लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में स्ट्रीट डॉग्स के काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिसके चलते विभिन्न सरकारी अस्पतालों में रोजाना 100 से अधिक लोग डॉग्स द्वारा काटे जाने पर एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं। इनमें से कई मरीजों की हालत बेहद गंभीर होती है। बड़ी संख्या में निजी अस्पतालों में भी लोग एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने जाते हैं, इसलिए यह आंकड़ा और अधिक हो सकता है।

हर माह 500 से अधिक एआरवी लग रहीं

सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ। राजेश श्रीवास्तव के मुताबिक, अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन लगने की संख्या हर दिन अलग रहती है। कभी 50 तो कभी संख्या 100 के पार चली जाती है। वहीं, पूरे माह की बात करें तो करीब 500-550 के बीच एंटी रेबीज वैक्सीन लग रही हैं। लोगों को चाहिए कि जैसे ही कोई डॉग काटे तो तुरंत सरकारी अस्पताल पहुंचकर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाएं। सरकारी अस्पतालों में यह पूरी तरह से फ्री में लगती है। वहीं, बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ। अतुल मेहरोत्रा ने बताया कि एंटी रेबीज वैक्सीन के कुल पांच इंजेक्शन लगते हैं। पहला, जिस दिन डॉग ने काटा हो। इसके बाद तीसरे दिन, सातवें दिन, 14वें दिन और आखिरी 28वें दिन पर लगवाना चाहिए। अस्पताल में रोजाना 100 से अधिक एआरवी लग रही हैं। अस्पताल के पास पर्याप्त मात्रा में एआरवी मौजूद हैं।

एक-चौथाई नए केस आते हैं

लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल में बड़ी संख्या में डॉग बाइट के केस आ रहे हैं। रोजाना करीब 100 के आसपास एंटी रेबीज वैक्सीन लग रही हैं, जिसमें एक-चौथाई नए मामले होते हैं, बाकि मरीजों में अगली वैक्सीन की डोज लगती है। वैसे भी बरसात के सीजन में डॉग बाइट के केस थोड़े अधिक हो जाते है, इसलिए स्ट्रीट डॉग से बचकर रहना चाहिए।

डॉग काटे तो 10 दिनों तक देखें

केजीएमयू में माइक्रोबायलॉजिस्ट डॉ। शीतल वर्मा ने बताया कि स्ट्रीट डॉग से रेबीज का खतरा इसलिए अधिक होता है क्योंकि उनका वैक्सीनेशन नहीं होता है। डॉग्स में रेबीज का भले ही कोई लक्षण न दिखे, लेकिन फिर भी वे रेबीज वायरस लेकर घूमते हैं। इनकी लार में वायरस होता है। अगर किसी को डॉग ने काट लिया है तो उस डॉग को करीब 10 दिनों तक जरूर देखें। क्योंकि उनमें बीमारी के लक्षण 10 दिनों में दिखने लगते हैं। अग्रेशन, अत्याधिक लार बनना, हर किसी को काटने के लिए दौड़ना या फिर पानी से डर लगना आदि जैसे बदलाव इसके लक्षणों में शामिल हैं। रेबीज वायरस संक्रमित डॉग की लार में होता है। इसलिए अगर किसी को कोई चोट या घाव है तो उसे डॉग्स से दूर रहना चाहिए। अगर घाव डॉग की लार या छीटों के संपर्क में आ गया, तो रेबीज होने का खतरा बढ़ सकता है।

डॉग काटे तो यह करें

- खून निकलने पर घाव या चोट के आसपास साफ तौलिया या रुई लगाएं

- चोट वाले हिस्से को साबुन और पानी से अच्छी तरह साफ करें

- अगर एंटीबायोटिक क्रीम है तो घाव पर लगाएं

- घाव पर साफ बैंडेज लगाएं और तत्काल डॉक्टर के पास जाएं

- डॉग काटने के 24 घंटे के भीतर वैक्सीन लगवानी चाहिए

यह बिल्कुल न करें

- घाव को तुरंत स्टिच न करें

- खुद से कोई घरेलु उपाय न करें

- डॉग बाइट या स्क्रैच को छुपायें नहीं

डॉग के काटने पर उसे 10 दिनों तक आब्जर्व करना चाहिए। अगर कोई बदलाव आता है तो तुरंत इसकी जानकारी दें। डॉग ही नहीं कोई अन्य जानवर भी काटे तो तुरंत वैक्सीन लगवानी चाहिए।

-डॉ। शीतल वर्मा, केजीएमयू