- फिक्की के कार्यक्रम में शामिल होने आए पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित

- भारत-पाक के रिश्तों पर उठाये सवाल, बोले-बातचीत से ही निकलेगा दोनों देशों के मसलों का हल

- माना, भारत की इकोनॉमी में हुआ तेजी से ग्रोथ, कृषि, पर्यटन जैसे क्षेत्रों में मिलकर कर सकते हैं काम

LUCKNOW: भारत-पाक संबंधों को पटरी पर लाने के लिए हमारे हुक्मरानों को आगे आकर पहल करनी होगी। हमारे नेताओं के बीच में बात न होना सबसे बड़ी बाधा है। हमारा आपसी रिश्ता ठीक नहीं है। यह बात पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने मंडे को लखनऊ पहुंचने पर कही। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत से राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर सुधार के लिए पहले लेवल प्लेयिंग फील्ड (बराबरी का दर्जा) की गारंटी चाहता है। यदि भारत को पाकिस्तान से शिकायत है तो हमारे भी कुछ गिले शिकवे हैं। बासित ने यह बातें होटल ताज में भारतीय वाणिज्य उघोग महासंघ (फिक्की) के कार्यक्रम में कहीं।

एक कदम आगे और दो कदम पीछे

अब्दुल बासित ने कहा कि भारत-पाक रिश्तों की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि हम जब भी एक कदम आगे बढ़ते हैं, उसके बाद हालात ऐसे बन जाते हैं कि हमें दो कदम पीछे हटना पड़ता है। उन्होंने कहा कि दोनों सरकारों में पिछले दो सालों से बातचीत रुकी हुई है। जब तक दोनों देश एक साथ बैठकर बात नहीं करेंगे, व्यापार और शांति आगे नहीं बढ़ सकती है।

केवल ख्.7 बिलियन का ही व्यापार है

फिक्की के कार्यक्रम में आए हाई कमिश्नर को दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने के तरीकों पर विचार करना था, लेकिन पाक हाई कमिश्नर आतंकवाद पीडि़त देश और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी की दुहाई देते रहे। अब्दुल बासित ने बताया कि हमारे दोनों देशों की जनसंख्या पूरे विश्व के एक बटा पांच है। इसके बाद भी दोनों देशों के बीच में केवल ख्.7 बिलियन का ही व्यापार होता है। हमें क्99म् में भारत को मोस्ट फेवर्ड कंट्री का दर्जा दिया था। हम भी भारत से यही चाहते है। वहीं हमारे देश का एक धड़ा यह नहीं चाहता है क्योंकि उनको ऐसा लगता है कि इसे पाकिस्तान के एक्सपोर्ट को नुकसान पहुंचेगा। यह सही भी है। जब भी हमने भारत के साथ व्यापार बढ़ाया है, इससे केवल भारत को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि हम बातचीत का रास्ता चाहते हैं, ताकि नॉन टेरिफ बैरियर को दूर किया जा सके। ऐसा न होने से दोनों देशों के बीच कई योजनाएं लम्बे समय से लम्बित हैं, जिन पर दोनों देश काफी समय पहले से ही राजी है। इसलिए भारत को भी आगे आना चाहिए।

टूरिज्म और टेक्सटाइल में काफी संभावनाएैं

पाक हाई कमिश्नर ने कहा कि दोनों देशों के बीच पर्यटन और टेक्सटाइल के साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में भी काफी संभावनाएं हैं। हमारे यहां भी आमों के फसल पर काफी रिसर्च किया गया है जो इसका एक उदाहरण मात्र है। उन्होंने कहा कि इस समय पाक एयरलाइन की ओर से दो फ्लाइट्स कराची और एक फ्लाइट लाहौर से भारत के लिए है। जबकि भारत की कोई ऐसी सेवा पाकिस्तान के लिए नहीं है। इसके लिए कई एयरलाइंस से बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि हम दोनों सिर्फ स्पेसिफिक सिटी वीजा यानि एक सिटी के लिए वीजा देते हैं। इस पर भी दोनों देशों की सरकार को गौर करके बातचीत करके आगे का हल निकालना चाहिए।

मेक इन इंडिया की तारीफ की

पाक हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने कहा कि भारत की इकोनॉमी काफी तेजी से बढ़ रही है। यह पूरा विश्व मान रहा है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया से भारत में कई दूसरे देशों ने निवेश किया है, जिसका असर यहां की इकोनॉमी के ग्रोथ पर साफतौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने कई मल्टीनेशनल कंपनी बना ली है और पाकिस्तान इसके आसपास कहीं नहीं ठहरता था। वहीं दूसरी तरफ भारत की तरह पाकिस्तान कृषि के क्षेत्र में आगे है। दोनों देश को इस क्षेत्र में मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ख्00फ् में हम भारत की बिजली की कमी को पूरा करने की स्थिति में थे, पर आज स्थिति उसके उल्ट है। हमारा देश खुद बिजली के संकट से गुजर रहा है।

भारत नहीं करता हमारी तारीफ

अब्दुल बासित ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि हम पिछले फ्0 सालों से आतंकवाद से पीडि़त हैं और उससे लड़ रहे हैं। इस दौरान हमने अपने भ्0 हजार लोगों को खोया है। इसमें पांच हजार सुरक्षाकर्मी है, लेकिन भारत ने कभी हमारी तारीफ नहीं की। इसकी क्या वजह है हम यह भी जानते हैं, लेकिन आपने और हमने दहशतगदरें को सहा है। व‌र्ल्ड बैंक की रिपोर्ट ने भी माना है कि पिछले क्0 सालों में हमें एक हजार बिलियन डॉलर का नुकसान हो चुका है। इसलिए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम भारत के साथ हैं।