- परिजनों की मर्जी के खिलाफ शादीशुदा महिला ने प्रेमी संग भागकर बरेली में की थी शादी

- कोर्ट के आदेश पर कृष्णानगर पुलिस ने दर्ज की थी एफआईआर

- प्रेमी युगल को लखनऊ ला रही थी पुलिस, जहर खाने से रास्ते में हुई मौत

LUCKNOW :

वह तीन बच्चों की मां थी, बावजूद इसके उसे एक शादीशुदा युवक से इश्क हो गया। उन दोनों ने साथ जिंदगी बिताने के सपने देखे। लोकलाज से बचने के लिये उन दोनों ने घर से भागकर शादी भी कर ली। लेकिन, महिला के परिजनों ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करा दी। पुलिस को उनके बरेली में होने की भनक लगी तो वे वहां जा पहुंचे और प्रेमी युगल को कोर्ट में हाजिर कराने के लिये लखनऊ को चल पड़े। लेकिन, शायद उन्हें अहसास हो गया कि वे अब फिर कभी नहीं मिल सकेंगे, लिहाजा उन दोनों की जहर की वजह से रास्ते में ही मौत हो गयी। पुलिस का दावा है कि उन दोनों ने बरेली में ही जहर खा लिया था। दोनों शव पोस्टमार्टम के लिये भेज दिये हैं।

पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया

मूल रूप से ठाकुरगंज के कैंपवेल रोड निवासी सुषमा रावत निजी हॉस्पिटल में काम करती हैं। सुषमा के मुताबिक, करीब 14 साल पहले उन्होंने अपनी बेटी पारुल की शादी कृष्णानगर के स्नेहनगर में रहने वाले रिंकू से कर दी थी। जिसके बाद पारुल ने दो बेटे व एक बेटी को जन्म दिया। करीब 10 माह पहले पारुल का कृष्णानगर के प्रेम नगर निवासी शादीशुदा विकास सोनी से प्रेम संबंध हो गया। वे दोनों छिप-छिप कर मिलने लगे और आखिरकार वे दोनों शादी का फैसला कर घर से भाग निकले। जिस पर सुषमा ने कृष्णानगर कोतवाली में विकास के खिलाफ बेटी पारुल को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने की शिकायत की। पुलिस ने भी एनसीआर दर्ज कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

कोर्ट के आदेश पर एक्टिव हुई पुलिस

पुलिस को कोई कार्रवाई न करती देख सुषमा ने कोर्ट की शरण ली। उसकी अर्जी पर कोर्ट ने कृष्णानगर पुलिस को दर्ज एनसीआर में धाराओं की बढ़ोत्तरी करते हुए कार्रवाई का आदेश दिया। 14 अगस्त को पुलिस ने धाराओं में बढ़ोत्तरी करते हुए एफआईआर दर्ज की। जिसके बाद पुलिस एक्टिव हुई और पारुल व विकास का सुराग लगाने में जुट गयी। इसी दौरान पता चला कि वे दोनों बरेली के सुभाषनगर में हैं। पुष्टि होने पर पुलिस टीम बरेली के सदर बाजार इलाके में पहुंची और नोटिस तामील कराते हुए पारुल व विकास को लेकर लखनऊ के लिये चल पड़ी।

बिगड़ने लगी तबियत

बताया जाता है कि सीतापुर पहुंचने पर पारुल व विकास की तबियत बिगड़ने लगी। उन दोनों के मुंह से झाग आने लगा और उन्हें उलटियां होने लगीं। यह देख पुलिसकर्मियों के हाथ-पांव फूल गए। पुलिस का दावा है कि कुछ देर बाद वे दोनों सो गए। लखनऊ पहुंचते ही पुलिस टीम उन्हें इलाज के लिये लेकर सीधे लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंची। लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और वहां पहुंचने पर डॉक्टर्स ने उन दोनों को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है।

पारुल की मां ने लगाए संगीन आरोप

मृतका पारुल की मां सुषमा का आरोप है कि पारुल के बरेली में होने की जानकारी होने पर उसने कृष्णानगर पुलिस से बोला कि जब भी वे उनकी बेटी को बरामद करने जाएं तो उसे भी साथ ले जाएं। लेकिन, पुलिस ने उनकी एक न सुनी और आरोप है कि विकास के साढू और साले को पुलिस टीम अपने साथ ले गयी। सुषमा का आरोप है कि उनकी बेटी ने जहर खाया ही नहीं, उसकी मौत की जांच होनी चाहिये। उसने सवाल उठाया कि आखिर पुलिस की मौजूदगी में दोनों ने जहर कैसे खाया। अगर जहर खा भी लिया तो इलाज के लिये लखनऊ पहुंचने का इंतजार क्यों किया गया। सुषमा ने आरोप लगाया कि उसकी बेटी ने आत्महत्या नहीं की बल्कि, उसकी हत्या की गयी है।

रास्ते में पारुल व विकास को उलटियां हुई, पुलिस टीम ने समझा कि ऐसा उनके गाड़ी में बैठने की वजह से हो रहा है। इसके बाद वे दोनों सो गए। पुलिस टीम को अंदाजा ही नहीं हुआ कि उन दोनों जहर खाया था।

हरीश कुमार, एसीपी कृष्णानगर