- एसईई से केवल उन्हीं कोर्सेज में होंगे एडमिशन जो जेईई नहीं कराता

LUCKNOW : एकेटीयू संबद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों में अगले सेशन से एडमिशन ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम से करेगा। इसके लिए काउंसिलिंग भी यूनिवर्सिटी कराएगी। यह जानकारी एकेटीयू के वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने दी। उन्होंने बताया कि यूपी स्टेट एंट्रेंस एग्जाम से बीटेक में यह एडमिशन का आखिरी सेशन है।

कम आ रहे थे आवेदन

लगातार कई साल से बीटेक की सीटों के सापेक्ष कम आवेदन आ रहे थे। वहीं यूनिवर्सिटी में एसईई के बाद काउंसिलिंग में भी केवल गवर्नमेंट कॉलेजों की सीटों को लेकर ही स्टूडेंट्स अपना इंटरेस्ट दिखाते थे। इसके बाद सभी कॉलेज डायरेक्ट एडमिशन से सीटें भरते थे। ऐसे में लगातार एकेटीयू के कॉलेज बीटेक कोर्सेज को बंद करने या फिर दूसरे माध्यम से एडमिशन लेने की बात कहते थे। इस साल भी यूनिवर्सिटी के बीटेक की करीब 73151 सीटों के सापेक्ष 69793 स्टूडेंट्स ही सफल हुए हैं। एकेटीयू अब बीफॉर्मा, बीआर्क, एमबीए, एमसीए सहित कुछ एंट्रीग्रेटेड कोर्सेज के लिए एसईई का आयोजन करेगा।

टॉपर्स से बातचीत

हर सब्जेक्ट पर दें ध्यान

मेरी जेईई मेंस में 169 व एडवांस में 872 रैंक आई है। मैं खासतौर पर क्वांटम एंड एक्स्ट्रॉ फिजिक्स में रिसर्च करना चाहता हूं। आईएससी बैंग्लोर में एडमिशन लेना चाहता हूं। पिताजी आईटीआई मुरादाबाद में टीचर हैं। बड़े भाई सक्षम सक्सेना डीयू में बीएससी ऑनर्स कर रहे हैं। मैं 11वीं क्लास से जेईई एडवांस की तैयारी कर रहा था। क्लास के बाद पांच से छह घंटे पढ़ाई की। मैंने तीनों सब्जेक्ट पर बराबर ध्यान दिया।

संयम सक्सेना, बीटेक रैंक-1, यूपीएसईई स्टेट टॉपर, मुरादाबाद

नौकरी के साथ किया टॉप

मैं रेलवे में जॉब करता हूं। इस एग्जाम की मैंने मन से तैयारी की और इसी का नतीजा है कि एमबीए में मुझे प्रदेश में पहली रैंक मिली है .मेरी पत्‍‌नी ने नौकरी और पढ़ाई के दौरान सामंजस्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मेरे दो बच्चे भी हैं। मेरा मानना है कि पढ़ाई के घंटे नहीं, पढ़ाई का तरीका ही आपको आपको सफलता दिलाता है

गौरव गोविल, एमबीए रैंक 1

जेईई व जेईई एडवांस भी निकाला

मैंने 12वीं क्लास के बाद ही एग्जाम दिया है। जेईई में 5162 रैंक, व जेईई एडवांस में 2909 रैंक आई है। अभी जेईई एडवांस की काउंसिलिंग चल रही है। आईआईटी चुनेंगें। जो भी पढ़ें अच्छे से पढ़ें। टीचर्स व फेमिली का काफी सपोर्ट रहा। दिन में छह से सात घंटे पढ़ाई की। वीकली या मंथली प्लानिंग कर पढ़ाई की। मेरे पिता विजय कुमार त्रिपाठी एडवोकेट हाईकोर्ट में, मम्मी हाउस वाइफ हैं। दो छोटी बहनें हैं। कोचिंग के लिए अलग से नहीं टाइम निकालना पड़ता था। शार्ट नोट्स बनाकर उसकी प्रैक्टिस करते थे।

अनुभा त्रिपाठी, यूपीएसईई बीटेक में ग‌र्ल्स में चौथी रैंक

मेरा मेन फोकस यूपीपीसीएस है

मैंने एमबीए के लिए अप्लाई किया है, मैंने यूपीपीसीएस पर फोकस किया है। सात महीने से तैयारी कर रहा हूं। मैथ्स, जीके, रिजनिंग आदि मेरी पहले से ही तैयारी थीं। पापा ब्रजेश कुमार डॉक्टर थे। पढ़ाई में मुझे कभी भी किसी तरह से कोई दिक्कत नहीं आई। मेरा मैन फोकस एमबीए पर नहीं यूपीपीसीएस पर ही है।

रमन सक्सेना, एमबीए में रैंक 3

एक माह पहले शुरू की थी तैयारी

पापा अरुण कुमार त्रिवेदी सेल्फ इम्प्लायमेंट करते हैं, मम्मी सुमन त्रिवेदी हाउस वाइफ हैं। एलयू से बीएससी फाइनल ईयर के पेपर के बाद यूपीएसईईई में क्वॉलीफाई किया है। सिलेबस में मैथ्स, रिजनिंग, पैसेज ज्यादा पूछे जाते हैं। एनसीआरटी की बुक्स पूरी पढ़ी। 21 अगस्त से पढ़ाई करना शुरू की थी, रिजनिंग के पेपर्स लगाए थे। स्वामी विवेकानंद व एपीजे अब्दुल कलाम आजाद मेरे आइडियल हैं।

प्रिंस त्रिवेदी, एमसीए में रैंक 4