लखनऊ (ब्यूरो)। डीसीपी सेंट्रल अपर्णा गौतम ने बताया कि सिंडिकेट बैंक कुछ समय पहले कैनरा बैंक में समाहित हो चुका है। 31 जनवरी 2021 को केनरा बैंक क्षेत्रीय कार्यालय प्रमुख मनोज कुमार मीणा ने कृष्णानगर कोतवाली में एलडीए कॉलोनी स्थित ब्रांच मैनेजर अखिलेश कुमार के खिलाफ 45 करोड़ रुपये का हेरफेर करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस से की गई शिकायत में बताया गया था कि 29 जनवरी 2021 को एक ग्राहक ने शिकायत दर्ज की उसके खाते से कुछ रुपये गलत ढंग से निकाले गए थे। ग्राहक की शिकायत पर बैंक के आलाधिकारियों ने छानबीन की तो 45 करोड़ रुपये की हेरफेर का पता चला।

25 हजार का इनाम था
छानबीन में यह बात भी सामने आई कि बैंक मैनेजर अखिलेश कुमार निवासी ऐशबाग स्थित पुरानी लेबर कॉलोनी की भूमिका संदिग्ध है। इसके बाद वित्तीय अनियमितता बरतने के आरोप में उनको सस्पेंड कर दिया गया था। कृष्णा नगर कोतवाली में अखिलेश कुमार के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मामले में जांच कर रहे एसएसआई नईम अहमद ने बताया कि जांच में अखिलेश कुमार पर लगे आरोप सही मिले। उनकी गिरफ्तारी के लिए कई बार प्रयास भी किया गया पर वह हाथ नहीं लगे। इसके बाद पुलिस ने कोर्ट से 182 की कार्रवाई केलिए अनुमति मांगी। कोर्ट से अनुमति मिलने पर 18 जनवरी को पुलिस ने अखिलेश कुमार के घर पर कुर्की की कार्रवाई के लिए नोटिस चस्पा कराया और मोहल्ले में उनके फरार होने की डुगडुगी भी पिटवाई गई थी। इसके बाद डीसीपी ने अखिलेश की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था।


सोमवार को गिरफ्तार किया गया बैैंक मैनेजर
सोमवार को कृष्णा नगर पुलिस ने फरार चल रहे अखिलेश कुमार को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसके पास से 84 हजार रुपये, एक कार, पिस्टल, लैपटाप, सात मोबाइल और 6 पैन ड्राइवर बरामद की है। डीसीपी ने बताया कि मामले में कुछ और लोगों की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। मामले की विवेचना की जा रही है और लोगों का नाम प्रकाश में आने के बाद उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।