- स्टूडेंट्स बोले, स्टार्टअप और एजुकेशन लोन में मिले राहत

- नई नौकरियां निकालने के साथ ही रुकी भर्तियां भी शुरू की जाएं

LUCKNOW: एक फरवरी को भारत सरकार के आने वाले बजट का युवा बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस बजट में स्टार्टअप, एजुकेशन लोन, सरकारी जॉब की उपलब्धता आदि पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि युवा रोजगार हासिल कर आत्मनिर्भर बन सकें।

रोजगार के बढ़े अवसर

युवा चाहते हैं कि बजट में सरकार ऐसी पॉलिसी लेकर आए जिससे सरकारी नौकरी की संख्या बढ़े और भर्ती प्रक्रिया ऐसी की जाए जिसमें अधिक समय न लगे। वहीं एजुकेशन लोन सस्ता किया जाए और हायर एजुकेशन को भी किफायती बनाया जाए।

सस्ते हों मोबाइल-लैपटॉप

स्टूडेंट्स का कहना है कि कोरोना काल में ऑनलाइन एजुकेशन का महत्व बढ़ गया है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार को कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप, टैब आदि के दाम कम करने चाहिए। जिससे गरीब लोग भी इसे खरीद सकें।

कोट

हम लोग गवर्नमेंट जॉब के लिए तैयारी करते हैं। सरकार इस बजट के माध्यम से अपने विभागों में पदों की संख्या बढ़ाए ताकि हम लोगों को ज्यादा रोजगार के अवसर मिलें। साथ ही रुकी भर्तियों के भी रास्ते खोले जाएं।

शिवानी राव

कोरोना के चलते विदेशों में जॉब के अवसर कम हो गए हैं। आईटी सेक्टर को भी काफी नुकसान हुआ है। सरकार ऐसा बजट पेश करे जिससे युवाओं को देश में ही रोजगार के ज्यादा अवसर मिलें और देश का विकास तेजी से हो।

गुरु तिवारी

कोरोना में ऑनलाइन एजुकेशन कारगर साबित हुई है ऐसे में कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप आदि सस्ते किए जाने चाहिए, जिससे लोवर मिडिल क्लास इसे आसानी से खरीद सकें। गवर्नमेंट कॉलेजों के स्टूडेंट्स को लैपटॉप फ्री दिए जाएं।

काशिफ अब्बास

हायर एजुकेशन काफी महंगी है। बजट में इस मुद्दे को लेकर अलग से घोषणा होनी चाहिए। जिसमें लोन ज्यादा मिले और ब्याज कम हो। ऐसा होने से युवा अच्छी एजुकेशन आसानी से हासिल कर सकेंगे और उन्हें जॉब में भी आसानी होगी।

जारा शेख

स्टार्टअप को लेकर ज्यादा रियायत मिले। युवा शूज, कपड़ों आदि पर काफी खर्च करते हैं। ऐसे में यह आइटम भी सस्ते हों। इसबार के बजट में यह घोषणा होनी चाहिए क्योंकि युवा यह सब आसानी से खरीद सकेगा तो देश की आर्थिक तरक्की भी होगी।

मानसी मिश्रा

सरकार युवाओं को ध्यान में रखकर बजट पेश करे, जिसमे एजुकेशन से लेकर जॉब तक की सुविधा हो। कोरोना की वजह से युवाओं का काफी नुकसान हुआ है। बजट में उनके लिए विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। ब्याज दर जीरो या बेहद कम होनी चाहिए।

आकांक्षा माधवानी