवक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद सामने आएंगे।

5 से 10 मीटर की दूरी पर मौजूद से पुलिस कर्मी

गोमती नगर विस्तार थाना हाल ही में चौकी से थाने में तब्दील किया गया। थाने का परिसर इतना छोटा है कि पांच से दस मीटर पर पुलिस कर्मी मौजूद रहते हैं। यही नहीं लॉकअप के बाहर ही पहरा संतरी की ड्यूटी रहती है। ऐसी हालत में लॉकअप में युवक ने फांसी लगा ली और उसे बचाने में पुलिस को कितना वक्त लगा, यह सवाल भी गले नहीं उतर रहा है।

ये पांच पुलिसकर्मी हुए सस्पेंड

गोमतीनगर विस्तार के एडिशनल इंस्पेक्टर निरीक्षक बृजेश यादव, सब इंस्पेक्टर कौशलेंद्र सिंह, सिपाही राज, दीपक खटाना व राधा मोहन सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है।

पूर्व डीआइजी के नौकर समेत अन्य पर हत्या की एफआईआर

उमेश के भाई गुड्डू गौतम ने गोमतीनगर विस्तार थाने में पूर्व डीआइजी उदयशंकर जायसवाल के नौकर राजकुमार उसके साथी व घटना में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज कराई है।

राजकुमार ने साथी संग मिलकर की थी पिटाई

गुड्डू ने बताया कि उसका भाई उमेश ई रिक्शा चलाकर जीवन यापन करता था। पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी है। गुरुवार देर रात 1:50 बजे गोमतीनगर विस्तार स्थित घर के बाहर से राजकुमार अपने साथी संग बैट्री खोलने लगा, तभी मुकेश ने उसे दौड़ा लिया। राजकुमार अपने साथी को लेकर अपने मालिक पूर्व डीआईजी के घर घुस गया। जहां मुकेश भी उसे खोजते हुए पहुंचा तो दोनों मिलकर उसे चोर कहकर पीटने लगे, जिससे उसे गंभीर चोटें आ गई थी।

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लॉकअप में पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं, फिर भी नहीं चेते

हसनगंज, अलीगंज समेत राजधानी के अन्य थानों के लॉकअप में पहले भी फांसी की घटनाएं हो चुकी हैं। इसके बाद सभी थानों के लॉकअप में सीसी कैमरे लगाकर वहां की निगरानी के दावे किये गये, लेकिन इस घटना ने सभी दावों की पोल खोल दी।

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लॉकअप में युवक के आत्महत्या के मामले में जांच एसीपी कैंट को सौंपी गई है। एडिशनल एसएचओ, नाइट अफसर, मुंशी, पहरा समेत पांच पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ केस दर्ज कर छानबीन की जा रही हैं।

सोमेन वर्मा, डीसीपी पूर्वी