लखनऊ (ब्यूरो)। समय दोपहर 12 बजकर 05 मिनट, ऐशबाग रेलवे स्टेशन पर यात्री अपनी ट्रेनों के आने का इंतजार कर रहे थे। भीषण धूप से बेहाल यात्रियों के लिए यहां न तो ठंडे पानी की व्यवस्था थी और अगर हम सुरक्षा की बात करें तो वह यहां खोखली ही दिखाई दी। आइए जानते हैं ऐशबाग रेलवे स्टेशन पर जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट का रिपोर्टर पहुंचा तो उसे क्या-क्या कमियां यहां नजर आईं

ठंडे पानी की तलाश में भटकते यात्री

बुधवार दोपहर 12.10 बजे हम रेलवे स्टेशन के एंट्री गेट पर पहुंचे। स्टेशन पर जीआरपी और आरपीएफ का एक भी कर्मी नहीं दिखा। गेट पर मैटल डिटेक्टर भी नहीं था। बिना चेकिंग और रोकटोक के लोग स्टेशन के अंदर जा रहे थे। यही नहीं पटरियों को पारकर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर लोग आते-जाते दिखाई दिए। वहीं प्लेटफार्म पर ठंडे पानी के लिए यात्री इधर-उधर भटकते दिखाई दे रहे थे। ठंडे पानी से प्यास बुझाने के लिए लोग वेंडर्स से पानी की बोतलें खरीद रहे थे।

स्टेशन अधीक्षक के कमरे में ताला

12 बजकर 17 मिनट हो चुके थे और हम रेलवे फुटओवर ब्रिज के ऊपर थे। कुछ लोग प्लेटफार्म नंबर एक से छह की ओर आ रहे थे, इस रास्ते को देखने के लिए हम प्लेटफार्म नंबर एक पर उतरे। मुख्य गेट पर भी मैटल डिटेक्टर नहीं दिखा। इसके बगल में स्टेशन अधीक्षक का भी कमरा था, इसपर ताला जड़ा हुआ था। आसपास पूछने पर कोई सटीक जानकारी नहीं मिली। आगे जाने पर बैठने वाली जगह पर सूखने के लिए कपड़े डाले गए थे। वेटिंग रूम भी था, लेकिन यहां पर भी कोई अटेंडेंट नहीं मिला। पीने के पानी के पास काफी गंदगी दिखाई दी।

प्लेटफार्म पर चोर दरवाजा

प्लेटफार्म नंबर एक के और आगे गए तो दीवार गायब थी। बाहरी लोगों को आने-जाने से रोकने के लिए कंटीली झाडिय़ां लगाई गई हैं, लेकिन एक-दो लोग यहां से आते-जाते भी दिखाई दिए। यही हाल प्लेटफार्म पर भी दिखा, यहां भी मेन रोड से सटी दीवार छोटी होने की वजह से आसानी से स्टेशन के अंदर आया जा सकता है। प्लेटफार्म पर सुरक्षा के इंतजाम पर्याप्त नहीं दिखाई दिए।

प्लेटफार्म पर दिखी सफाई

ऐशबाग रेलवे स्टेशन पर छह प्लेटफार्म हैं। यहां से रोज 42 मेल, दो एक्सप्रेस और एक इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन चलती है। यहां से रोज करीब दो हजार यात्री सफर करते हैं। सफाई व्यवस्था के मामले में यह स्टेशन काफी अच्छा है। करीब 20 करोड़ की लागत से यहां विकासकार्य कराए जा रहे हैं।

क्या बोले पैसेंजर्स

रेलवे स्टेशन के एंट्री गेट और अन्य जगहों पर कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। रेल प्रशासन को चाहिए कि इस तरह के व्यस्त स्टेशनों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।

-शेखर सिंह

पीने के पानी की व्यवस्था ठीक नहीं है। रेलवे स्टेशन पर पीने के लिए आरओ का पानी नहीं है। वाटर कूलर जो चल रहे हैं जिनका पानी ठीक नहीं है और ठंडा भी नहीं है।

-अंकित कुमार

शहर के अन्य स्टेशनों के अलावा यहां ओवरऑल सफाई बेहतर है, लेकिन अगर इसे सुरक्षा की दृष्टि से देखें तो यह कुछ पीछे है, इसे ठीक करने जरूरत है।

-आनंद साहू