लखनऊ (ब्यूरो)। 'ये क्या हो गया, मेरी लाडली बिटिया मुझसे क्यों दूर हो गई, मां तुम भी चल गई, इतनी जल्दी हम लोगों साथ छोड़ दिया', ये शब्द रोते बिलखते उन परिजनों के थे, जिन्होंने मदुरै ट्रेन हादसे में अपनों को खो दिया। रविवार शाम करीब 4.45 बजे जैसे ही मनोरमा और हिमानी के शव चौक बानवाली गली स्थित उनके घर पहुंचे तो परिवार में कोहराम मच गया और लोग शवों को देख फूट-फूटकर रोने लगे। वहां खड़े हर शख्स की आंखें नम हो गईं। हर किसी की जुबां पर बस यही सवाल था कि आखिर ये कैसे हो गया। वे इन मौतों के जिम्मेदारों को सजा देने की मांग कर रहे थे।

फ्लाइट से लाए गए 9 शव और 14 यात्री

तमिलनाडु में हुई मदुरै रेल दुर्घटना में जान गंवाने वालों के शवों को रविवार को लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट लाया गया। दोपहर को पहला इंडिगो विमान पहुंचा। इसमें 5 शव और 14 घायल लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे। इसके बाद दूसरी फ्लाइट से 4 शव लाए गए। इन नौ मृतकों में 5 सीतापुर, दो लखनऊ जबकि एक-एक हरदोई और लखीमपुर खीरी के हैं। अपने रिश्तेदारों और परिजनों के शव लेने पहुंचे लोग भावुक होकर शवों से लिपटकर रोने लगे।

मां और बेटी का शव देख बेहोश

मनोरमा अग्रवाल (81) और उनकी पोती हिमानी बंसल (22) लखनऊ के चौक में रहती थीं। दोनों की इस हादसे में मौत हो गई थी। शाम 4.45 बजे जैसे ही दोनों के शव चौक बानवली गली स्थित उनके घर पहुंते तो परिवार फूट-फूटकर रोने लगा। यह दोनों रामेश्वर मंदिर तीर्थ यात्रा पर गई थीं। दोनों दर्शन नहीं कर पाईं। उससे पहले ही दोनों की रेलवे की लापरवाही से जान चली गई। वहीं, अपनी बुजुर्ग मां मनोरमा अग्रवाल और प्यारी बेटी हिमानी के शव देख कर पिता मनोज अग्रवाल की हालात खराब हो गई। वह चीख-चीख कर रोने लगे। मां प्रीति अग्रवाल बेहोश हो गईं। वहीं, भाई शिवम भी बहन की लाश देखकर बदहवास हो गया। परिवार में हर तरफ गम का माहौल है।

डिप्टी सीएम और पार्षद ने दिया कंधा

मनोरमा और हिमानी के शवों को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और चौक बानवली गली के पार्षद अनुराग मिश्र ने कंधा दिया। इस दौरान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि इस दुख की घड़ी में हम पीड़ित परिजनों के साथ हैं। सरकार की तरफ से दो-दो लाख रुपये का मुवावजा दिया जा रहा है। साथ ही अन्य जो भी मदद होगी, सरकार वह करेगी। वहीं, चौक बानवाली गली समेत आसपास की मार्केट को काफी देर तक बंद कर दिया गया।

इंडिगो फ्लाइट से 9 शवों को चेन्नई से लखनऊ लाया गया। इसके बाद सभी को रोड से उनके घर तक पहुंचाया गया। इसके अलावा जो भी घायल वहां पर फंसे थे, उनको भी वापस लाया गया।

अजीत कुमार सिन्हा, सीआरएम, आईआरसीटीसी