लखनऊ (ब्यूरो)। हैरानी की बात है कि मकानों के जर्जर होने के बावजूद इसमें परिवार भी रहते हैं। इनको यहां से हटाने के लिए सिर्फ नोटिस दे दिया जाता है। रेलवे अधिकारी और आरपीएफ ये सब देखने के बावजूद चुप्पी साधे हैं। ऐसे में अगर कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा यह बड़ा सवाल है।

गिर सकती है छत और दीवार

शनिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम इस कालोनी में स्थित मकानों का हाल देखा। पता चला कि यह मकान 80 से 100 साल पुराने हो चुके हैं। अलॉटमेंट के बाद शायद ही कभी इसकी रिपेयरिंग की गई हो, प्रॉपर मेंटीनेंस न होने की वजह से अब यह सभी जर्जर हालत में हो गए हैं।

छतों से गिरता है प्लास्टर

यहां के रहने वाले रमेश ने बताया कि करीब तीन महीने पहले एक ऐसा ही हादसा हुआ था, लेकिन उसमें सिर्फ छत का प्लास्टर गिरा था। गनीमत रही कि उस दौरान कोई हादसा नहीं हुआ था। यहां के ज्यादातर मकान जर्जर हालत में हैं।

कंडम घोषित हो चुके हैं मकान

नार्दन रेलवे लखनऊ मंडल की फतेह अली रेलवे कालोनी में करीब 200 परिवार रहते हैं। कालोनी के ज्यादातर मकान जर्जर हैं और कंडम घोषित किए जा चुके हैं। हैरानी की बात है कि जिस मकान में हादसा हुआ है, उस पूरी लाइन का यही हाल है। लोग अवैध तरीके से रह रहे हैं। बावजूद इसके रेलवे प्रशासन ने लोगों से मकान खाली नहीं करवाए। खासकर बारिश में इन मकानों पर खतरा और भी ज्यादा मंडराने लगता है। कभी भी यह मकान ढह सकते हैं। ऐसे में रेलवे अधिकारियों को इसपर कड़ा फैसला लेना होगा।

6 महीने पहले तोड़े थे 20 मकान

निवासियों ने बताया कि यहां पर जर्जर मकान को गिराने का प्रोसेस काफी लंबे समय से चल रहा है। बीते करीब छह माह पहले रेलवे प्रशासन ने करीब बीस अधिक मकानों को ढहा दिया था, लेकिन बीच में गली आने के बाद आगे का प्रोसेस बंद कर दिया था। ऐसे में अगर उन सभी मकानों को ढहा दिया जाता तो शायद सतीश और उसका परिवार हम सब के बीच होता।

70 परसेंट अवैध लोग रह रहे

अधिकारियों के मुताबिक, इस रेलवे कालोनी में 150 से अधिक मकान हैं। जिसमें 200 के करीब परिवार रहते हैं। जर्जर मकानों को खाली कराने को लेकर कई बार रेलवे खाली करने का आदेश दे चुका है। उसके बावजूद भी लोग मकान छोडऩे को तैयार नहीं है। इनमें से 70 फीसद मकान ऐसे हैं जिसमें लोग अवैध रूप से रह रहे हैं।

आसपास के कालोनी का भी यही हाल

बता दें कि अगर समय रहते रेलवे प्रशासन नहीं जागा तो रेलवे कालोनी में रह रहे सैकड़ों लोगों की जान जा सकती है। फतेह अली तालाब के ही आस-पास का भी यही हाल है। रेलवे अस्पताल के सामने पिंजरे वाली गली, स्टेशन रोड, चर्च रोड रेलवे कालोनी में भी सैकड़ों की संख्या में जर्जर मकान हैं। वहीं, रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पिछले दिनों कई जर्जर मकानों को ढहाया गया है। इसके अलावा अन्य जर्जर मकानों को भी ढहाने का प्रोसेस चल रहा है। जल्द ही ऐसे मकानों पर एक्शन लिया जाएगा।