मध्य कमान आफिसर्स मेस के इंचार्ज का पद छोड़ना था मृतक को, सेना ने दिए जांच के आदेश, घायल की भी हालत गंभीर

LUCKNOW: सेना की सबसे बड़ी मध्य कमान आफिसर्स मेस के इंचार्ज पद पर तैनात जूनियर कमीशंड अधिकारी की गले पर वार कर हत्या कर दी गई। जबकि, मृतक जेसीओ के साथ पिछले पांच दिनों से दायित्व हस्तांतरण की प्रक्रिया में लगा दूसरा जेसीओ संदिग्ध रूप से गंभीर हालत में कमांड अस्पताल पहुंच गया। वहां उसे आनन फानन आइसीयू में भर्ती कराया गया। मध्य यूपी सब एरिया मुख्यालय ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

कमांड आफिसर्स मेस के इंचार्ज पद पर दार्जिलिंग निवासी 11 जीआरआरसी के नायब सूबेदार पेम्बा बहादुर शेरपा (44) तैनात थे। उनको यह चार्ज 11 जीआरआरसी के ही ईस्ट नेपाल के ईरम जिले के रहने वाले सूबेदार रमेश कुमार राई को सौंपना था। चार्ज एक-दूसरे को हस्तांतरित करने से पहले दोनों ही पिछले पांच दिनों से एक साथ काम कर रहे थे। नायब सूबेदार पेम्बा बहादुर शेरपा कमांड आफिसर्स मेस में ही बने एक कमरे में अकेले रहते थे। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को सूबेदार रमेश कुमार राई को इंचार्ज का पद हासिल करना था। लेकिन, शुक्रवार दोपहर 12:30 बजे घायल अवस्था में वह छावनी के कमांड अस्पताल पहुंच गए। घायल रमेश कुमार राई को आइसीयू में भेज दिया गया, जबकि सेना के एक जवान ने जब नायब सूबेदार पेम्बा बहादुर शेरपा को कई बार फोन किया तो उनका मोबाइल फोन नहीं उठा। दोपहर 1:30 बजे कमांड आफिसर्स मेस के कमरे को खोलकर देखा गया तो वहां नायब सूबेदार पेम्बा बहादुर शेरपा घायल मिले। उनके गले पर खुकरी के कई वार थे। आनन फानन उन्हें कमांड अस्तपाल ले जाया गया, जहां उनको मृत घोषित कर दिया गया।

घायल जेसीओ खोलेगा राज

सेना के एक जेसीओ की छावनी के सबसे सुरक्षित कस्तूरबा रोड स्थित आफिसर्स मेस के भीतर बने एक कमरे में हत्या कर दी गई। इस जगह के ठीक सामने मध्य कमान के सेनाध्यक्ष का आवास और मध्य कमान मुख्यालय भी है। अब यह हत्या दायित्व हस्तांतरण को लेकर हुए विवाद के कारण हुई या फिर इसके पीछे कोई और वजह है? यह आइसीयू में भर्ती घायल जेसीओ से ही पता चल सकेगा। हालांकि, मेस में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

शहर में थे कर्नल ऑफ रेजीमेंट

जिस 11 जीआरआरसी के एक जेसीओ की शुक्रवार को हत्या हो गई और दूसरा संदिग्ध हालत में अस्तपाल पहुंच गया, उस रेजीमेंट के कर्नल ऑफ द रेजीमेंट पूर्वी कमान के सेनाध्यक्ष ले। जनरल अनिल चौहान शुक्रवार को लखनऊ में थे। यहां 11 जीआरआरसी में एक भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए ले। जनरल अनिल चौहान गुरुवार को लखनऊ आ गए थे। शुक्रवार को हुई सनसनीखेज घटना के बाद कर्नल ऑफ द रेजीमेंट वापस लौट गए।

सीडीएस भी हैं इसी रेजीमेंट से

देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी गोरखा राइफल्स से ही हैं। इस रेजीमेंट के हर बड़े कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सीडीएस जनरल रावत लखनऊ आते हैं। ले। जनरल चौहान से पहले तब सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ही 11 जीआरआरसी के कर्नल ऑफ द रेजीमेंट थे।

एक जेसीओ गंभीर रूप से घायल अवस्था में कमांड अस्पताल की आइसीयू में भर्ती है, जबकि एक अन्य जेसीओ की हत्या हो गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। सेना भी अपने स्तर से घटना से जुड़े साक्ष्य जुटा रही है। जल्द ही पूरी घटना की हकीकत सामने होगी।

- शांतनु प्रताप सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, मध्य कमान मुख्यालय