लखनऊ (ब्यूरो)। नवल किशोर रोड स्थित स्कालर्स होम कोचिंग के ऊपर हास्टल में एसी का कम्प्रेसर ज्यादा हीट होने के चलते फटा था। फायर ब्रिगेड की जांच में यह सामने आया है। लगातार एसी पर रोड और पुरानी वायरिंग के चलते हादसा हुआ है। फायर डिपार्टमेंट ने हास्टल के ऑनर को नोटिस भेजने के साथ ही शहर में अन्य कामर्शियल व रेजिडेंशियल बिल्डिंग के ऑनर्स से अपील भी की है कि बढ़ते तापमान को देखते हुए अपने घरों में इलेक्ट्रिक उपकरणों को लगातार न चलाए और कुछ देर उन्हें आराम जरूर दें।

इलेक्ट्रिक उपकरणों को दें आराम

चीफ फायर अफसर मंगेश कुमार ने बताया कि लगातार बढ़ते तापमान के चलते हर घर में एसी और कूलर चल रहे हैं। हर महीने की अपेक्षा इन दिनों इनके यूज का टाइम बढ़ा है और ये बिना रुके लोगों के घरों में चल रहे हैं, जिससे हादसे भी बढ़ रहे हैं। सीएफओ के मुताबिक, बहुत जरूरी है कि दिन में इलेक्ट्रिक उपकरणों खासकर एसी, कूलर को थोड़ा आराम दें, क्योंकि सबसे अधिक हादसे एसी ब्लास्ट होने या उसके चलते तारों में शॉर्ट सर्किट होने से ही होते हैं।

क्यों होता है एसी में ब्लास्ट

एसी चाहे विंडो हो या स्प्लिट, उससे 60 से 70 डिग्री सेल्सियस गर्मी आउटडोर यूनिट से बाहर निकलती है। उसी के मुताबिक वह कूलिंग करता है। धूल जमा होने की स्थिति में गर्मी बाहर नहीं निकल पाती और कूलिंग भी कम होने लगती है। एसी के अंदर प्रेशर बनता है और आग लगने की आशंका बढ़ जाती है। स्थिति में बिना बंद किए ही एसी का लगाता यूज करने से कंप्रेसर ब्लास्ट होने की संभावना बढ़ जाती है।

हर दो घंटे के बाद 10 मिनट का ब्रेक

नॉर्मल एसी टेम्प्रेचर को मैक्सिमम 20 डिग्री सेल्सियस ही कम कर सकता है। अगर बाहर का टेम्प्रेचर 45 डिग्री है तो एसी को 25 डिग्री से नीचे न चलाएं। 16 या 18 डिग्री पर एसी चलाने पर कंप्रेसर पर लोड पड़ेगा और आग भी लग सकती है। एसी को एक से दो घंटे चलाने के बाद 10 मिनट के लिए बंद कर दें। वहीं, स्पिलिट एसी के आउटर यूनिट या विंडो एसी के पिछले हिस्से में पानी का छिड़काव कर सकते है। टर्बो मोड पर अधिक देर एसी न चलाए। कुछ देर के लिए नॉर्मल मोड कर दें। अगर आउटर यूनिट पर डायरेक्ट धूप पड़ती है तो उसके ऊपर शेड जरूर लगाएं।

एसी यूज करने वालों को इन बातों का रखना हो गया ख्याल

- एसी का टेम्प्रेचर 24 से 26 डिग्री सेल्सियस पर रखें।

- एसी चलाने क दौरान कोई दूसरा हैवी अप्लाएंस जैसी वशिंग मशीन, इंडक्शन न चलाएं।

- विंडो एसी को धूप से बपचाने के लिए उसके ऊपर फाइबर शेड लगाएं।

- वायरिंग कराते समय एसी की लाइन अलग डलवाएं, अलग एमसीबी लगाएं।

इन बातों पर भी रखें ध्यान

- वीक में एक बार 10 मिनट के लिए एसी को सबसे ठंडी सेटिंग पर और सबसे तेज फैन स्पीड पर डीफ्रॉस्ट मोड में चलाना चाहिए। इससे गैस का प्रेशर सही रहता है। कम्प्रेसर ठीक से चलता रहता है और एसी में ब्लास्ट होने की संभावना न के बराबर रहती है।

- एसी का फिल्टर नियमित साफ करें, दो से तीन महीने में सर्विस जरूर कराएं।

- मिनी सर्किट ब्रेकर एमसीबी का यूज करें, एल्यूमीनियम की जगह कॉपर वायर लगाएं।

- घर पर पावर लोड जरूर चेक कराएं, अगर कम है तो यूज के मुताबिक लोड बढ़ाएं।

- पोल से घर में आने वाले बिजली कनेक्शन का वायरल ढीला न बंधा हो, अच्छी क्वालिटी की केबल यूज करें।