लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू के एमएस डॉ डी हिमांशु के मुताबिक उनके यहां राजधानी निवासी 62 वर्षीय महिला डेंगू संक्रमण के साथ छाती में दर्द की शिकायत लेकर आई। लंग्स की जांच के दौरान जब मवाद निकाला गया तो उसमें ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई। फिलहाल महिला की हालत स्थिर है।

तीन मामले सामने आए

पीजीआई में भी ब्लैक फंगस के तीन मामले सामने आए हैं। ईएनटी विभाग के एचओडी डॉ अमित केसरी के मुताबिक तीन लोग दिखाने के लिए ओपीडी में आए थे। सभी में म्यूकर के लक्षण थे। ऐसे मेंं जांच कराई गई तो तीनों में फंगल इंफेक्शन की पुष्टि हुई है। तीनों मरीजों में सायनस की समस्या थी। जिसके चलते उनमें म्यूकरमाईकोसिस की भी समस्या मिली। हालांकि इनमें इंफेक्शन का स्तर वह नहीं था जो कोरोना के मरीजों में देखने को मिलता था।

एक युवक व दो बुजुर्ग भी शिकार
31 वर्षीय युवक का डेंगू संक्रमण का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा था। समस्या बढऩे पर परिजन उसे पीजीआई लेकर आए, जहां उसमें इंफेक्शन की पुष्टि हुई। ऑपरेशन के बाद युवक की हालत ठीक है। वहीं एक बुजुर्ग महिला और पुरुष में भी इंफेक्शन की पुष्टि हुई है। इसमें से एक डायबिटीज की बार्डर लाइन पर था। यहां एक मरीज दवा से ठीक हो गया तो दूसरे के ऑपरेशन की तैयारी की जा रही है।

लोग रखें सावधानी
डॉ अमित केसरी के मुताबिक जो मरीज अस्पतालों में ज्यादा समय तक रहे, जिनका लंबा ट्रीटमेंट चला या फिर स्टेरायड दिया गया, उनमें फंगल इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है। वायरल में मरीज की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। ऐसे में सावधान रहते हुए इम्युनिटी बढ़ाने का काम करना चाहिए। अगर किसी को वायरल या सायनस है तो उसे अधिक सतर्क रहना चाहिए।

एक महिला मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। जिसका इलाज चल रहा है। फिलहाल महिला की ठीक है।
डॉ डी हिमांशु, एमएस, केजीएमयू

राहत की बात यह है कि संक्रमण किसी में अधिक नहीं है। जैसे कोरोना काल के दौरान देखने को मिला था। समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। डॉ अमित केसरी, एचओडी, ईएनटी पीजीआई