- नई गाइडलाइन न आने से कॉलेजों में अटके एडमिशन

- नहीं आई चार वर्षीय यूजी कोर्स और फीस कम करने की गाइडलाइन

LUCKNOW:

एक तरफ जहां क्लास एक के स्टूडेंट्स भी स्कूल जाकर पढ़ाई करने लगे हैं, वहीं दूसरी ओर नए शैक्षिक सत्र से शुरू होने वाले चार वर्षीय स्नातक कोर्स की गाइडलाइन न जारी होने के कारण कॉलेज मैनेजमेंट परेशान हैं। करीब 10 दिन पहले ही लखनऊ यूनिवर्सिटी ने नए स्नातक कोर्स को विद्या परिषद और कार्य परिषद से मंजूरी दे दी है। फीस में कमी की भी घोषणा की जा चुकी है।

नई शिक्षा नीति पर आधारित

वहीं दूसरी ओर यूनिवर्सिटी ने अभी तक इसे लागू करने के लिए कॉलेजों को कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है। जिसके चलते कॉलेज अपने यहां एडमिशन नहीं ले पा रहे हैं। इस पूरे मामले में कॉलेजों का कहना है कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत सब्जेक्ट चयन किया जाना है और वे बिना गाइडलाइन के एडमिशन नहीं ले सकते हैं।

कई नई चीजें शामिल

लखनऊ यूनिवर्सिटी ने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत चार साल का ग्रेजुएशन प्रोग्राम तैयार किया है। इसमें एंट्री और एग्जिट के साथ-साथ स्टूडेंट्स के स्किल डेवलपमेंट और को-करिकुलर एक्टिविटी को भी शामिल किया गया है। अब ग्रेजुएशन फ‌र्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स को दो मुख्य विषय और एक माइनर विषय के रूप में लेना है, लेकिन कॉलेजों को इसकी कोई गाइडलाइन नहीं दी गई, जिससे कई कॉलेज एडमिशन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं।

कोट

पहले तीन साल का स्नातक कोर्स था, जिसमें एक ही फैकल्टी से तीन विषय चुने जाते थे। अब चार साल का नया स्नातक कोर्स तैयार किया गया है। इसमें एक फैकल्टी से दो मुख्य विषय और दूसरे से एक माइनर विषय का चयन करना है। अभी इसकी गाइडलाइन नहीं आई है। नियम क्या होंगे, यह भी पता नहीं है। जिससे एडमिशन प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।

प्रो। राकेश चंद्रा, प्रिंसिपल, केकेवी कॉलेज

यूनिवर्सिटी ने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत नए यूजी कोर्स की कोई गाइडलाइन नहीं भेजी है। इसलिए बार-बार एडमिशन के लिए आवेदन की की डेट बढ़ानी पड़ रही है।

डॉ। विजय श्रीवास्तव, प्रवक्ता, केकेसी

चार वर्षीय नया स्नातक पाठ्यक्रम मंजूर हो चुका है। उसके मिनट्स बन रहे हैं। जल्द ही इसकी पूरी गाइडलाइन सभी कॉलेजों को भेज दी जाएगी।

डॉ। दुर्गेश श्रीवास्तव, प्रवक्ता, लखनऊ यूनिवर्सिटी