लखनऊ (ब्यूरो)। पॉल्यूशन के बढ़ते लेवल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भले ही दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया गया हो, लेकिन यूपी खासकर लखनऊ में जो एयर पॉल्यूशन की स्थिति है, वो भी खासी चिंताजनक है। आलम यह है कि दीवाली से चार दिन पहले ही कई इलाकों का एक्यूआई लेवल 300 के पार पहुंच चुका है, वहीं कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता में सुधार तो दिखा रहा है, लेकिन स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि हवा की सेहत को ध्यान में रखते हुए पटाखे जलाए जाएं।

यह रही पल्यूशन की स्थिति

सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एक्यूआई बुलेटिन के मुताबिक, मंगलवार को शहर का एक्यूआई 237 दर्ज हुआ। लालबाग और तालकटोरा की हवा बहुत खराब स्थिति तक पहुंच गई है। लालबाग का एक्यूआई 325 दर्ज हुआ, वहीं, तालकटोरा का एक्यूआई 341 तक पहुंच गया। मौसम विज्ञानियों ने अगले एक हफ्ते तक हवा की सुस्त रफ्तार और पारे में गिरावट का अनुमान लगाया है।

पीएम 2.5 है मुख्य पल्यूटेंट

यूपीपीसीबी की माने तो शहर में फिलहाल मुख्य प्रदूषण पीएम 2.5 है। पर्यावरणविद प्रो। ध्रुवसेन सिंह का कहना है कि सर्दियों में एक्यूआई का गिरता स्तर उत्तर भारत की सबसे बड़ी समस्या है। नवंबर के महीने में तापमान के घटने के साथ ही हवा का वेग कम हो जाता है, जिससे हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर और दूसरे प्रदूषक तत्वों का फैलाव नहीं हो पाता। इस कारण शहर में पल्यूशन लेवल लगातार बढ़ रहा है।

यह रही शहर की स्थिति

एरिया एक्यूआई स्थिति

बीबीएयू 179 मॉडरेट

गोमतीनगर 184 मॉडरेट

अलीगंज 178 मॉडरेट

कुकरैल 209 खराब

लालबाग 325 बहुत खराब

तालकटोरा 341 बहुत खराब

पिछले साल बढ़ा था एक्यूआई

पिछले साल दीवाली 24 अक्टूबर को थी। इससे पहले तक एक्यूआई लेवल सामान्य था, लेकिन दीवाली के बाद एक्यूआई में उछाल देखने को मिली थी। जहां 24 अक्टूबर को एक्यूआई लेवल 137 दर्ज किया गया था, वहीं 25 और 26 अक्टूबर को एक्यूआई लेवल 230 पार कर गया था। हालांकि, पिछले अन्य सालों के मुकाबले एक्यूआई में बहुत अधिक बढ़ोत्तरी नहीं हुई थी। इसकी वजह मौसम में परिवर्तन भी था।

800 पटाखा विक्रेताओं को एनओसी

इस साल की बात की जाए तो अभी तक करीब 800 पटाखा विक्रेताओं को एनओसी दी गई है, जबकि आवेदन एक हजार से अधिक आए थे। अभी पूरी संभावना है कि पटाखा विक्रेताओं की संख्या में और बढ़ोत्तरी हो सकती है।