लखनऊ (ब्यूरो)। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने शक्तिभवन मेें प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि जनहित एवं प्रदेश हित में बिजली विभाग में किसी भी प्रकार के कार्य बहिष्कार एवं हड़ताल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनहित की दृष्टि से किसी भी परेशानी से निपटने के लिए एसेंसियल सर्विसेज मेन्टीनेन्स एक्ट के प्राविधान को प्रदेश भर में लागू किया गया है और हड़ताल करने वाले एवं विद्युत संघर्ष समिति को भी इस संबंध में अवगत करा दिया गया है कि हमारी अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल विद्युत की सुचारू व्यवस्था में किसी भी प्रकार का व्यवधान डालने पर जनता को परेशानी हुई तो इस एक्ट एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी।

एनएसए के तहत कार्रवाई

ऊर्जा मंत्री ने कहाकि यदि कोई उसके कार्यों में व्यवधान डालता है या उसके साथ दुव्र्यवहार करता है या सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो ऐसी परिस्थिति में उस कार्मिक या संगठन के नेता या अधिकारी के खिलाफ एनएसए तथा रासूका के प्राविधानों के तहत भी कार्रवाई होगी।

इन संगठनों को सुरक्षा

जिन संगठनों एवं विद्युत कार्मिकों ने सरकार का सहयोग करने की बात कही और कार्य बहिष्कार से अपने को दूर रखने का आश्वासन दिया, प्रदेश सरकार उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगी। इसमें उप्र पॉवर आफिसर्स एसोसिएशन, विद्युत मजदूर पंचायत संघ, विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ, उप्र राज्य विद्युत परिषद नेता कर्मचारी संघ, प्रमोटेड पॉवर इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन, विद्युत तकनीकी कर्मचारी संयुक्त संघ और अन्य कर्मचारी संगठन जिन्होंने लोगों की समस्याओं को समझकर इस हड़ताल से दूर रहने का फैसला किया।

वार्ता सफल नहीं हुई

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विद्युत संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से वार्ता करने के कई बार प्रयास किए गए। गुरुवार को भी वार्ता की गई लेकिन बात नहीं बनी।

कैशलेस इलाज की सुविधा

कर्मचारियों के कैशलेस इलाज की व्यवस्था भी प्रदेश सरकार की नीति के तहत देने का निर्णय लिया गया है। कार्मिकों के एसीपी की मांग में भी सुधार के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। विभाग की कम्प्यूटराइजड व्यवस्था में कार्मिकों को उनके कार्यों के आधार पर तैनाती देने के भी आदेश दिए गए हैं। संविदा कर्मचारियों के मानदेय पर भी विचार किया गया है। साथ ही अन्य बिन्दुओं पर भी विचार किया जा रहा है। ऊर्जा मंत्री ने कहाकि विद्युत संघर्ष समिति द्वारा प्रस्तावित 72 घंटे की हड़ताल के दौरान विशेष सतर्कता बरतें और शक्ति भवन में स्थापित कन्ट्रोल रूम से 24 घंटे इसकी मानीटरिंग करें। 1912 में आ रही शिकायतों का भी तत्परता से संज्ञान लिया जाए।