LUCKNOW NEWS: लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ समेत प्रदेश के सभी नगर निकायों को वेस्ट से आजादी मिलने जा रही है। इसकी वजह यह है कि नगरीय निकायों के कचरे के निस्तारण में सहयोग प्रदान करने के लिए एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड और नगर विकास विभाग के मध्य एमओयू साइन हुआ है। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की उपस्थिति में स्थानीय निकाय निदेशक डॉ। नितिन बंसल और एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेणु नारंग द्वारा जल निगम फील्ड हॉस्टल में एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए।

वेस्ट टू चारकोल प्लांट की स्थापना
नगर विकास मंत्री ने कहाकि इस एमओयू से नगरीय निकायों को स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों को जैसे कि कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण, संवहनीयता एवं वेस्ट टू वेल्थ को पूरा करने में सहयोग मिलेगा। प्रदेश में एनवीवीएन द्वारा वेस्ट टू चारकोल प्लांट की स्थापना एक नवीनतम प्रयास होगा, जिसके माध्यम से ग्रीन चारकोल का उत्पादन किया जाएगा। उत्पादित ग्रीन चारकोल का उपयोग बिजली उत्पादन में भी किया जाएगा।

बिजली उत्पादन भी होगा
नगर विकास विभाग और एनवीवीएन के मध्य हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में विकास के लिए सहयोगात्मक प्रयास करना है साथ ही नगर विकास विभाग के साथ मिलकर शहरों के सतत विकास के लिए वेस्ट टू चारकोल प्लांट की स्थापना भी करना है। निकायों में वेस्ट टू चारकोल प्लान्ट की स्थापना भी एनवीवीएन द्वारा स्वयं अपने व्यय से की जाएगी। प्लांट से उत्पादित ग्रीन चारकोल (हरा कोयला) का उपयोग एनवीवीएन द्वारा बिजली निर्माण में किया जाएगा।

लंबे समय से समस्या
लखनऊ समेत ज्यादातर निकायों में वेस्ट निस्तारण की एक गंभीर समस्या बनी हुई है। वेस्ट के ढेर लगे होने के कारण नगर निगम को स्वच्छता परीक्षा में रैैंकिंग का भी नुकसान उठाना पड़ता है। हालांकि नगर निगम लखनऊ की ओर से पहले से ही वेस्ट निस्तारण के लिए कवायद तेज कर दी गई है। इसके अंतर्गत सबसे पहले शिवरी प्लांट में लगे लाखों मीट्रिक टन वेस्ट के ढेर को निस्तारित करने का काम शुरू कर दिया गया है। शिवरी में ही वेस्ट के माध्यम से बिजली उत्पादन की कवायद भी की जा रही है और इस दिशा में जल्द ही टेंडर भी निकाला जा रहा है। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद निश्चित रूप से शहरों की छवि भी स्वच्छ होगी।