लखनऊ (ब्यूरो)। लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा कराया जाए। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के उद्देश्य से निर्माण कार्यों की गति में 3 से 4 गुना तक वृद्धि लाएं।

कोई समझौता नहीं किया जाएगा

लोक निर्माण मंत्री ने निर्देश दिये कि वर्तमान में निर्माणाधीन परियोजनाओं को पारदर्शिता, गुणवत्ता और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखते हुए आगामी 15 दिसंबर तक हर हाल में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन परियोजनाओं में किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। निर्माणाधीन परियोजनाओ की देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि परियोजनाओं की लेटलतीफी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसी भी स्थिति में एस्टीमेट रिवाइज नहीं किया जाएगा।

नियमित रूप से टेस्टिंग

उन्होंने निर्देश दिए कि गुणवत्ता एवं सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से इंपैक्ट वैल्यू टेस्ट, क्यूब टेस्ट, सिल्ट कंटेंट टेस्ट, रोड रिलेटेड टेस्ट, कंक्रीट कंप्रेसिव स्ट्रैंथ टेस्ट, स्लंप टेस्ट कराए जाएं। साइटों पर कराए गए क्वालिटी से संबंधित टेस्ट को प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग पोर्टल पर नियमित रूप से अपलोड किया जाए। गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ टीम द्वारा निर्माण इकाइयों की साइटों पर समय-समय पर साइटों के कार्यों का नॉन डिस्ट्रेक्टिव टेस्ट व गुणवत्ता से संबन्धित अभिलेखों का नियमित निरीक्षण किया जाए।

34 सेतुओं का निर्माण पूरा

बैठक में एमडी सेतु निगम राकेश सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सेतु निगम द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में 78 लक्षित सेतु के सापेक्ष अब तक 34 सेतुओं का निर्माण पूरा कराया जा चुका है। डीएफसीसी के अंतर्गत स्वीकृत 58 रेल उपरिगामी सेतु में से 20 रेल उपरिगामी सेतु का निर्माण पूरे हो चुके हैैं। 15 रेल उपरिगामी सेतु मार्च 2023 तक पूरे हो जाएंगे, बाकी पर भी तेजी से काम कराया जा रहा है। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नरेन्द्र भूषण, विशेष सचिव लोक निर्माण आशुतोष द्विवेदी भी मौजूद रहे।